Jan 17, 2020

बचपन हर ग़म से बेगाना-गीत गाता चल १९७५

बचपन की यादों के लिए कमोबेश यही भाव मन में
आते हैं लोगों के- कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन. वो
तो मगर आने नहीं हैं वापस. हाय रे बचपन कितना
बेफिक्र और चिंताओं से दूर होता है.

एक खुशनुमा गीत सुनते हैं फिल्म गीत गाता चल से
किशोर कुमार की आवाज़ में जिसके बोल और संगीत
दोनों रवींद्र जैन के हैं.

जन्मदिन वाला गीत है. आज किसी ना किसी बॉलीवुड
के कलाकार का जन्मदिन अवश्य होगा. गूगल पर
ढूंढ के जो आपका पसंदीदा कलाकार हो उसके जन्म
दिवस पर खुश हो लें.




गीत के बोल:

बचपन हर ग़म से बेगाना होता है
बचपन हर ग़म से बेगाना होता है
जनम का शुभ दिन हर दिन से सुहाना होता है
के बचपन हर ग़म से बेगाना होता है
होता है
बचपन हर ग़म से बेगाना होता है

हो ओ ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ ओ ओ
हो ओ ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ ओ ओ
कोई फ़िक़्र न चिंता मस्ती का आलम
जीवन खेल सा लगता है
जीवन खेल सा लगता है
सुख मिलते हैं राहों में फिर के
घर तो जेल सा लगता है
घर तो जेल सा लगता है
हो इसी उमर में ख़ुशियों का ख़ज़ाना होता है

के बचपन हर ग़म
हो बचपन हर ग़म से बेगाना होता है
होता है
बचपन हर ग़म से बैंगाना होता है

हम ढूँढते हैं जीवन भर वो ख़ुशियाँ
बचपन में जो पाते हैं
बचपन में जो पाते हैं
वो हँसते हुए दिन गाती वो रातें
लौट के फिर नहीं आते हैं
लौट के फिर नहीं आते हैं
हो यादों के साये में वक़्त बिताना होता है
के बचपन हर ग़म से
हो बचपन हर ग़म से बेगाना होता है
होता है
बचपन हर ग़म से बेगाना होता है
जनम का शुभ दिन हर दिन से सुहाना होता है
के बचपन हर ग़म से बेगाना होता है
होता है
बचपन हर ग़म से बेगाना होता है
होता है
बचपन हर ग़म से बेगाना होता है
………………………………………..
Bachpan har gham se begana-Geet gaata chal 1975

Artist: Madan Puri, Sachin, Sarika, Kids

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