बलमा सिपहिया-दुश्मन १९७१
अपने हाथ की रेखाएं दिखलाने जाती है और ज्योतिषी
चूंकि फ़िल्मी है अपने अंदाज़ में उसको कुछ बतलाता
है. ये हैं जॉनी वॉकर. २५ पैसे में तीन सवाल का ऑफर
है. उस ज़माने में पच्चीस पैसे में काफी कुछ आ जाता
था.
खयाली पुलाव की विशेषता ये हैं कि उसे बिना फ्राईंग
पैन और कुकर के बनाया जा सकता है. इसमें किसी
सामग्री की आवश्यकता नहीं होती.
सुनते हैं लता मंगेशकर का गाया अपने ज़माने का
लोक-प्रिय गीत. जी हैं ये आम जनता को बहुत भाता
था, खास वर्ग का पता नहीं.
गीत के बोल
हो ओ ओ ओ बलमा सिपहिया
हाय रे तेरी दम्बूक से डर लागे
हो लागे रे जियरा धक् धक् धक् धक्
धक् धक् जोर से भागे
ओ रे बलमा सिपहिया
हाय रे तेरी दम्बूक से डर लागे
हो लागे रे जियरा धक् धक् धक् धक्
धक् धक् जोर से भागे
हो जियरा धक् धक् धक् धक्
धक् धक् जोर से भागे
शर्मा के प्रीतम तेरी प्रेम भरी बातों से
ढांप दिया रे जलता दीपक मैंने हाथों से
कल पीपल की छाँव में बातें होंगी गांव में
दैया री दैया हाय रे मेरी बैरन पड़ोसन जागे
जागे रे कंगना खन खन खन खन
खन खन बाजन लागे
बलमा सिपहिया
हाय रे तेरी दम्बूक से डर लागे
हो लागे रे जियरा धक् धक् धक् धक्
धक् धक् जोर से भागे
शाम को पकड़ा हाथ सवेरे तक ना छोड़ा रे
कैसे बेदर्दी से बाबुल ने नाता जोड़ा रे
तौबा राम दुहाई रे मुड गयी मेरी कलाई रे
मर गयी मैं नैया हाय रे जाने इब का हो
इसके आगे
बाजे रे पायल छन छन छन छन
छन छन जोर से बाजे
बलमा सिपहिया
हाय रे तेरी दम्बूक से डर लागे
हो लागे रे जियरा धक् धक् धक् धक्
धक् धक् जोर से भागे
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Balma Sipahiya-Dushman 1971
Artists: Mumtaz, Rajesh Khanna
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