Nov 28, 2019

मत जइयो नौकरिया छोड़ के-दो बदन १९६६

नायिका के सौजन्य से नायक को नौकरी मिल जाती
है. नायिका गीत के ज़रिये निवेदन कर रही है कि वो
नौकरी छोड़ के ना जाए.

नौकर, नौकरी शब्दों का प्रयोग गीतों और फिल्मों के
नामों में ज्यादा नहीं हुआ है. इस पर अभी और काम
किया जाना बाकी है बॉलीवुड में.

शकील बदायूनीं की रचना को आशा भोंसले ने रवि की
धुन पर गाया है. आशा पारेख और मनोज कुमार पर
फिल्माया गया ये गीत लोकप्रिय रहा है अपने समय में.




गीत के बोल:

मत जइयो नौकरिया छोड़ के
तोरे पैयां पडूं बलमा
मत जइयो नौकरिया छोड़ के
तोरे पैयां पडूं बलमा
मत जइयो नौकरिया छोड़ के
तोरे पैयां पडूं बलमा
तोरे पैयां पडूं मैं बिनती करूँ
तोरे पैयां पडूं मैं बिनती करूँ
मत जइयो नौकरिया छोड़ के
तोरे पैयां पडूं बलमा
मत जइयो नौकरिया छोड़ के

देख पिया परदेस में ऐसी
रूप की छाया नाहीं मिलेगी
देख पिया परदेस में ऐसी
रूप की छाया नाहीं मिलेगी
पैसा रुपया मिल जायेगा

प्रेम की माया नाहीं मिलेगी
प्रीत नहीं तो कुछ भी नहीं है
साँची कहूँ बलमा

मत जइयो नौकरिया छोड़ के
तोरे पैयां पडूं बलमा
मत जइयो नौकरिया छोड़ के

प्रीत करो और रीत न जानो
तुम तो हो सैयां एक अनाड़ी
प्रीत करो और रीत न जानो
तुम तो हो सैयां एक अनाड़ी
भूल भई ये मोसे प्रीतम
जो मैं जियरवा तोसे हारी
जाओ मैं तुम से ना बोलूंगी
साँची कहूँ बलमा

मत जइयो नौकरिया छोड़ के
तोरे पैयां पडूं बलमा
मत जइयो नौकरिया छोड़ के

दीपक लई के ढूंढ लो जग में
हमसी मोहनिया ना पाओगे
दीपक लई के ढूंढ लो जग में
हमसी मोहनिया ना पाओगे
जिस के गोरे गाल पे तिल हो
ऐसी सजनिया ना पाओगे
हम से बिछड़ के पछताओगे

साँची कहूँ बलमा

मत जइयो नौकरिया छोड़ के
तोरे पैयां पडूं बलमा
मत जइयो नौकरिया छोड़ के
……………………………………
Mat jaiyo naukariya chhod ke-Do badan 1966

Artists: Asha Parekh, Manoj Kumar

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