Nov 29, 2019

लो आ गई उनकी याद-दो बदन १९६६

सन १९६६ की फिल्म दो बदन का निर्देशन राज खोसला
ने किया था. सस्पेंस फिल्मों से अलग राज खोसला ने
एक गंभीर प्रेम कहानी को भी बखूबी संभाला.

फिल्म का अंत दुखांत है और इसमें दर्द भरे गीत ज्यादा
हैं. ऐसे कथानकों को बिना हास्य प्रसंगों और हलके-फुल्के
गीतों के सफल करा पाना आसान काम नहीं होता.

सुनते हैं फिल्म से लता मंगेशकर का गाया हुआ एक
दर्द भरा गीत. गीत शकील का है और संगीत रवि का.





गीत के बोल:

लो आ गई उनकी याद
वो नहीं आये
लो आ गई उनकी याद
वो नहीं आये

दिल उन को ढूंढता है
ग़म का सिंगार कर के
आँखें भी थक गई हैं
अब इंतज़ार कर के
आँखें भी थक गई हैं
अब इंतज़ार कर के
इक साँस रह गई है
वो भी न टूट जाये

लो आ गई उनकी याद
वो नहीं आये

रोती हैं आज हम पर
तन्हाईयाँ हमारी
रोती हैं आज हम पर
तन्हाईयाँ हमारी
वो भी न पायें शायद
परछाईयां हमारी
बढ़ते ही जा रहे हैं
मायूसियों के साये

लो आ गई उनकी याद
वो नहीं आये

लौ थरथरा रही है
अब शम्मे जिंदगी की
उजड़ी हुई मुहब्बत
मेहमां है दो घड़ी की
उजड़ी हुई मुहब्बत
मेहमां है दो घड़ी की
मर कर ही अब मिलेंगे
जी कर तो मिल न पाये

लो आ गई उनकी याद
वो नहीं आये
लो आ गई उनकी याद
वो नहीं आये
……………………………………………
Lo aa gayi unki yaad-Do badan 1966

Artists: Asha Parekh,

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