सोच समझ ले ओ परवाने-अपना घर १९६०
उसे कहीं कहीं मैंने ghar की जगह ghur लिखा देखा.
हिंदी में घुर पढ़ने में आता. घर घर की कहानी बन
जाती घुर घुर की कहानी.
मधुमती, लक्ष्मी छाया, फरयाल इत्यादि के अलावा भी
कई ऐसी सहायक अभिनेत्रियां हैं जिन्होंने अपने होने
का आभास दिया फिल्म उद्योग को. प्रस्तुत गीत कम्मो
नाम की अभिनेत्री पर फिल्माया गया है.
गीत प्रेम धवन का है और इसकी धुन तैयार की है
रवि ने. गायिका को आप पहचान ही गए होंगे.
गीत के बोल:
सोच समझ ले ओ परवाने
जल जाना आसान नहीं
सोच समझ ले ओ परवाने
जल जाना आसान नहीं
तेरी नज़र पहचान गई
मै इतनी तो नादान नहीं
सोच समझ ले ओ परवाने
जल जाना आसान नहीं
फिर न कहना इन जुल्फों के फंदे में हम आ गये
बड़े बड़े दिल वाले इन नज़रों का धोखा खा गये
फिर न कहना इन जुल्फों के फंदे में हम आ गये
बड़े बड़े दिल वाले इन नज़रों का धोखा खा गये
कौन सा ऐसा दिल वाला है
कौन सा दिल वाला है जो मुझ पर कुर्बान नहीं
सोच समझ ले ओ परवाने
जल जाना आसान नहीं
सोच समझ ले ओ परवाने
जल जाना आसान नहीं
तेरी नज़र पहचान गई
सोच समझ ले ओ परवाने
जल जाना आसान नहीं
जल जाना आसान नहीं
तेरी नज़र पहचान गयी
मै इतनी तो नादाँ नहीं
सोच समझे ओ परवाने
जल जाना आसान नाही
इस महफ़िल में जो भी आया वो दीवाना हो गया
दुनिया तो क्या अपने से भी वो बेगाना हो गया
इस महफ़िल में जो भी आया वो दीवाना हो गया
दुनिया तो क्या अपने से भी वो बेगाना हो गया
ये भी अदायें ना जाने तू
ये भी अदायें ना जाने तू इतना तो अनजान नहीं
सोच समझ ले ओ परवाने
जल जाना आसान नहीं
सोच समझ ले ओ परवाने
जल जाना आसान नहीं
तेरी नज़र पहचान गई
सोच समझ ले ओ परवाने
जल जाना आसान नहीं
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
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Soch samajh le o parwane-Apna Ghar 1960
Artists: Kammo, Premnath
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