Mar 20, 2020

पर्वत की ऊँचाई पर-नागमणि १९९१

जिन गानों में संगीतकार को नोट परफेक्ट सिंगर
चाहिए होता तो श्वेत श्याम युग में मन्ना डे की
आवाज़ का उपयोग किया जाता और रंगीन युग
में ७० के दशक के उत्तरार्ध के बाद सुरेश वाडकर
की आवाज़ का उपयोग किया जाने लगा. बाद में
सोनू निगम को भी ऐसे गाने मिलने लग गए.

सुरेश वाडकर का उच्चारण बहुत सारे गायकों से
बेहतर है. इसी गीत की बानगी ले लीजिए इसमें
गायक का उच्चारण गायिका से बेहतर है.

संतोष आनंद का गीत है और अन्नू मलिक का
संगीत. इस युगल गीत में अनुराधा पौडवाल की
आवाज़ भी है. अन्नू मलिक को धन्यवाद एक गीत
याद दिलवाने के लिए-ठीक दस साल पहले की
फिल्म बरसात की एक रात का गाना-नदिया किनारे
पे हमरा बागान.




गीत के बोल:

पर्वत की ऊँचाई पर
पर्वत की ऊँचाई पर ठहर गई है शाम
पर्वत की ऊँचाई पर ठहर गई है शाम
ले के तेरा नाम ले के तेरा नाम
तेरे पथ में दीप जलाये
तेरे पथ में दीप जलाये बैठी हूँ दिल थाम
हो ओ ओ ओ ले के तेरा नाम
हो ओ ओ ओ ले के तेरा नाम

सांवरी बदरी के साये में
चाँद खड़ा इंतज़ार में
हो अब तो आ जा
बेसब्री सी दे दी मुझे बहार ने
सांवरी बदरी के साये में
चाँद खड़ा इंतज़ार में
अब तो आ जा
बेसब्री सी दे दी मुझे बहार ने
अब तो आ जा
बेसब्री सी दे दी मुझे बहार ने
आ आ आ आ आ आ आ आ
तेरी सोच में छोड़ दिए हैं
तेरी सोच में छोड़ दिए हैं दुनिये के सब काम
ले के तेरा नाम हो ओ ओ ओ
ले के तेरा नाम

तेरी याद में इतनी डूबी
सब अनजाना हो गया
हो मुझको बिन बतलाये मेरा
दिल दीवाना हो गया
तेरी याद में इतना डूबा
जग अनजाना हो गया
मुझको बिन बतलाये मेरा
दिल दीवाना हो गया
मुझको बिन बतलाये मेरा
दिल दीवाना हो गया
दर्द की मारी मीरा जैसे
दर्द की मारी मीरा जैसे खोज रही हो श्याम
ले के तेरा नाम ले के तेरा नाम
…………………………………………………….
Parvat ki oonchai par-Naagmani 1991

Artists: Shikha Swaroop, Sumeet Saigal

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