हाथों में किताब-संसार १९७१
फूल तो लिए ही जा सकते हैं. फ़िल्मी गीत का हीरो तो हाथ
में हेलिकोप्टर भी पकड़ सकता है फूल क्या चीज़ है.
इसलिए कुछ भी संभव है. हेलिकोप्टर खिलौने वाला नहीं बड़ा
वाला. आपके दिमाग में खिलौने वाला क्यूँ आया जी. क्या आपने
रजनीकांत की या दक्षिण की लेटेस्ट फ़िल्में नहीं फ़िल्में देखी हैं?
सुनते हैं संसार फिल्म से अगला गीत किशोर कुमार की आवाज़
में. बोल एक बार फिर से साहिर के हैं और संगीत चित्रगुप्त का.
जुल्फों में किसी ज़माने में जूं अटका करती थी. समय ने बहुत
कुछ बदल दिया. अब डेंड्रफ अटक जाया करती है. इस गीत में
जुलाब शब्द ना ढूँढें, नहीं मिलेगा.
गीत के बोल:
हाथों में किताब बालों में गुलाब करना है आज किसी का हिसाब
मेरी जान इरादा क्या है हाँ मेरी जान इरादा क्या है
हाथों में किताब बालों में गुलाब करना है आज किसी का हिसाब
मेरी जान इरादा क्या है हाँ मेरी जान इरादा क्या है
कर जा ज़रा नज़र से बात मुंह ना फिर अदा के साथ
कर जा ज़रा नज़र से बात मुंह ना फिर अदा के साथ
जुल्फों को दे ना झटके जुल्फों में दिल है अटका
बहुत दिन बीते अकले जीते रोज नहीं टाल यारों का सवाल
पीछे लगे आज हुआ आधा साल
मेरी जान इरादा क्या है मेरी जान इरादा क्या है
उफ़ ये तेरी लचकती चाल दिल का मेरे बुरा है हाल
उफ़ ये तेरी लचकती चाल दिल का मेरे बुरा है हाल
थोडा सा रुक के हंस जा मतलब ये है के फंस जा
बहुत दिन बीते अकले जीते कटे नहीं रात बने नहीं बात
जागा जागा प्यार मांगे तेरा हाथ
मेरी जान इरादा क्या है हाँ मेरी जान इरादा क्या है
यूँ भी किसी का देगी साथ मेहँदी रचेगी तेरे हाथ
यूँ भी किसी का देगी साथ मेहँदी रचेगी तेरे हाथ
होना तो है परायी मुझ में है क्या बुराई
बहुत दिन बीते अकले जीते तेरा ये गुलाम पूछे दिल थाम
राज़ी है तो बोल भेजूं पैगाम
मेरी जान इरादा क्या है हाँ मेरी जान इरादा क्या है
हाथों में किताब बालों में गुलाब करना है आज किसी का हिसाब
मेरी जान इरादा क्या है हाँ मेरी जान इरादा क्या है
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Hathon mein kitaab-Sansar 1971
Artists: Nanin Nishchal, Anupama
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