चल पड़े जवान बदन-तू मेरी मैं तेरा १९७३
गडबड हो जाए किसी भी वजह से, तब गाडी में सवारी
का आनंद नहीं आता. ना ही चलाने वाले को और ना
ही बैठने वाले को.
शंकर जयकिशन की संगीतमय गाडी पटरी से उतरना
शुरू हुई ६० के दशक में और १९७१ में जोड़ी के एक
सदस्य के जाने के बाद दूसरा सदस्य उस झटके से
उबर नहीं पाया. वो जादू और करिश्मा उनके संगीत
से नदारद होता चला.
इन्दीवर के गीतों का जो असर कल्याणजी आनंदजी
और बप्पी लहरी के संगीत में दिखाई देता है वो किसी
और संगीतकार के साथ वाले गीतों में कम मात्रा में
दिखलाई देता है.
सुनते हैं तू मेरी मैं तेरा से एक गीत जिसे रफ़ी और
शारदा ने गाया है. गीत इन्दीवर का है और संगीत
शारदा का. सुनने लायक गीत है.- इसे एक बार सुन
लें.
गीत के बोल:
ओ हो हो ओ ओ ओ
हो हो हो हो हो ओ ओ ओ ओ
चल पड़े जवां बदन राहें बन गयीं चमन
किसको अपना होश है जवानियों का जोश है
चल पड़े जवां बदन राहें बन गयीं चमन
किसको अपना होश है जवानियों का जोश है
बिजलियों का है बदन और बदन में बिजलियाँ
ये हसीन वादियाँ और पर्वतों पे बदलियाँ
हो ओ ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
बिजलियों का है बदन और बदन में बिजलियाँ
ये हसीन वादियाँ और पर्वतों पे बदलियाँ
मुझपे तुम झुकी रहो जैसे धरती पे गगन
चल पड़े जवां बदन राहें बन गयीं चमन
किसको अपना होश है जवानियों का जोश है
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Chal pade jawan badan-Tu meri main tera 1973
Artists: Pata nahin kaun, Laxmi Chhaya
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