सजना लगन तेरी सोने-दुनिया न माने १९५९
फिल्म की कहानी दर्शक को सोने नहीं देती. खटमल बैठने नहीं
देते और मच्छर उठने नहीं देते. क्या ज़ालिम ज़माना आ गया
है. पहले पहले लगता था कि मल्टीप्लेक्स में खटमल नहीं होते
मगर अब वहाँ भी मौजूद हैं.
जो दर्शक इमानदारी से केवल सोने के लिए टिकट खरीद कर
सिनेमा हॉल में घुसता है उसके साथ अन्याय है ये सब.
खैर छोड़े ये सब, आज के गीत पर चर्चा कर लेते हैं थोड़ी सी.
हमने आपको इस फिल्म से चलने वाले दो गीत सुनवाए थे.
अब उन गीतों में चलना शब्द था इसलिए चले. बाकियों का
पता नहीं.
प्रस्तुत गीत लिखा है राजेंद्र कृष्ण ने और मदन मोहन इसकी
धुनें के जिम्मेवार हैं. इसे लता मंगेशकर ने गाया है. थ्योरी के
अनुसार, मदन मोहन के संगीत वाले लता मंगेशकर के गीत
सभी मधुर हैं और बढ़िया हैं. थ्योरी को हम भी ७० प्रतिशत
तक मानते हैं जी.
गीत के बोल:
सजना सजना सजना
सजना लगन तेरी सोने न दे
सजना लगन तेरी सोने न दे
रोना भी चाहूं तो रोने न दे
सजना लगन तेरी सोने न दे
समझे तो समझे ये दिल हार के
समझे तो समझे ये दिल हार के
दर्द अनोखे बड़े होते हैं प्यार के
हाय बैरी प्यार के
सजना लगन तेरी सोने न दे
सजना लगन तेरी सोने न दे
अपने पराये मेरी समझें न बतियां
अपने पराये मेरी समझें न बतियां
किस संग बोल के बिताऊं काली रतियां
काली काली रतियां
सजना लगन तेरी सोने न दे
सजना लगन तेरी सोने न दे
सजना लगन तेरी सोने न दे
कितनी कठिन हैं प्यार की रस्में
कितनी कठिन हैं प्यार की रस्में
अपनी ही निंदिया वो भी न बस में
हाय मेरे बस में
सजना लगन तेरी सोने न दे
सजना लगन तेरी सोने न दे
रोना भी चाहूं तो रोने न दे
सजना लगन तेरी सोने न दे
...............................................................
Sajna teri lagan sone na de-Duniya na mane 1959
Artist: Mala Sinha
0 comments:
Post a Comment