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Mar 26, 2020

रहने को घर नहीं-सड़क १९९१

किसी भी व्यक्ति, मनुष्य या मानव और उसके परिवार का
रहन सहन का स्तर संसाधनों और सोच पर निर्भर करता
है. एक पीढ़ी के पास पैसा आ जाए तो ये ज़रूरी नहीं कि
उसकी अगली पीढ़ी का स्तर सुधर जाए. सुधार के लिए
पहली पीढ़ी को पहल करना पड़ेगी. स्तर में सुधार से ये
मतलब नहीं कि घर में हेलिकॉप्टर ला के रख दिया जाये.
समय के साथ साथ सोच में समृद्धि भी आना आवश्यक है.
इसके लिए ज़री वाला डायपर पहनने की भी ज़रूरत नहीं
है, कॉटन या नायलोन से भी काम चल जाता है.

एक सामान्य म्रूत्ति(mrootti as many of the people call it in
Delhi ) कार को बल्ले बल्ले करते हुए किसी उड़न कार के
माफिक सड़कों पर चलाने से भी स्तर में सुधार नहीं आता.
सभ्यता और संस्कारों के संगम के साथ साधनों के उचित
और optimum इस्तेमाल से ही ये संभव है. शौच(आलय)
को तो सुधार लिया सोच कब सुधरेगी हमारी?

हिपोक्रिटिक सोच से भी किसी का भला नहीं हो पाता. ये
भी पीढ़ी दर पीढ़ी चली आने वाली बीमारी है. जो पिछली
कई पीढ़ियों से संसाधन संपन्न हैं वे समाज के बाकी के
हिस्सों के बारे में अलग सोच रखते हैं. पहाड़ियों पर बसे
कुछ खास किस्म के अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ लेने से संस्कार
या संस्कृति भूत की तरह अंदर नहीं घुस जाती. उसके लिए
समाज के बीच रहना पड़ता है, मूल्यों को समझना पड़ता
है. अपने से नीचे वाली जनता को हेय दृष्टि से देखने से
क्या आपके सामाजिक दायित्व पूरे हो जाते हैं ?

कई ऐसे उदाहरण हैं जिनमें बढ़िया संस्थानों से पढ़े हुए
विद्यार्थी मल्टीनेशनल की नौकरियां ठुकरा कर आम जनता
के बीच काम कर रहे हैं. आम जनता के बीच काम करने
का मतलब NGO चलाने से नहीं है. हमारे देश में ढेर सारे
NGO फर्जीवाड़े के लिए चलाये जा रहे हैं. विदेश से मिलने
वाला पैसा हजम करने के लिए और काले धन को सफ़ेद
करने के लिए. सभी ऐसे नहीं हैं. कुछ NGO समर्पण भाव
से जनता के लिए सार्थक काम भी कर रहे हैं.

सड़क पर घूमने वाला ही सड़क छाप नहीं हो जाता. वो
पैदल घूम रहा है इसलिए सड़क छाप और आप चतुर्चक्रीय
वाहन में घूम रहे हैं इसलिए आप श्रेष्ठी वर्ग के, ऐसा नहीं
होता. प्रकृति के सिद्धांत सबके लिए एक समान होते हैं.
सिद्धांत के हिसाब से मानें तो सड़क पर हर घूमने वाला
सड़क छाप ही है. 

सुनते हैं फिल्म सड़क से एक गीत जिसमें सड़क पर रहने
वालों का दर्द १००-२०० ग्राम बांटा गया है. पूरे दर्द के लिए
३-४ मिनट के गाने में स्कोप कम होता है.

समीर का गीत है और इसे कुमार सानू, देवाशीष दासगुप्ता
संग जुनैद अख्तर ने गाया है. नदीम श्रवण ने धुन बनाई
है.



गीत के बोल:

रहने को घर नहीं सोने को बिस्तर नहीं
रहने को घर नहीं सोने को बिस्तर नहीं
अपना खुदा है रखवाला अब तक उसी ने है पाला
रहने को घर नहीं सोने को बिस्तर नहीं
रहने को घर नहीं सोने को बिस्तर नहीं
अपना खुदा है रखवाला अब तक उसी ने है पाला

अपनी तो जिंदगी कटती है फुटपाथ पे
ऊंचे ऊंचे ये महल अपने हैं किस काम के
हमको तो माँ बाप के जैसी लगती है सड़क
कोई भी अपना नहीं रिश्ते हैं बस नाम के
अपने जो साथ है ये अँधेरी रात है
अपने जो साथ है ये अँधेरी रात है
अपना नहीं है उजाला अब तक उसी ने है पाला

ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू
ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू

ये कैसा मुल्क है ये कैसी रीत है
याद करते हैं हमें लोग क्यूँ मरने के बाद
अंधे बहरों की बस्ती चारों तरफ अंधेर है
सबके सब लाचार हैं कौन सुन किसकी फ़रियाद
ऐसे में जीना है हमको तो पीना है
ऐसे में जीना है हमको तो पीना है
जीवन ज़हर का है प्याला अब तक उसी ने है पाला

रहने को घर नहीं सोने को बिस्तर नहीं
रहने को घर नहीं सोने को बिस्तर नहीं
अपना खुदा है रखवाला अब तक उसी ने है पाला
अपना खुदा है रखवाला अब तक उसी ने है पाला
………………………………………………………..
Rehne ko ghar nahin-Sadak 1991

Artists: Sanjay Dutt, Deepak Tijori, Neelima Azeem, Javed Khan

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Dec 30, 2019

मुहब्बत की है तुम्हारे लिये-सड़क १९९१

१० साल में कितना कुछ बदल जाता है, ये जुमला हम
इस्तेमाल करते थे ९० के दशक में. मिलेनियम वर्ष
अर्थात २००० के आने के बाद चीज़ों के बदलने की गति
तेज होती चली और अब हर दूसरे साल ये कहना पड़ता
है कि ज़माना कितना बदल गया है.

२०१२ तक आम आदमी को ये नहीं पता था कि जी डी पी
के पहले शब्द जी का अर्थ ग्रॉस है, ग्रास है या गाजर घास
है. अब वो इस पर खुले आम चर्चा करता मिलता है भले
ही इसका मतलब आज भी मालूम ना हो.

बदलाव शायद इसी को कहते हैं. एक अभियांत्रिकी का
छात्र चावल के पेड़ देखने का दावा कर सकता है तो
कुछ भी संभव है. हो सकता है भविष्य में चावल पेड़ पर
उगने शुरू हो जाएँ.

सुनते हैं सड़क फिल्म का युगल गीत कुमार सानू और
अनुराधा पौडवाल का गाया हुआ. समीर के बोलों को
सुरों में ढाला है नदीम श्रवण ने.




गीत के बोल:

मुहब्बत की है तुम्हारे लिये
मुहब्बत की है तुम्हारे लिये
जान भी दूँगा तुम्हारे लिये
जान भी दूँगा तुम्हारे लिये
बग़ावत की है तुम्हारे लिये
बग़ावत की है तुम्हारे लिये
जान भी दूँगी तुम्हारे लिये
जान भी दूँगी तुम्हारे लिये
मुहब्बत की है तुम्हारे लिये
मुहब्बत की है तुम्हारे लिये

ख़ुशियों की डफ़ली बजाते रहेंगे
ख़ुशियों की डफ़ली बजाते रहेंगे
सारी उमर यूँ ही गाते रहेंगे
सारी उमर यूँ ही गाते रहेंगे
हो साँसों की सरगम यही गुनगुनाये
साँसों की सरगम यही गुनगुनाये
तुझको कभी ना कोई ग़म सताये
इबादत की है तुम्हारे लिये
इबादत की है तुम्हारे लिये
जान भी दूँगी तुम्हारे लिये
जान भी दूँगी तुम्हारे लिये

मुहब्बत की है तुम्हारे लिये
मुहब्बत की है तुम्हारे लिये

कश्ती हूँ मैं तू है मेरा किनारा
कश्ती हूँ मैं तू है मेरा किनारा
मुझको तो है सिर्फ़ तेरा सहारा
मुझको तो है सिर्फ़ तेरा सहारा
मैं चन्द्रमा तू मेरी रोशनी है
मैं चन्द्रमा तू मेरी रोशनी है
मेरे लिये जानेमन तू बनी है
हिफाज़त की है तुम्हारे लिये
हिफाज़त की है तुम्हारे लिये
जान भी दूँगा तुम्हारे लिये
जान भी दूँगा तुम्हारे लिये

मुहब्बत की है तुम्हारे लिये
मुहब्बत की है तुम्हारे लिये

मुझको पता है ना तुझको ख़बर है
मुझको पता है ना तुझको ख़बर है
हमको तो हर पल ज़माने का डर है
हमको तो हर पल ज़माने का डर है
हम वो करेंगे हमें जो है करना
हम वो करेंगे हमें जो है करना
हमको ज़माने की कोई फ़िक़र ना
अदावत की है तुम्हारे लिये
अदावत की है तुम्हारे लिये
जान भी दूँगा तुम्हारे लिये
जान भी दूँगा तुम्हारे लिये

बग़ावत की है तुम्हारे लिये
बग़ावत की है तुम्हारे लिये
जान भी दूँगी तुम्हारे लिये
जान भी दूँगी तुम्हारे लिये
मुहब्बत की है तुम्हारे लिये
बग़ावत की है तुम्हारे लिये
हिफाज़त की है तुम्हारे लिये
इबादत की है तुम्हारे लिये
…………………………………………………….
Muhabbat ki hai-Sadak 1991

Artists: Sanjay Dutt, Pooja Bhatt

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Dec 14, 2019

तक धिन धिन तक-सड़क १९९१

सन १९९१ की फिल्म सड़क से एक गीत सुनते हैं जो चार
कलाकारों पर फिल्माया गया है मगर इसे गाया केवल तीन
लोगों ने है. इसे संजय दत्त, पूजा भट्ट, दीपक तिजोरी और
नीलिमा अज़ीम पर फिल्माया गया है. हीरो हीरोईन, साइड
किक और साइड किकनी सब मौजूद हैं इस गाने में.

जीवन की आपाधापी और समस्याओं के अम्बार के बीच
थोड़ी सी तक धिन धिन तक अवश्य करते रहना चाहिए. ये
आपको रिफ्रेश कर देती है.

सुनते हैं समीर की रचना जिसका संगीत नदीम श्रवण ने
तैयार किया है. इसे गाया है कुमार सानू, अनुराधा पौडवाल
और बाबला मेहता ने.



गीत के बोल:

तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
मिलते ही तुझे दिल नाच उठा
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
जीने की तमन्ना जाग उठी हो हो हो
जीने की तमन्ना जाग उठी
इस दिल में क़यामत के दिन तक
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
मिलते ही तुझे दिल नाच उठा
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
जीने की तमन्ना जाग उठी हो हो हो
जीने की तमन्ना जाग उठी
इस दिल में क़यामत के दिन तक
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक

ऐसा मौसम तो आया न था
ऐसा जादू तो छाया न था
ऐसी चाहत तो पहले न थी
ऐसी हालत तो पहले न थी
ख़ुशियां जाग उठीं मन में
अब न ग़म है जीवन में
जी चाहे के उड़ जाऊं
अम्बर छू के मैं आऊं

हो जीने की तमन्ना जाग उठी हो हो हो
जीने की तमन्ना जाग उठी
इस दिल में क़यामत के दिन तक
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
मिलते ही तुझे दिल नाच उठा
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक

दुनिया बदली सी लगने लगी
सोई धड़कन क्यों जगने लगी
रंग मौसम बदलने लगा
मेरा दिल भी मचलने लगा
सच्चा हो गया सपना
मुझको मिल गया अपना
अरमानों की बस्ती में
अब रहना है मस्ती में

हो जीने की तमन्ना जाग उठी हो ओ ओ
जीने की तमन्ना जाग उठी
इस दिल में क़यामत के दिन तक
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
मिलते ही तुझे दिल नाच उठा
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
जीने की तमन्ना जाग उठी हो ओ ओ
जीने की तमन्ना जाग उठी
इस दिल में क़यामत के दिन तक
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
तक धिन धिन तक
……………………………………………
Tak dhin dhin tak-Sadak 1991

Artists: Sanjay Dutt, Pooja Bhatt, Deepak Tijori, Neelima Azeem

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Dec 12, 2019

हम तेरे बिन कहीं रह नहीं पाते-सड़क १९९१

मेंडोलिन नाम के वाद्य का प्रयोग हिंदी गीतों में खूब
हुआ है. कई ऐसे गीत हैं जिनके अंत में गीत की पंक्ति
की जगह मेंडोलिन पर बजायी धुन प्रयोग में लायी
गयी है. ये गीत की खूबसूरती को बढ़ा देती है.

सुनते हैं सन १९९१ की फिल्म सड़क से एक हिट गीत
जिसे मनहर और अनुराधा पौडवाल ने गाया है. समीर
के बोल हैं और नदीम श्रवण का संगीत.



गीत के बोल:

हम तेरे बिन कहीं रह नहीं पाते
तुम नहीं आते तो हम मर जाते
हम तेरे बिन कहीं रह नहीं पाते
तुम नहीं आते तो हम मर जाते
हाय प्यार क्या चीज़ है ये जान नहीं पाते
हम तेरे बिन कहीं रह नहीं पाते
हम तेरे बिन कहीं रह नहीं पाते
तुम नहीं आते तो हम मर जाते
हाय प्यार क्या चीज़ है ये जान नहीं पाते
हम तेरे बिन कहीं रह नहीं पाते
तुम नहीं आते तो हम मर जाते

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
उड़े खुशबू कली महके ये रुत बदले बहार आये
मुहब्बत करने की जानम उम्र तो एक बार आये
तुम्हें प्यार करने को जी करता है
इकरार करने को जी करता है
इकरार करने को जी करता है
तुम नहीं होते तो दिल न लगाते
तुम नहीं होते तो दिल न लगाते
दिल की तड़प हम किसको बताते
हाय प्यार क्या चीज़ है ये जान नहीं पाते
हम तेरे बिन कहीं रह नहीं पाते
तुम नहीं आते तो हम मर जाते

भुलाये से नहीं भूले मेरे दिलबर तेरी बातें
तेरी यादों में गुज़रीं हैं कई सुबह कई रातें
तुझसे दूर जो कहीं हम जायेंगे
हर घड़ी हम तुझे याद आयेंगे
हर घड़ी हम तुझे याद आयेंगे
तेरी इन बातों से हम घबराते
तेरी इन बातों से हम घबराते
तौबा तुम हमें कितना तड़पाते
हाय प्यार क्या चीज़ है ये जान नहीं पाते
हम तेरे बिन कहीं रह नहीं पाते
तुम नहीं आते तो हम मर जाते

कभी देखूं जो मैं दर्पण चेहरा तेरा नज़र आये
जब जब लेती हूँ मैं साँसें तेरी खुशबू बिखर जाये
तेरे बिन जीना अब मुश्किल है
मैं दिल हूँ तेरा तू मेरा दिल है
मैं दिल हूँ तेरा तू मेरा दिल है
सारी उमर हम तो पछताते
सारी उमर हम तो पछताते
राज़ कोई जो तुझसे छुपाते
हाय प्यार क्या चीज़ है ये जान नहीं पाते

हम तेरे बिन कहीं रह नहीं पाते
हम तेरे बिन कहीं रह नहीं पाते
तुम नहीं आते तो हम मर जाते
हाय प्यार क्या चीज़ है ये जान नहीं पाते
हम तेरे बिन कहीं रह नहीं पाते
तुम नहीं आते तो हम मर जाते
...................................................................
Ham tere bin kahin-Sadak 1991

Artists: Sanjay Dutt, Pooja Bhatt

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Dec 11, 2019

क्या सोचता है ए दिल-सड़क १९९१

सड़क के लोकप्रिय गीतों की गूँज में एक दो गीत कहीं
खो से गए हैं. ज़रूरी नहीं हर एल्बम के सारे गीत उतने
ही लोकप्रिय हों. हाँ, कुछ गीत लंबे समय तक सुनने
लायक होते हैं, ये एक ऐसा ही गाना है.

सुनते हैं रानी मालिक का लिखा हुआ एक गीत जिसे
गाया है अनुराधा पौडवाल ने. तबियत से लिखा गया ये
गीत है जिसमें जवाब है उस बेचैनी का जो प्यार के
कारण उत्पन्न होती है. सभी का वही हाल होता है अतः
अचरज की आवश्यकता नहीं. सभी के लट्टू गुल हो जाते
हैं.

इस गीत की धुन नदीम श्रवण ने तैयार की है.



गीत के बोल:

क्या सोचता है ए दिल क्या सवाल करता है
ये प्यार तो सभी का बुरा हाल करता है
क्या सोचता है ए दिल क्या सवाल करता है
ये प्यार तो सभी का बुरा हाल करता है
क्या सोचता है ए दिल

जिसने भी प्यार किया दिल का ऐतबार किया
हाँ जिसने भी प्यार किया दिल का ऐतबार किया
उसने तो खुद ही अपना बस जीना दुश्वार किया
पहते तो दिल लगा के
फिर दर्द मीठा पा के क्या ख्याल करता है
ये प्यार तो सभी का बुरा हाल करता है
क्या सोचता है ए दिल

जाता है इक नज़र में दिल का सुकून सारा
जाता है इक नज़र में दिल का सुकून सारा
देता जो बेकरारी लगता है वो ही प्यारा
क्या हम बतायें कैसे
मत पूछो कैसे कैसे ये कमाल करता है
ये प्यार तो सभी का बुरा हाल करता है
क्या सोचता है ए दिल क्या सवाल करता है
ये प्यार तो सभी का बुरा हाल करता है
क्या सोचता है ए दिल
क्या सोचता है ए दिल
…………………………………………….
Kya sochta hai ae dil-Sadak 1991

Artist:

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Nov 14, 2017

ज़माने के देखे हैं रंग हज़ार-सड़क १९९१

सुनने में आया है कि सन १९९१ की सफल फिल्म सड़क का
भाग २ भी आने वाला है. इसमें भी संजय दत्त और पूजा भट्ट
प्रमुख कलाकार होंगे. फिल्म और इसका संगीत ज़बरदस्त हिट
की श्रेणी में आते हैं.

फिल्म से एक कर्णप्रिय युगल गीत सुनते हैं जो अभिजीत और
अनुराधा पौडवाल का गाया हुआ है. सुरिंदर सेठी के बोल हैं और
नदीम श्रवण का संगीत.




गीत के बोल:

ज़माने के देखे हैं रंग हज़ार
नहीं कुछ सिवा प्यार के
ज़माने के देखे हैं रंग हज़ार
नहीं कुछ सिवा प्यार के
आ के तू लग जा गले मेरे यार
नहीं कुछ सिवा प्यार के
ज़माने के देखे हैं रंग हज़ार
नहीं कुछ सिवा प्यार के

तू है सनम मेरी पहली मोहब्बत
तुझपे लुटा दूं मैं दुनिया की चाहत
जुल्फों के साये में जीना है मुझको
दिल की पनाहों में रखूंगा तुझको
इस बेकरारी में आये करार
नहीं कुछ सिवा प्यार के
आ के तू लग जा गले मेरे यार
नहीं कुछ सिवा प्यार के
ज़माने के देखे हैं रंग हज़ार
नहीं कुछ सिवा प्यार के

चाहत का रंगीन अरमान बन के
तुम दिल में रहना मेरी जान बन के
तेरी मोहब्बत में मैं दीवानी
तेरी अमानत है ये जिंदगानी
हर सांस मेरी है तुझपे निसार
नहीं कुछ सिवा प्यार के
आ के तू लग जा गले मेरे यार
नहीं कुछ सिवा प्यार के

ज़माने के देखे हैं रंग हज़ार
नहीं कुछ सिवा प्यार के
नहीं कुछ सिवा प्यार के
नहीं कुछ सिवा प्यार के
हो ओ ओ नहीं कुछ सिवा प्यार के
………………………………………………..
Zamane ke dekhe hain rang hazaar-Sadak 1991

Artists: Sanjay Dutt, Pooja Bhatt

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Dec 23, 2016

मोहब्बत बढ़ती जायेगी-सड़क १९९१

बेहद सफल फिल्मों में से एक है सड़क. संजय दत्त और पूजा भट्ट
अभिनीत फिल्म सड़क में सभी ने अपनी क्षमता से ज्यादा अभिनय
किया है और संजय दत्त की एक्टिंग की भी जनता ने काफी तारीफ
की थी.

फिल्म का साउंड ट्रेक अपने समय के सबसे हिट अलबमों में से एक
है जिसकी रिकॉर्ड़तोड़ बिक्री हुई. इसके गीत आज भी सुने जा सकते
हैं. ९० के दशक तक पुरानी पीढ़ी के संगीतकार लगभग रिटायर हो
चले थे, ऐसे समय नदीम श्रवण ने मधुर और कर्णप्रिय संगीत की
परंपरा को कायम रखा और दर्शकों को कुछ हद तक पुराने संगीतकारों
की कमी नहीं महसूस होने दी.

समीर का लिखा, कुमार सानू और अनुराधा पौडवाल का गाया गीत
सुनते हैं जिसे संजय दत्त और पूजा भट्ट पर फिल्माया गया है.




गीत के बोल:

हो जब जब प्यार पे पहरा हुआ है
प्यार और भी गहरा गहरा गहरा
गहरा हुआ है
दो प्यार करने वालों को
हो हो हो ओ ओ
जब जब दुनिया तड़पाएगी
मोहब्बत बढ़ती जायेगी
हो कुछ भी कर ले दुनिया
ये ना मिट पाएगी
मोहब्बत बढ़ती जायेगी

बादल को बरसने से बिजली को चमकने से
कोई भी रोक ना पाएगा
कोई भी रोक ना पाएगा
फूलों को महकने से बुलबुल को चहकने से
कोई भी रोक ना पाएगा
कोई भी रोक ना पाएगा
जब जब उल्फ़त की राहों में
दुनिया दीवार उठाएगी
मोहब्बत बढ़ती जायेगी
मोहब्बत बढ़ती जायेगी

इस दिल की यादों को महबूब के वादों को
कोई क्या बांधे ज़ंजीरों से
कोई क्या बांधे ज़ंजीरों से
चाहत के खज़ानो को नज़रों के फ़सानो को
कोई पा ना सके जागीरों से
जब जब दुनिया दिलवालों को
दीवारों मे चुनवाएगी
मोहब्बत बढ़ती जायेगी
मोहब्बत बढ़ती जायेगी
................................................................................
Mohabbat badhti jayegi-Sadak 1991

Artists: Sanjay Dutt, Pooja Bhatt

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Sep 26, 2015

तुम्हें अपना बनाने की कसम-सड़क १९९१

९० के दशक में कुछ संगीत प्रधान फ़िल्में भी आईं उनमें से
एक है सड़क. संजय दत्त और पूजा भट्ट अभिनीत इस फिल्म
ने सफलता के कई कीर्तिमान रचे थे. गाने भी इस फिल्म के
खूब बजे और सुनाई दिए. काफी सालों तक सुनाई देते रहे.
फिल्म की स्टोरी वाकई कुछ अलग हट के थी और इस तरह
के विषय लेकर भी फिल्म सफल करा पाना बॉक्स ऑफिस पे
एक दुष्कर कार्य होता है. फिल्म उस वर्ष की सर्वाधिक कमाई
वाली फिल्मों में से एक साबित हुयी. सड़क फिल्म का निर्देशन
महेश भट्ट ने किया था. 

इस फिल्म से सुनते हैं एक युगल गीत जो अनुराधा पौडवाल
और कुमार सानू की आवाजों में है.

अगर फिल्म सड़क १९७६ की अमरीकन साइकोलोजिकल थ्रिलर
टैक्सी ड्राइवर से प्रभावित थी तो प्रस्तुत गीत पाकिस्तानी फिल्म
अहिस्ता अहिस्ता के गीत का मेले में बिछड़ा भाई है. पाकिस्तानी
फिल्म के लिए इसे गाया था मुसर्रत नाज़िर ने खलील अहमद
के संगीत निर्देशन में मुस्तफा जैदी के बोलों पर और गीत कुछ
यूँ है-चले तो कट ही जायेगा सफर.




गीत के बोल:

तुम्हे अपना बनाने की कसम
खायी है, खायी है
तेरी आंखो मे चाहत ही नज़र
आई है, आई है

तुम्हे अपना बनाने की कसम
खायी है, खायी है
मोहब्बत क्या है मै सब को बता दूगी
ज़माने को तेरे आगे झुका दूगी
तेरी उल्फत मेरी जाना वो रंग
लायी है, लायी है..

तुम्हे अपना बनाने की कसम
खायी है, खायी है
तेरे होटो से मै शबनम चुराऊगा
तेरे आंचल टेल जीवन बिताऊगा
मेरी नस नस मे तू बनके लहू,
समाई है, समाई है..

तुम्हे अपना बनाने की कसम
खायी है, खायी है
तेरी बाहो मे है दोनो जहा मेरे
मै कुछ भी तो नही दिलबर सिवा तेरे
तुझे पाके ज़माने की ख़ुशी,
पायी है, पायी है

तुम्हे अपना बनाने की कसम
खायी है, खायी है
तेरी आंखो मे चाहत ही नज़र
आई है, आई है

तुम्हे अपना बनाने की कसम
खायी है, खायी है
.............................................................................................
Tumhen apna banana ke kasam-Sadak 1991

Artists: Sanjay Dutt, Pooja Bhatt

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