हवा सर्द है-बोल राधा बोल १९९२
बार सर्द है.
फिल्मे के कथानक में नायक का डबल रोल है. ये दूसरा
वाला है जिसको नायिका दारू पिला पिला के टल्ली कर
रही है और बेवकूफ बना रही है.
गीत समीर का है और संगीत आनंद मिलिंद का. इसे
गाया है अभिजीत और कविता कृष्णमूर्ति ने. फिल्मों में
अगर आपने एक बात पर गौर किया हो कभी-हीरो को
सर्दी ज्यादा लगा करती है हीरोईन के बजाये. ये हीरो
मोटे मोटे जैकेट पहन लेते हैं मगर नायिकायें सामान्य
कपड़ों में ही ज्यादा नज़र आती हैं.
गीत के बोल:
हवा सर्द है खिडकी बंद कर लो
हवा सर्द है खिडकी बंद कर लो
बंद कमरे में
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो
पास बैठो
ओ पास बैठो ज़रा बातें चंद कर लो
पास बैठो ज़रा बातें चंद कर लो
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो
सुरमई घटा शबनमी समां
दिल में प्यास है धडकनें जवां
सुरमई घटा शबनमी समां
दिल में प्यास है धडकनें जवां
ऐसे में हम भला अब दूर क्यूँ रहें
मिल के जुदाई का ये दर्द क्यूँ सहें
छू के गुलाबी लबों से
छाने लगा है नशा
बाहों में आ के तेरी
क्यूँ आने लगा है मज़ा
अपनी निगाहों में नज़रबंद कर लो
पास बैठो ज़रा बातें चंद कर लो
पास बैठो ज़रा बातें चंद कर लो
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो
सिर्फ हम यहाँ तीसरा नहीं
बीत जाए न वक्त ये हसीं
सिर्फ हम यहाँ तीसरा नहीं
बीत जाए न वक्त ये हसीं
दूरी नहीं कोई दोनों के दरमियां
किस्मत से है मिला ये मौका दिलरुबा
ये मेरे दिल की सदा
हाय मुझको गले से लगा
साँसों में तुझको बसा लूं
आ मेरी बाहों में आ
हुस्न के जलवों को तुम पसंद कर लो
हवा सर्द है खिडकी बंद कर लो
हवा सर्द है खिडकी बंद कर लो
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो
हवा सर्द है खिडकी बंद कर लो
हवा सर्द है खिडकी बंद कर लो
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो
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Hawaa sard hai khidki-Bol Radha bol 1992
Artists: Rishi Kapoor, Juhi Chawla
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