क्या सोचता है ए दिल-सड़क १९९१
खो से गए हैं. ज़रूरी नहीं हर एल्बम के सारे गीत उतने
ही लोकप्रिय हों. हाँ, कुछ गीत लंबे समय तक सुनने
लायक होते हैं, ये एक ऐसा ही गाना है.
सुनते हैं रानी मालिक का लिखा हुआ एक गीत जिसे
गाया है अनुराधा पौडवाल ने. तबियत से लिखा गया ये
गीत है जिसमें जवाब है उस बेचैनी का जो प्यार के
कारण उत्पन्न होती है. सभी का वही हाल होता है अतः
अचरज की आवश्यकता नहीं. सभी के लट्टू गुल हो जाते
हैं.
इस गीत की धुन नदीम श्रवण ने तैयार की है.
गीत के बोल:
क्या सोचता है ए दिल क्या सवाल करता है
ये प्यार तो सभी का बुरा हाल करता है
क्या सोचता है ए दिल क्या सवाल करता है
ये प्यार तो सभी का बुरा हाल करता है
क्या सोचता है ए दिल
जिसने भी प्यार किया दिल का ऐतबार किया
हाँ जिसने भी प्यार किया दिल का ऐतबार किया
उसने तो खुद ही अपना बस जीना दुश्वार किया
पहते तो दिल लगा के
फिर दर्द मीठा पा के क्या ख्याल करता है
ये प्यार तो सभी का बुरा हाल करता है
क्या सोचता है ए दिल
जाता है इक नज़र में दिल का सुकून सारा
जाता है इक नज़र में दिल का सुकून सारा
देता जो बेकरारी लगता है वो ही प्यारा
क्या हम बतायें कैसे
मत पूछो कैसे कैसे ये कमाल करता है
ये प्यार तो सभी का बुरा हाल करता है
क्या सोचता है ए दिल क्या सवाल करता है
ये प्यार तो सभी का बुरा हाल करता है
क्या सोचता है ए दिल
क्या सोचता है ए दिल
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Kya sochta hai ae dil-Sadak 1991
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