Oct 24, 2019

पी की नजर गोरे तन से-महाराजा १९७०

दुर्लभ गीत के साथ दुर्लभता का कोई पहलू तो जुड़ा
होना ही चाहिए. अब उदाहरण के लिए आपको एक
गेटे सुनवाते हैं जिसमें अभिनेत्री नूतन आपको नाचती
नज़र आएंगी. श्वेत श्याम युग की बात और हैं मगर
७० के दशक की फिल्मों में ये देखना एक दुर्लभ
अनुभव है.

दुर्लभता थोड़ी सी ही सही एक मामले में और है-गीत
लिखने वाले इन्दीवर हैं जिन्होंने मदन मोहन के लिए
थोड़े से गाने ही लिखे हैं. दुर्लभ बात एक और भी हो
सकती है-संजय खान के साथ नूतन की फिल्म.




गीत के बोल:

पी की नजर गोरे तन से लिपट गई
अंग चुरा के गुईयां मैं तो सिमट गई
मन को भाये पर नैना लजाये रे
मन को भाये पर नैना लजाये रे
पी की नजर गोरे तन से लिपट गई
अंग चुरा के गुईयां मैं तो सिमट गई
मन को भाये पर नैना लजाये रे
मन को भाये पर नैना लजाये रे
पी की नजर गोरे तन से लिपट गई

देखो अभी से पकड़ो न बैयाँ
बैयाँ पकड़ना जो चाहो तो सैयां
देखो अभी से
देखो अभी से पकड़ो न बैयाँ
बैयाँ पकड़ना जो चाहो तो सैयां
डोली मंगाई लो चुनरिया चढ़ाई दो
कंगन पहनाई दो दुल्हनिया बनाई लो
फिर तोहरे संग चलूंगी साजना हाँ
फिर तोहरे संग चलूंगी साजना

पी की नजर गोरे तन से लिपट गई
पी की नजर गोरे तन से लिपट गई
अंग चुरा के गुईयां मैं तो सिमट गई
मन को भाये पर नैना लजाये रे
मन को भाये पर नैना लजाये रे
पी की नजर गोरे तन से लिपट गई

इतरा के सेजिया पे सोयी थी मैं तो
सपनों की दिनया में खोयी थी मैं तो
इतरा के सेजिया पे सोयी थी मैं तो
सपनों की दिनया में खोयी थी मैं तो
सैयां नी आ के उडाई दी निंदिया
माथे पे होंठों की लगाये दी बिंदिया
भरा मांग में सिन्दूर मेरा डर किया दूर
बड़े प्यार से पिया ने पहनाए कंगना
बड़े प्यार से पिया ने पहनाए कंगना

पी की नजर गोरे तन से लिपट गई
पी की नजर गोरे तन से लिपट गई
अंग चुरा के गुईयां मैं तो सिमट गई
मन को भाये पर नैना लजाये रे
मन को भाये पर नैना लजाये रे
पी की नजर गोरे तन से लिपट गई

सूरज मुखी है सजना हमारा
जलती हैं सखियाँ भी इतना है प्यारा
सूरज मुखी है
सूरज मुखी है सजना हमारा
जलती हैं सखियाँ भी इतना है प्यारा
फूलों सा मन है किरण सा बदन है
आँखों में हीरे और साँसों में चमन है
किस किस से छुपाऊँ साजन अपना
किस किस से छुपाऊँ साजन अपना
पी की नजर गोरे तन से लिपट गई
पी की नजर गोरे तन से लिपट गई
अंग चुरा के गुईयां मैं तो सिमट गई
मन को भाये पर नैना लजाये रे
मन को भाये पर नैना लजाये रे
पी की नजर गोरे तन से लिपट गई
…………………………………………….
Pi ki nazar gore tan se lipat gayi-Maharaja 1970

Artists: Nutan, Sanjay Khan

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