कभी तेरा दामन ना-नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे १९६६
हो तो वे बॉक्स ऑफिस पर धराशायी होने में ज़रा भी समय
नहीं लगातीं. वजन से तात्पर्य कहानी में दम से है. कहानी
भले ही घिसी पिटी हो मगर तडका बढ़िया वाला चाहिए.
जनता अँधेरे से और कम रौशनी वाले रेस्टोरेंट में दो दिन
बासी दाल केवल बढ़िया तडके की वजह से ही खा जाती है.
सुनते हैं सन १९६६ की फिल्म से एक गीत रफ़ी और आशा
की आवाज़ में. राजेंद्र कृष्ण के बोल हैं और मदन मोहन का
संगीत.
https://www.youtube.com/watch?v=ZRuLC0uLXG8
गीत के बोल:
कभी तेरा दामन ना छोड़ेंगे हम हाय
कभी तेरा दामन ना छोड़ेंगे हम
चाहे ज़माना करे लाखों सितम हाँ
चाहे ज़माना करे लाखों सितम हाय
कभी तेरा दामन ना छोड़ेंगे हम हाय
कभी तेरा दामन ना छोड़ेंगे हम
सनम मेरी जन्नत है तेरे कदम हाय
सनम मेरी जन्नत है तेरे कदम हाय
कभी तेरा दामन ना छोड़ेंगे हम हाय
कभी तेरा दामन
मोहब्बत के शोलों में जलता रहूँगा
तेरा नाम ले के मैं चलता रहूँगा
ठोकर भी खा के संभालता रहूँगा
बड़े हैं मोहब्बत के हम पे करम हाय
बड़े हैं मोहब्बत के हम पे करम हाय
कभी तेरा दामन
देंगी सहारा जो तेरी निगाहें
तो आसान होंगी मोहब्बत की राहें
के मंजिल है मेरी ये तेरी ही बाहें
चले हैं सफर पे ये खा के कसम
हाँ चले हैं सफर पे ये खा के कसम
कभी तेरा दामन ना छोड़ेंगे हम हाय
कभी तेरा दामन
मचलती उम्मीदें इरादे जवान हैं
के बस में हमारे ये ज़मीन आसमान हैं
मोहब्बत वहीँ है के हम तुम जहाँ हैं
मिला कर गले कदम से कदम हाँ
मिला कर गले कदम से कदम
कभी तेरा दामन ना छोड़ेंगे हम हाय
कभी तेरा दामन
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Kabhi tera daman na-Neend hamari khwab tumhare 1966
Artists: Shashi Kapoor, Nanda
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