Nov 27, 2019

जब चली ठंडी हवा-दो बदन १९६६

ठण्ड के मौसम में ठंडी हवा चलती है तो ठण्ड के
उल्लेख वाले गाने याद आना लाजमी है. Eyes-creem
भी याद आती है. जी हाँ, एक पार्लर पर मैंने यही
लिखा देखा था. पब्लिक काफी इनोवेटिव है भाषा
को ले कर.

सुनते हैं फिल्म दो बदन से एक गीत आशा भोंसले का
गाया हुआ. शकील बदायूनीं की रचना है और रवि का
संगीत. आशा पारेख इसे परदे पर गा रही हैं. गजब का
सिंक्रोनाईजेशन है बलखाती बालाओं और फूलों के बीच.
हवा काफी तेज चल रही है इसलिए फूल लहरा रहे हैं.
बाकी के सब निर्देशक के इशारे पर लहरा रहे हैं सिवाय
नायिका के.





गीत के बोल:

जब चली ठंडी हवा जब उठी काली घटा
मुझको ए जाने वफ़ा तुम याद आये
जब चली ठंडी हवा जब उठी काली घटा
मुझको ए जाने वफ़ा तुम याद आये

जिन्दगी की दास्तां चाहे जितनी हो हंसी
बिन तुम्हारे कुछ नहीं बिन तुम्हारे कुछ नहीं
क्या मज़ा आता सनम आज भूले से कहीं
तुम भी आ जाते यहीं तुम भी आ जाते यहीं
ये बहारें ये फ़िज़ा देख कर ओ दिलरुबा
जाने क्या दिल को हुआ तुम याद आये

जब चली ठंडी हवा जब उठी काली घटा
मुझको ए जाने वफ़ा तुम याद आये

ये नज़ारे ये समा और फिर इतने जवां
हाय रे ये मस्तियाँ हाय रे ये मस्तियाँ
ऐसा लगता है मुझे जैसे तुम नज़दीक हो
इस चमन से जाने जां इस चमन से जाने जां
सुन के पी पी की सदा दिल धड़कता है मेरा
आज पहले के सिवा तुम याद आये

जब चली ठंडी हवा जब उठी काली घटा
मुझको ए जाने वफ़ा तुम याद आये
……………………………………………….
Jab chali thandi hawa-Do badan 1966

Artists: Asha Parekh,

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