आना आना अटरिया पे आना-कल्पना १९६०
वाला एक गीत है. एक और गीत उपलब्ध है अटरिया
वाला ये है श्वेत श्याम युग से.
लोक धुनों का प्रयोग फ़िल्मी गीतों में खूब हुआ है.
ये जब से फिल्म संगीत की शुरुआत हुई तभी से
हो रहा है.
आज एक गीत सुनते हैं जिसे सुन के सबसे पहले
तो शराबी के गीत-जहाँ चार यार मिल जाएँ की
याद आती है. और भी हैं अगर आप दिमाग पर
जोर डालें तो याद आते जायेंगे.
राजा मेहँदी अली खान की रचना को स्वर दिया है
आशा भोंसले ने ओ पी नैयर के संगीत निर्देशन में.
गीत के बोल:
अना आना ओ बाबू रे
आना आना हा हा
आना आना अटरिया पे आना
आना आना अटरिया पे आना
देख ले चाहे सारा ज़माना
हो आना आना अटरिया पे आना
देख ले चाहे सारा ज़माना
हो हो हो हो हो ओ ओ ओ ओ ओ
प्यार लाई मैं दिल में छुपा के
प्यार लाई मैं दिल में छुपा के
देख ले एक नजर मुस्कुरा के
हो देख ले एक नजर मुस्कुरा के
मेरी आँखों से झांके है प्यार बार बार
आना आना
आना आना अटरिया पे आना
देख ले चाहे सारा ज़माना
आना आना अटरिया पे आना
देख ले चाहे सारा ज़माना
हो हो हो हो हो ओ ओ ओ ओ ओ
मैं कहीं हूँ मेरा दिल कहीं है
मैं कहीं हूँ मेरा दिल कहीं है
मेरा दिल मेरे बस में नहीं है
ओ मेरा दिल मेरे बस में नहीं है
छीन लेता है कोई करार बार बार
आना आना
आना आना अटरिया पे आना
देख ले चाहे सारा ज़माना
आना आना अटरिया पे आना
देख ले चाहे सारा ज़माना
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Aana aana atariya pe aana-Kalpana 1960
Artists: Padmini, Ashok Kumar
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