May 4, 2020

चंदा चमके चम चम-फ़ना २००६

चंदा चमके चमचम से तो हमें चमचम याद आ गई और मुंह में
पानी भर आया. चांद परोसा और इस गाने को मिला लें तो चाँद
थोड़े दिन में किसी गाने में खाने की वस्तु भी हो जायेगी. तरह
तरह के चांद सोशल मीडिया पे चमक रहे हैं. हजारों वैराइटी के
चांद देख देख के मन भर गया है.

डिजिटल युग ने हमें कुछ दिया है तो कुछ हमसे छीना भी है. हम
सकारात्मक सोच रखते हुए जो दिया है उसी के बारे में बात करेंगे.
सोशल मीडिया के शुरू होने पर सबसे पहले मिला मेसेंजर और
उसमें मिली स्माईली. एब्रिवेशन भी मिल गए. मोबाइल युग आने
पर हमें झूठ बोलने की आदत हो गई. झुमरी तलैया में बैठा व्यक्ति
बोलता है-मैं मजनू का टीला में हूँ.

बीच में एक आईटम आई-पेजर. बेचारा युवा होने के पहले ही
सिधार गया. तकनीकि की रफ़्तार और कर लो दुनिया मुट्ठी में
की दौड ने उसको कहीं पीछे छोड़ दिया.

शक करने की आदत बढ़ी और बीबियाँ और बॉस लोग वीडियो
कॉलिंग पर ज़ोर देने लगे. उसके अलावा विश्वास और धैर्य भी कम
होता चला. टैक्सी में बैठों तो कॉल करो, ट्रेन, बस में बैठो तो कॉल
करो, पहुँच जाओ तो कॉल करो. फोन बंद था तो क्यूँ था? मेरा
फोन नहीं उठाया कित्ती देर तक घंटी बजती रही, फोन उठाते नहीं
हो.

मोबाईल फोन पर एस एम् एस संदेशों का आदान प्रदान शुरू हुआ
और अंतर्देशीय पत्र और पोस्ट कार्ड गुज़रे ज़माने की बात हो गई.
तार सन्देश तो अब नयी पीढ़ी को मालूम ही
नहीं है क्या बला थी.

मोबाइल में कैमरा आया तो जनता दिशा मैदान में कैसी डिज़ाईन
बनाती है ये भी दिखाई देने लगा. कुत्ते के साथ लिप-लॉक वाले फोटो
दिखने लगे वो भी इतने बढ़िया के आप सीरियल किसर की फ़िल्में
भूल जाएँ.

फेसबुक बहुत पहले आ गया मगर ऑरकुट के बीमार पढ़ने तक उसे
इंतज़ार करना पड़ा. जनता ने अपने तोतों औ छिपकलियों की भी
प्रोफाइल उस पर बना मारी. कॉपी पेस्ट के लिए एक अच्छा प्लेटफोर्म
मिल गया. हमारे यहाँ के रेल्वे प्लेटफोर्म और उधर के प्लेटफोर्म में
काफ़ी समानताएं हैं. जनता दोनों जगह गंदगी करती है.

व्हाट्सएप आया और जो कुछ फेसबुक पर करना बचा था इधर पूरा कर
लिया. सुबह सुबह फूल पत्ती के साथ जबरिया स्वागत.

सी सी टी वी कैमरा आया जिसमें ये भी दिखाई देने लगा कि आपने
कितने बजे अपनी टांग खुजाई, खोपड़ी बजाई. हरामखोरी करने वाले
कर्मचारियों की जान पे बन आई.

ये हैं प्रसून जोशी का लिखा हुआ और जतिन ललित द्वारा लय में बाँधा
गया गीत जिसे महालक्ष्मी अय्यर संग गाया है बाबुल सुप्रियो ने.



गीत के बोल:

चन्दा चमके चम चम चीखे चौकन्ना चोर
चींटी चाटे चीनी चटोरी चीनीखोर
चन्दा चमके चम चम चीखे चौकन्ना चोर
चींटी चाटे चीनी चटोरी चीनीखोर
कितना मुश्किल है ये गाना ज़रा गा के दिखाना
चन्दा चीनी चमके चाटे चौकन्ना चीखे चोर
चन्दा चमके चम चम चीखे चौकन्ना चोर
चींटी चाटे चीनी चटोरी चीनीखोर

खड़कसिंह के खड़कने से खड़कती हैं खिड़कियाँ
खिड़कियों के खड़कने से खड़कता है खड़कसिंह
खड़कसिंह के खड़कने से खड़कती हैं खिड़कियाँ
खिड़कियों के खड़कने से खड़कता है खड़कसिंह
कितना मुश्किल है ये गाना ज़रा गा के दिखाना
खडक खडक खडके खिड़की खडकसिंह के खड़के ज़ोर

चन्दा चमके चम चम चीखे चौकन्ना चोर
चींटी चाटे चीनी चटोरी चीनीखोर
चन्दा चमके चम चम चीखे चौकन्ना चोर
चींटी चाटे चीनी चटोरी चीनीखोर

पक्के पेड़ पर पका पपीता पका पेड़ या पका पपीता
पके पेड़ को पकडे पिंकू पिंकू पकडे पका पपीता
बोलो
पक्के पेड़ पर पका पपीता पकड़ा पिंकी पकी का कपडा
कपडा हा हा हा
पक्के पेड़ पर पका पपीता पका पेड़ या पका पपीता
पके पेड़ को पकडे पिंकू पिंकू पकडे पका पपीता
कितना मुश्किल है ये गाना ज़रा गा के दिखाना
पके पेड़ को पकडे पिंकू पिंकू पकडे पका पपीता

चन्दा चमके चम चम चीखे चौकन्ना चोर
चींटी चाटे चीनी चटोरी चीनीखोर
चन्दा चमके चम चम चीखे चौकन्ना चोर
चींटी चाटे चीनी चटोरी चीनीखोर
कितना मुश्किल है ये गाना ज़रा गा के दिखाना
चन्दा चीनी चमके चाटे चौकन्ना चीखे चोर
चन्दा चमके चम चम चीखे चौकन्ना चोर
चींटी चाटे चीनी चटोरी चीनीखोर
……………………………………………………….
Chanda chamke cham cham-Fanaa 2006

Artists: Aamir Khan, Kajol, Rishi Kapoor, a kid

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