हज़ार बातें कहे ज़माना-घटना १९७४
लता मंगेशकर की आवाज़ में है. इसे लिखा और संगीत
से संवारा है रवि ने.
ऐसे कम गीत हैं जिहने संगीतकार ने खुद लिखा हो. ये
कारनामा सबसे ज्यादा रवींद्र जैन के नाम दर्ज है.
गीत के बोल:
हज़ार बातें कहे ज़माना
मेरी वफ़ा पे यकीन रखना
हज़ार बातें कहे ज़माना
मेरी वफ़ा पे यकीन रखना
हर इक अदा में है बेगुनाही
मेरी अदा पे यकीन रखना
हज़ार बातें कहे ज़माना
मेरी मोहब्बत की ज़िन्दगी को
नज़र न लग जाए इस जहां की
नज़र न लग जाए इस जहां की
यही सदा है धड़कते दिल की
मेरी सदा पे यकीन रखना
हज़ार बातें कहे ज़माना
मेरी वफ़ा पे यकीन रखना
हज़ार बातें कहे ज़माना
किसी को हँसता न देख पाये
अजीब शय है ये बैरी दुनिया
किसी को हँसता न देख पाये
अजीब शय है ये बैरी दुनिया
अजीब शय है ये बैरी दुनिया
ये बेमुरव्वत है बेवफा है
न बेवफा पे यकीन रखना
हज़ार बातें कहे ज़माना
नज़र में रहना है खुशनसीबी
नज़र से गिरना है बेहयाई
नज़र से गिरना है बेहयाई
हया है औरत का एक गहना
मेरी हया पे यकीन रखना
हज़ार बातें कहे ज़माना
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Hazar batein kahe zamana-Ghatna 1974
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3 comments:
इतनी छोटी पोस्ट? गीत के बारे में कुछ तो लिखिए.
आप ही लिख दें कुछ गीत के बारे में.
हम जितना संभव होता है मुफ्त सेवा में उससे ज्यादा ही यहाँ देते हैं.
दस पेज का निबंध वो महंगे वाले अंग्रेजी ब्लॉग पर मिलता है.
Bahut shandar line hai raag darbari song bahut bahut dhanyabad Jo aap likhe huye geet hum tak pahucha rahe ho🙏😍
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