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May 29, 2020

क्रेजी किया रे-धूम २ २००६

धूम फिल्म की सीक्वेल धूम २ को रिलीज़ हुए १४ साल बीत
गए हैं. फिल्म ने तो धूम मचाई ही इसके गानों से भी काफ़ी
चर्चा और प्रशंसा बटोरी. फिल्म का सबसे चर्चित गीत आपको
सुनवायेंगे आज.

गाना ऐश्वर्या राय और इसकी गायिका सुनिधि चौहान की वजह
से काफ़ी लोकप्रिय है. गाने को रिलीज़ हुए कई साल बीत चुके
हैं और ये इतनी कमाई करा चुका है सम्बंधित लोगों और उस
कंपनी की जिसने इसे रिलीज़ किया, अब तो जो भी आ रहा
होगा वो बोनस है जो कई साल और आता रहेगा.

गीत की दृश्यावली और फिल्मांकन बेहतर है. इसमें जबरन की
लपक-झपक लाइटें नहीं हैं. कई गीतों में मैंने मजेंटा कलर हावी
होते देखा है और वो गीत देखने में आँखों पर काफी जोर डलवा
देते हैं. इस गीत के फ्रेमों का ह्यू ग्रीन है और आँखों को सूदिंग
है. ब्लैक कोस्ट्यूम और बैकग्राउंड के कुछ एलेमेंट्स को भी काला
रख के इसको अनूठा बना दिया गया है.

फिल्मो में ऐसे गीत होते हैं तो अलग से आइटम सोंग की कोई
ज़रूरत नहीं होती. हाँ फर्क जो है वो ग्रेस और एक्सप्रेशन का है.
गीत के अंत की आँख मिचौली तो समय के हिसाब से सामान्य
बात है.

गीत के साथ जो कमेन्ट हैं जनता के वो रोचक हैं, जैसे कि-
एक श्रोता ने संभावना जाहिर की है-यदि इन दोनों का विवाह हो
जाता तो उनके बच्चों के चेहरे बहुत सुन्दर होते और आकर्षक
आँखों वाले होते. एक श्रोता लिखता है-यदि ऋतिक को बैटमेन
मान लें तो ऐश्वर्य कैटवूमन होंगी. एक श्रोता लिखता है सबसे
इस्टाइलिश मूवी. वो इसे धूम से बेहतर बतलाता है. इस बात
से तो मैं भी सहमत हूँ कि धूम २ पहले वाली धूम से बेहतर है.
एक श्रोता ऋतिक को ग्रीक गॉड और ऐश्वर्य को एशियन गॉडेस
बतलाता है. आगे एक कमेन्ट है जो दिल से निकला हुआ है-
ऐश इज ए रेयर क्रियेशन ऑफ गॉड, सही इज़ स्टनिंग, शी इज़
गोर्जस, शे इज़ एम्पेथिकली फेमिनाईन, शे इज़ ए ड्रीम.

फिल्म रिलीज़ के अगले वर्ष एक अंग्रेजी दैनिक में फिल्म और
उसके संगीत से सम्बंधित एक लेख छपा था. इस लेख में फिल्म
के दो गीतों का जिक्र है. इस गीत के साथ एक लेबनानी गायिका
नवल अल-ज़ोग़बी के गीत का कनेक्शन है-एल्ली त्मानेतुह. इस
शब्द का गूगल अंग्रेजी में कुछ यूँ अनुवाद बतलाता है-what you
wished for और हिंदी में-आप क्या चाहते हैं.

इसके अलावा तरकन के संगीत से समानता का भी उसमें जिक्र है.
उस लेख में वर्णित जानकारियों का स्रोत है संगीत प्रेमी कार्तिक
जिनके पास ऐसी जानकारियों का खज़ाना है. संगीतकार प्रीतम के
अनुसार वे स्वयं तरकन के संगीत के फैन हैं.

संगीत प्रेमियों की परिभाषा अनुसार ये अगले साल क्लासिक गीत
कहलायेगा. पहले संगीत प्रेमियों का कट ऑफ २० साल होता था
मगर जिस गति से समय परिवर्तन हो रहा है उस लिहाज से ५
साल बाद ही गानों को क्लासिक कहा जाने लगेगा. जल्द ही वो
समय भी आयेगा.

प्रस्तुत गीत समीर द्वारा लिखा हुआ है और संगीत तैयार किया है
प्रीतम ने.



गीत के बोल:

सेक्सी लेडी ऑन द फ्लोर
कीप्स यू कमिंग बैक फॉर मोर
चोरी चोरी किया रे
दिल ये दिल लिया रे
चोरी चोरी किया रे
दिल ये दिल लिया रे
जादू से जादू किया किया रे

जागी सोई रहूँ खोई खोई रहूँ
उसकी यादों में उसके ख़्वाबों में
झूमे जिया रे

क्रेजी किया रे क्रेजी किया रे
क्रेजी किया रे  ओ क्रेजी
क्रेजी किया रे क्रेजी किया रे
क्रेजी किया रे  ओ क्रेजी
क्रेजी किया रे

ना उसको पता ना उसकी ख़ता
मैं उसपे मर गई ज़रा उसको बता
ना उसको पता ना उसकी ख़ता
मैं उसपे मर गई ज़रा उसको बता

धीरे धीरे इक़रार में कभी कभी इंतज़ार में
उसके ही प्यार में झूमे जिया रे

क्रेजी किया रे क्रेजी किया रे
क्रेजी किया रे  ओ क्रेजी
क्रेजी किया रे

विद द रिदम ऑफ द नाईट
बेय्बे बेय्बे
मूविंग आउट थ्रू द नाईट
क्रेजी क्रेजी
विद द रिदम ऑफ द नाईट
बेय्बे बेय्बे
मूविंग आउट थ्रू द नाईट
क्रेजी क्रेजी

मैं यहाँ भी गई मैं वहाँ भी गई
सोचा पल पल उसे मैं जहाँ भी गई
मैं यहाँ भी गई मैं वहाँ भी गई
सोचा पल पल उसे मैं जहाँ भी गई

दिन हो या रात हो वो मेरे साथ हो
जब उसकी बात हो झूमे जिया रे

क्रेजी किया रे क्रेजी किया रे
क्रेजी किया रे  ओ क्रेजी
क्रेजी किया रे

सेक्सी लेडी ऑन द फ्लोर
कीप्स यू कमिंग बैक फॉर मोर
चोरी चोरी किया रे
दिल ये दिल लिया रे
चोरी चोरी किया रे
दिल ये दिल लिया रे
जादू से जादू किया किया रे
जागी सोई रहूँ खोई खोई रहूँ
उसकी यादों में उसके ख़्वाबों में
झूमे जिया रे

क्रेजी किया रे क्रेजी किया रे
क्रेजी किया रे ओ क्रेजी
क्रेजी किया रे क्रेजी किया रे
क्रेजी किया रे ओ क्रेजी
क्रेजी किया रे
………………………………………………..
Crazy kiya re-Dhoom 2 2006

Artists: Aishwarya Rai, Hritik Roshan

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May 4, 2020

चंदा चमके चम चम-फ़ना २००६

चंदा चमके चमचम से तो हमें चमचम याद आ गई और मुंह में
पानी भर आया. चांद परोसा और इस गाने को मिला लें तो चाँद
थोड़े दिन में किसी गाने में खाने की वस्तु भी हो जायेगी. तरह
तरह के चांद सोशल मीडिया पे चमक रहे हैं. हजारों वैराइटी के
चांद देख देख के मन भर गया है.

डिजिटल युग ने हमें कुछ दिया है तो कुछ हमसे छीना भी है. हम
सकारात्मक सोच रखते हुए जो दिया है उसी के बारे में बात करेंगे.
सोशल मीडिया के शुरू होने पर सबसे पहले मिला मेसेंजर और
उसमें मिली स्माईली. एब्रिवेशन भी मिल गए. मोबाइल युग आने
पर हमें झूठ बोलने की आदत हो गई. झुमरी तलैया में बैठा व्यक्ति
बोलता है-मैं मजनू का टीला में हूँ.

बीच में एक आईटम आई-पेजर. बेचारा युवा होने के पहले ही
सिधार गया. तकनीकि की रफ़्तार और कर लो दुनिया मुट्ठी में
की दौड ने उसको कहीं पीछे छोड़ दिया.

शक करने की आदत बढ़ी और बीबियाँ और बॉस लोग वीडियो
कॉलिंग पर ज़ोर देने लगे. उसके अलावा विश्वास और धैर्य भी कम
होता चला. टैक्सी में बैठों तो कॉल करो, ट्रेन, बस में बैठो तो कॉल
करो, पहुँच जाओ तो कॉल करो. फोन बंद था तो क्यूँ था? मेरा
फोन नहीं उठाया कित्ती देर तक घंटी बजती रही, फोन उठाते नहीं
हो.

मोबाईल फोन पर एस एम् एस संदेशों का आदान प्रदान शुरू हुआ
और अंतर्देशीय पत्र और पोस्ट कार्ड गुज़रे ज़माने की बात हो गई.
तार सन्देश तो अब नयी पीढ़ी को मालूम ही
नहीं है क्या बला थी.

मोबाइल में कैमरा आया तो जनता दिशा मैदान में कैसी डिज़ाईन
बनाती है ये भी दिखाई देने लगा. कुत्ते के साथ लिप-लॉक वाले फोटो
दिखने लगे वो भी इतने बढ़िया के आप सीरियल किसर की फ़िल्में
भूल जाएँ.

फेसबुक बहुत पहले आ गया मगर ऑरकुट के बीमार पढ़ने तक उसे
इंतज़ार करना पड़ा. जनता ने अपने तोतों औ छिपकलियों की भी
प्रोफाइल उस पर बना मारी. कॉपी पेस्ट के लिए एक अच्छा प्लेटफोर्म
मिल गया. हमारे यहाँ के रेल्वे प्लेटफोर्म और उधर के प्लेटफोर्म में
काफ़ी समानताएं हैं. जनता दोनों जगह गंदगी करती है.

व्हाट्सएप आया और जो कुछ फेसबुक पर करना बचा था इधर पूरा कर
लिया. सुबह सुबह फूल पत्ती के साथ जबरिया स्वागत.

सी सी टी वी कैमरा आया जिसमें ये भी दिखाई देने लगा कि आपने
कितने बजे अपनी टांग खुजाई, खोपड़ी बजाई. हरामखोरी करने वाले
कर्मचारियों की जान पे बन आई.

ये हैं प्रसून जोशी का लिखा हुआ और जतिन ललित द्वारा लय में बाँधा
गया गीत जिसे महालक्ष्मी अय्यर संग गाया है बाबुल सुप्रियो ने.



गीत के बोल:

चन्दा चमके चम चम चीखे चौकन्ना चोर
चींटी चाटे चीनी चटोरी चीनीखोर
चन्दा चमके चम चम चीखे चौकन्ना चोर
चींटी चाटे चीनी चटोरी चीनीखोर
कितना मुश्किल है ये गाना ज़रा गा के दिखाना
चन्दा चीनी चमके चाटे चौकन्ना चीखे चोर
चन्दा चमके चम चम चीखे चौकन्ना चोर
चींटी चाटे चीनी चटोरी चीनीखोर

खड़कसिंह के खड़कने से खड़कती हैं खिड़कियाँ
खिड़कियों के खड़कने से खड़कता है खड़कसिंह
खड़कसिंह के खड़कने से खड़कती हैं खिड़कियाँ
खिड़कियों के खड़कने से खड़कता है खड़कसिंह
कितना मुश्किल है ये गाना ज़रा गा के दिखाना
खडक खडक खडके खिड़की खडकसिंह के खड़के ज़ोर

चन्दा चमके चम चम चीखे चौकन्ना चोर
चींटी चाटे चीनी चटोरी चीनीखोर
चन्दा चमके चम चम चीखे चौकन्ना चोर
चींटी चाटे चीनी चटोरी चीनीखोर

पक्के पेड़ पर पका पपीता पका पेड़ या पका पपीता
पके पेड़ को पकडे पिंकू पिंकू पकडे पका पपीता
बोलो
पक्के पेड़ पर पका पपीता पकड़ा पिंकी पकी का कपडा
कपडा हा हा हा
पक्के पेड़ पर पका पपीता पका पेड़ या पका पपीता
पके पेड़ को पकडे पिंकू पिंकू पकडे पका पपीता
कितना मुश्किल है ये गाना ज़रा गा के दिखाना
पके पेड़ को पकडे पिंकू पिंकू पकडे पका पपीता

चन्दा चमके चम चम चीखे चौकन्ना चोर
चींटी चाटे चीनी चटोरी चीनीखोर
चन्दा चमके चम चम चीखे चौकन्ना चोर
चींटी चाटे चीनी चटोरी चीनीखोर
कितना मुश्किल है ये गाना ज़रा गा के दिखाना
चन्दा चीनी चमके चाटे चौकन्ना चीखे चोर
चन्दा चमके चम चम चीखे चौकन्ना चोर
चींटी चाटे चीनी चटोरी चीनीखोर
……………………………………………………….
Chanda chamke cham cham-Fanaa 2006

Artists: Aamir Khan, Kajol, Rishi Kapoor, a kid

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May 3, 2020

हमको मालूम है इश्क़ मासूम है-जानेमन २००६

सन २००६ की फिल्मों में से चर्चित फिल्म जानेमन का एक
गाना सुनते हैं आज जो फिल्म के बेहतर गीतों में से एक है.

गुलज़ार के बोलों को धुन दी है अन्नू मलिक ने. इसे गाया है
सोनू निगम और साधना सरगम ने.

गीत में वीडियो की रफ़्तार ऑडियो से अधिक है और लाल रंग
की प्रधानता है. लाल रंग की बाइक पर उड़ते हुए दूल्हा दुल्हन
फेरे लेने पहुँचते हैं और दुल्हन मंगलसूत्र लायी है. दुल्हन को
गोदी में उठाये दूल्हा सीधे बेडरूम तक पहुँचता है. ये होता है
नई टेक्नोलोजी का फायदा. विचारों के साथ क्रिया की गति भी
बढ़ जाती है जहाँ तक फिल्मों का सवाल है.

गीत हरे रंग की और अग्रसर हो जाता है ताकि ऊपर लिखा
वाक्य गलत सिद्ध हो. उसके थोड़ी देर बाद फिर लाल की ओर.
यार ये वीडियो तो हमें चकमा दे रहा है. इसमें आपको स्टेज की
लाइम लाईट भी दिखाई देती है, वही लाईट जो चूने जैसी सफ़ेद
होती है.

गीत पूरी कहानी समेटे हुए है अपने आप में और रिजेक्शन के
बाद डिजेक्शन की अवस्था कैसी होती है इसे बखूबी अंत में
समझा दिया गया है.




गीत के बोल:

हमको मालूम है इश्क़ मासूम है
दिल से हो जाती हैं ग़लतियाँ
सब्र से इश्क़ महरूम है

हमको मालूम है इश्क़ मासूम है
दिल से हो जाती हैं ग़लतियाँ
सब्र से इश्क़ महरूम है
हमको मालूम है इश्क़ मासूम है
दिल से हो जाती हैं ग़लतियाँ
सब्र से इश्क़ महरूम है

हुआ जो ज़माने का दस्तूर है
मॉम मानी नहीं
डैड नाराज़ था
मेरी बरबादियों का वो आग़ाज़ था
इश्क़ का एक ही एक अन्दाज़ था
वो न राज़ी हुये
हम भी बाग़ी हुए
बेक़रार हम फ़रार हो गए

हमको मालूम है इश्क़ मासूम है
दिल से हो जाती हैं ग़लतियाँ
सब्र से इश्क़ महरूम है

मैं परेशान हूँ एक मजबूरी पर
होगा ग़म जान कर साथ हूँ मैं मगर
मुझको रहना पड़ेगा ज़रा दूरी पर
सिर्फ़ दो ही महीने हैं सह लो अगर
मेरा फ़्यूचर है तेरी क़सम
मेरा फ़्यूचर है इसमें पिया

हमको मालूम है इश्क़ मासूम है
दिल से हो जाती हैं ग़लतियाँ
सब्र से इश्क़ महरूम है

वक़्त से हारा लौटा जो मैं
लौट कर अपने घर जा चुकी थी पिया
फ़ोन करता रहा फ़ोन भी ना लिया
मैंने ख़त भी लिखे साल भर ख़त लिखे
मेरी आवाज़ पहुँची नहीं खो गई मेरी पिया कहीं
मुझको उम्मीद थी एक दिन तो कभी
वो भी आवाज़ देगी मुझे

हमको मालूम है इश्क़ मासूम है
दिल से हो जाती हैं ग़लतियाँ
सब्र से इश्क़ महरूम है
……………………………………………..
Hamo maloom hai sihq masoom-Jaaneman 2006

Artists: Salman Khan, Preity Zinta

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Nov 16, 2019

मेरे हाथ में तेरा हाथ-फ़ना २००६

सन २००६ की फिल्म फ़ना एक चर्चित फिल्म है जिसके
१-२ गीत काफी बजे हैं. दो गीत आप सुन चुके हैं आपको
अब सुनवाते हैं तीसरा गीत जो कि एक युगल गीत है
सोनू निगम और सुनिधि चौहान की आवाजों में.

गीत लिखा है प्रसून जोशी ने और इसकी धुन तैयार की
हा जतिन ललित ने. सोनू निगम और सुनिधि चौहान का
कोई भी युगल गीत हमने काफी दिन से नहीं सुना है.





गीत के बोल:

मेरे हाथ में तेरा हाथ हो
सारी जन्नतें मेरे साथ हो
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो
सारी जन्नतें मेरे साथ हो
तू जो पास हो फिर क्या ये जहां
तेरे प्यार में हो जाऊं फ़ना
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो
सारी जन्नतें मेरे साथ हो
तू जो पास हो फिर क्या ये जहां
तेरे प्यार में हो जाऊं फ़ना
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो
सारी जन्नतें मेरे साथ हो

तेरे दिल में मेरी साँसों को पनाह मिल जाए
तेरे इश्क में मेरी जां फ़ना हो जाए
जितने पास है खुशबू सांस के
जितने पास होंठों के शलजम
जैसे साथ है करवट याद के
जैसे साथ बाहों के संगम
जितने पास पास ख्वाबों के नज़र
उतने पास तू रहना हमसफ़र
तू जो पास हो फिर क्या ये जहां
तेरे प्यार में हो जाऊं फ़ना

मेरे हाथ में तेरा हाथ हो
सारी जन्नतें मेरे साथ हो

रोने दीज हमको दो आँखें सुजाने दे
बाहों में ले एल और खुद को भीग जाने दे
है जो सीने में कैद दरिया वो छूट जायेगा
है इतना दर्द के तेरा दामन भीग जायेगा
जितने पास पास धडकन के हैं राज़
जितने पास बूंदों के बादल
जैसे साथ साथ चन्दा के है रात
जितने पास नैनों के काजल
जितने पास पास सागर के लहर
उतने पास तू रहना हमसफ़र
तू जो पास हो फिर क्या ये जहां
तेरे प्यार में हो जाऊं फ़ना

मेरे हाथ में तेरा हाथ हो
सारी जन्नतें मेरे साथ हो

अधूरी सांस थी धडकन अधूरी थी अधूरे हम
मगर अब चाँद पूरा है फलक पे और अब पूरे हैं हम
……………………………………………
Mere haath mein-Fanaa 2006

Artists: Aamir Khan, Kajol

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Jul 19, 2019

चाँद सिफ़ारिश जो करता-फना २००६

जतिन ललित के संगीत वाला कोई गीत सन २००१
के बाद सबसे ज्यादा बजा तो वो है फिल्म फना का
यह गीत जो हम आपको आज सुनवायेंगे. ये कम
समय में ज्यादा बजने वाला गीत है.

इसे उदित नारायण और कैलाश खेर ने गाया है. बोल
है प्रसून जोशी के. गीत के बहाने क़ुतुब मीनार की सैर
हो जाती है.



गीत के बोल:

सुभान अल्लाह सुभान अल्लाह
सुभान अल्लाह सुभान अल्लाह

चांद सिफारिश जो करता हमारी देता वो तुमको बता
शर्म-ओ-हया पे परदे गिरा के करनी है हमको खता
जिद है अब तो है खुद को मिटाना होना है तुझमें फना
चांद सिफारिश जो करता हमारी देता वो तुमको बता
शर्म-ओ-हया पे परदे गिरा के करनी है हमको खता

तेरी अदा भी है झोंके वाली छू के गुज़र जाने दे
तेरी लचक है जैसे के डाली दिल मे उतर जाने दे
आ जा बाहों मे कर के बहाना होना है तुझमें फना
चांद सिफारिश जो करता हमारी देता वो तुमको बता
शर्म-ओ-हया पे परदे गिरा के करनी है हमको खता

सुभान अल्लाह सुभान अल्लाह
सुभान अल्लाह सुभान अल्लाह

है जो इरादे बता दूं तुमको शर्मा ही जाओगी तुम
धड़कने जो सुना दूं तुमको घबरा ही जाओगी तुम
हमको आता नहीं है छुपाना होना है तुझमें फना
चांद सिफारिश जो करता हमारी देता वो तुमको बता
शर्म-ओ-हया पे परदे गिरा के करनी है हमको खता
जिद है अब तो है खुद को मिटाना होना है तुझमें फना
.....................................................................
Chand sifarish jo karta-Fanaa 2006

Artist: Aamir Khan, Kajol

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Mar 2, 2018

अजनबी शहर है-जानेमन २००६

एक गीत सुनते हैं सोनू निगम का गाया हुआ फिल्म जानेमन
से. गुलज़ार का गीत है और अन्नू मलिक का संगीत.

जोर लगा के हैया-गायन शैली का अविष्कार २०१० के बाद
नहीं हुआ दोस्तों. ये तो बहुत पहले से शुरू हो गया था. इसके
बाद ‘जोर की भूख लगी है खाना दो’ शैली आई फिर आई
‘कस के लगी है रास्ता दो’ शैली.

गीत में खट्टी मीठी आँखें तो नहीं मगर पतली चांदनी मौजूद
है. गीत के अंत में वो कहावत-हरा हरा दिखना वाली को
प्रतीकात्मक तौर पर दिखलाया गया है. टी शर्ट नहीं बदलती
बस चेहरा बदलता रहता है. 




गीत के बोल:

अजनबी शहर है अजनबी शाम है
ज़िन्दगी अजनबी क्या तेरा नाम है
अजीब है ये ज़िन्दगी ये ज़िन्दगी अजीब है
ये मिलती है बिछड़ती है
बिछड़ के फिर से मिलती है
अजनबी शहर है अजनबी शाम है

आपके बग़ैर भी हमें
मीठी लगें उदासियाँ
क्या ये आपका आपका कमाल है
शायद आपको ख़बर नहीं
हिल रही है पाँव की ज़मीं
क्या ये आपका आपका ख़याल है
अजनबी शहर में ज़िन्दगी मिल गई
अजीब है ये ज़िन्दगी ये ज़िन्दगी अजीब है
मैं समझा था क़रीब है
ये और का नसीब है

बात है ये इक रात की
आप बादलों पे लेटे थे
हूँ वो याद है आपने बुलाया था
सर्दी लग रही थी आपको
पतली चाँदनी लपेटे थे
और शॉल में ख़्वाब के सुलाया था
अजनबी ही सही साँस में सिल गई
अजीब है ये ज़िन्दगी ये ज़िन्दगी अजीब है
मेरी नहीं ये ज़िन्दगी
रक़ीब का नसीब है
अजनबी शहर है अजनबी शाम है
..................................................
Ajnabi shahr hai-Jaaneman 2006

Artists: Preity Zinta, Akshay Kumar, Salman Khan

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Sep 19, 2017

देखो ना-फना २००६

फिल्म फना से एक गीत सुनते हैं सोनू निगम और सुनिधि चौहान
का गाया हुआ.

प्रसून जोशी का गीत है और जतिन ललित का संगीत. कुछ कुछ
शंकर एहसान लॉय वाला प्रभाव महसूस होता है गीत में.
   



गीत के बोल:

ये साजिश है बूंदों की कोई ख़्वाईश है चुप चुप सी
ये साजिश है बूंदों की कोई ख़्वाईश है चुप चुप सी
देखो ना देखो ना
देखो ना देखो ना
हवा कुछ हौले हौले जुबां से क्या कुछ बोले
क्यों दूरी है अब दरमियाँ
देखो ना देखो ना
देखो ना देखो ना

फिर न हवायें होंगी इतनी बेशरम
फिर ना डगमग डगमग होंगे ये कदम
फिर न हवायें होंगी इतनी बेशरम
फिर ना डगमग डगमग होंगे ये कदम
हो सावन ये सीधा नहीं खुफ़िया बड़ा
कुछ तो बरसते हुये कह रहा
समझो ना समझो ना
समझो ना समझो ना
हवा कुछ हौले हौले जुबां से क्या कुछ बोले
क्यों दूरी है अब दरमियाँ
देखो ना देखो ना
देखो ना देखो ना

जुगनू जैसी चाहत देखो जले मुझे
मीठी सी मुश्किल है कोई क्या करे
जुगनू जैसी चाहत देखो जले मुझे
मीठी सी मुश्किल है कोई क्या करे
होठों की अर्जी ऐसे ठुकराओं ना
साँसों की मर्ज़ी को झूठलाओं ना
छू लो ना छू लो ना
छू लो ना छू लो ना

हवा कुछ होले छोले जुबां से क्या कुछ बोले
क्यों दूरी है अब दरमियाँ
देखो ना देखो ना
देखो ना देखो ना
………………………………………………
Dekho na-Fanaa 2006

Artists: Aamir Khan, Kajol

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Aug 26, 2017

कभी अलविदा ना कहना-शीर्षक गीत २००६

इस फिल्म के आगमन के पूर्व हमने ये शब्द फिल्म चलते चलते के
किशोर कुमार के गाये गीत में ही सुने थे.

जावेद अख्तर के बोल हैं और शंकर एहसान लॉय का संगीत. इसे
सोनू निगम और अलका याग्निक ने गाया है.
   
   
 

गीत के बोल:

तुमको भी है खबर  मुझको भी है पता
हो रहा है जुदा दोनों का रास्ता
दूर जा के भी मुझसे  तुम मेरी यादों में रहना
कभी अलविदा ना कहना
कभी अलविदा ना कहना
कभी अलविदा ना कहना

तुमको भी है खबर  मुझको भी है पता
हो रहा है जुदा दोनों का रास्ता
दूर जा के भी मुझसे  तुम मेरी यादों में रहना
कभी अलविदा ना कहना
कभी अलविदा ना कहना
कभी अलविदा ना कहना

जितनी थी खुशियाँ सब खो चुकी हैं
बस एक ग़म है के जाता नहीं
समझा के देखा  बहला के देखा
दिल है के चैन इस को आता नहीं
आता नहीं
आँसू हैं के हैं अंगारें  आग है अब आँखों से बहना
कभी अलविदा ना कहना
कभी अलविदा ना कहना
कभी अलविदा ना कहना

रुत आ रही है  रुत जा रही है
दर्द का मौसम बदला नहीं
रंग ये गम का इतना है गहरा
सदियों भी होगा हल्का नहीं
हल्का नहीं
कौन जाने क्या होना है
हमको है अब क्या क्या सहना
कभी अलविदा
कभी अलविदा ना कहना
कभी अलविदा ना कहना

तुमको भी है खबर  मुझको भी है पता
हो रहा है जुदा दोनों का रास्ता
दूर जा के भी मुझसे  तुम मेरी यादों में रहना
कभी अलविदा ना कहना
कभी अलविदा ना कहना
कभी अलविदा ना कहना
...........................................................................
Kabhi alvida na kehna-Titlesong 2006

Artists: Shahrukh Khan, Rani Mukherji

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Mar 6, 2017

नमक इश्क का-ओंकारा २००६

आपको ओंकारा फिल्म से केवल एक गीत सुनवा के रह गए
बीडी जलाइले. फिल्म के और गीत भी सुनने लायक हैं. इस
फिल्म में लंगड़ा त्यागी की भूमिका के लिए सैफ अली खान
की भूरि भूरि प्रशंसा हुई थी.

आज सुनते हैं एक गीत रेखा भारद्वाज का गाया हुआ. इसे लिखा
है गुलज़ार ने और इसकी तर्ज़ बनाई विशाल भारद्वाज ने. नमक
भी रोमांटिक हो सकता है, कितना ये जानिये इस गीत को सुनने
के बाद. गीत फिल्माया गया है बिपाशा पर.



गीत के बोल:

जबां पे लागा लागा
जबां पे लागा रे  लागा रे हाय
नमक इश्क का
जबां पे लागा लागा रे
जबां पे लागा रे  लागा रे
हाय रे नमक इश्क का
तेरे इश्क का

बलम से माँगा माँगा रे 
बलम से माँगा रे
बलम से माँगा माँगा रे 
नमक इश्क का

हाय रे तेरे इश्क का
जबां पे लागा रे  लागा रे
हाय रे नमक इश्क का
तेरे इश्क का

सभी छेड़े हैं मुझको  सिपहिये बाँके छमिये
सभी छेड़े हैं मुझको  सिपहिये बाँके छमिये
उधारी देने लगे हैं  गली के बनिए बनिए
कोई तो कौड़ी तो भी लुटा दे 
कौई तो कौड़ी
अजी थोड़ी थोड़ी शहद चटा दे  थोड़ी थोड़ी
तेज़ था तड़का का करूँ  सी सी करती मैं मरूँ
तेज़ था तड़का का करूँ  सी सी करती मैं मरूँ
रात भर छाना रे
रात भर छाना  रात भर छाना छाना रे
नमक इश्क का

जबां पे लागा लागा रे
जबां पे लागा रे  लागा रे
हाय रे नमक इश्क का
तेरे इश्क का

ऐसी भूख लगी जालिम के
के बाँसुरी जैसी बाजी मैं
अरे जो भी कहा उस चन्द्रभान ने
फट से हो गयी राजी मैं
बाँसुरी जैसी बाजी मैं
फट से हो गयी राजी मैं
हाय कभी अखियों से पीना  कभी होठों से पीना
कभी अच्छा लगे मरना  कभी मुश्किल लगे जीना
करवा करवट प्यास लगी थी
करवा करवट
अजी बलम की आहट पास लगी थी
बलम की आहट
तेज़ था छौंका का कारूं
सी सी करती मैं मरूं
तेज़ था छौंका का कारूं
सी सी करती मैं मरूं

डली भर डाला जी डाला जी डाला जी
डाला जी डाला जी डाला जी रे
डली भर डाला  डली भर डाला डाला रे
नमक इश्क का
हाय रे तेरे इश्क का
……………………………………………………
Namak ishq ka-Omkara 2006

Artist: Bipasha Basu

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Aug 24, 2016

आशाएँ खिलें दिल की-इक़बाल २००६

नए ज़माने की फिल्म से एक आशावादी गीत सुनते हैं.
ये है फिल्म इकबाल से जिसे के के और क्लिंटन सेरेजो
ने गाया है. श्रेयस तलपड़े और नसीरूदीन शाह पर इसे
फिल्माया गया है.

गीत लिखा है इरफ़ान सिद्दीकी ने और इसे संगीत में बाँधा
है सलीम सुलेमान ने.



गीत के बोल:

आशाएं आशाएं आशाएं
आशाएं आशाएं आशाएं

कुछ पाने की हो आस आस
कुछ अरमां हो जो ख़ास ख़ास
आशाएं आशाएं आशाएं

हर कोशिश में हो वार वार
करे दरियाओं को आर पार
आशाएं आशाएं आशाएं

तूफानों को चीर के
मंजिलों को छीन ले
आशाएँ खिले दिल की
उम्मीदें हँसे दिल की
अब मुश्किल नहीं कुछ भी
नहीं कुछ भी
आशाएँ खिले दिल की
उम्मीदें हँसे दिल की
अब मुश्किल नहीं कुछ भी
नहीं कुछ भी
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ

उड़ जाए ले के ख़ुशी
अपने संग तुझको वहाँ
जन्नत से मुलाक़ात हो
पूरी हो तेरी हर दुआ

आशाएँ खिले दिल की
उम्मीदें हँसे दिल की
अब मुश्किल नहीं कुछ भी
नहीं कुछ भी
आशाएँ खिले दिल की
उम्मीदें हँसे दिल की
अब मुश्किल नहीं कुछ भी
नहीं कुछ भी

आशाएं आशाएं आशाएं

गुज़रे ऐसी हर रात रात
हो ख्वाहिशों से बात बात
आशाएं आशाएं आशाएं
ले कर सूरज से आग आग
गाये जा अपना राग राग
आशाएं आशाएं आशाएं
कुछ ऐसा करके दिखा
खुद खुश हो जाए खुदा

आशाएँ खिले दिल की
उम्मीदें हँसे दिल की
अब मुश्किल नहीं कुछ भी
नहीं कुछ भी
आशाएँ खिले दिल की
उम्मीदें हँसे दिल की
अब मुश्किल नहीं कुछ भी
नहीं कुछ भी

हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
आशाएं....उम्मीदें
……………………………………………………
Ashayen khilen dil ki-Iqbal 2006

Artists: Shreyas Talpade, Naseeruddin Shah, Shweta Prasad, Pratiksha Lonkar

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Jul 2, 2016

ऐ मेरी मेरी जोहराज़बीं-फिर हेरा फेरी २००६

आपने फिल्म वक्त का जोहराज़बीं वाला गीत सुना थे पहले.
आज सुनेंगे फिल्म फिर हेरा फेरी से जोहराज़बीं वाला गीत.
फिल्म का निर्देशन नीरज बोरा ने किया है जिन्होंने इसकी
कहानी भी लिखी है. जब कहानी लिखने वाला ही निर्देशन
करे तो आसान हो जाता है कि वो क्या दिखाना चाहता है
ये सुनिश्चित हो जाए. फिल्म में सर्कस के कुछ दृश्यों को
भी शामिल किया गया है जो सर्कस की दम तोडती कला के
लिए अच्छा है. कुछ समय बाद के लोगों को शायद सर्कस
देखने को ही न मिले. एक समय ये मनोरंजन का अच्छा
साधन हुआ करता था और इसका जनता बेसब्री से इंतज़ार
किया करती थी.

गीत सुनते हैं जिसे समीर ने लिखा है और इसे गाया है
हिमेश रेशमिया ने जिन्होंने इसे संगीतबद्ध भी किया है.





गीत के बोल:

ऐ मेरी मेरी जोहराज़बीं
ऐ मेरी मेरी जोहराज़बीं
फुरकत-ऐ-गम मिटा जा
इश्क दा जाम दिखा जा
जुम्मे रात रात है
आ जा साथ साथ निभा जा
साथ साथ निभा जा
जुम्मे रात रात है
आ जा साथ साथ निभा जा
साथ साथ निभा जा
ऐ मेरी मेरी जोहराज़बीं
ऐ मेरी मेरी जोहराज़बीं
फुरकत-ऐ-गम मिटा जा
इश्क दा जाम दिखा जा
जुम्मे रात रात है
आ जा साथ साथ निभा जा
साथ साथ निभा जा
जुम्मे रात रात है
आ जा साथ साथ घुसा जा
साथ साथ निभा जा

मुझे शाम सवेरे तेरी याद आती है
बेताबियाँ जिया को बड़ा तड़पाती हैं
दीदार बिना मैं ना रह पाऊंगा
मैं तुझसे दूरी ना सह पाऊँगा
फुरकत-ऐ-गम मिटा जा
इश्क दा जाम दिखा जा
जुम्मे रात रात है
आ जा साथ साथ निभा जा
साथ साथ निभा जा
जुम्मे रात रात है
आ जा साथ साथ निभा जा
साथ साथ निभा जा
ऐ मेरी मेरी जोहराज़बीं

मिलने का वादा कहीं टूट ना जाए
उम्मीदों का धागा कहीं टूट ना जाए
तेरा प्यार अगर जो मुझको मिल जाए
मेरे अरमानों को ज़रा चैन आ जाए
फुरकत-ऐ-गम मिटा जा
इश्क दा जाम दिखा जा
जुम्मे रात रात है आ जा
साथ साथ निभा जा
साथ साथ निभा जा
जुम्मे रात रात है आ जा
साथ साथ निभा जा
साथ साथ निभा जा
ऐ मेरी मेरी जोहराज़बीं
फुरकत-ऐ-गम मिटा जा
इश्क दा जाम दिखा जा
जुम्मे रात रात है
आ जा साथ साथ निभा जा
साथ साथ निभा जा
जुम्मे रात रात है आ जा
साथ साथ निभा जा
साथ साथ निभा जा
……………………………………………

Ae meri meri zohrazabeen-Phir herapheri 2006

Artists-Paresh Rawal, Akshya Kumar, Sunil Shetty, Bipasha Basu, Rimi Sen, Johny Lever

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Apr 12, 2016

सौ दर्द हैं-जान-ए-मन २००६

एक जानेमन फिल्म है देव आनंद वाली जिसके खूब चर्चे हुए.
ये अब क्लासिक कही जाती है. सन १९७६ में आई थी जिसमें
हेमा मालिनी की दोहरी भूमिका थी. ठीक ३० साल बाद नयी
जानेमन आई इस फिल्म में प्रिटी जिंटा नायिका है और उनके
संग दो नायक हैं अक्षय और सलमान. शिरीष कुंदर निर्देशित
इस फिल्म के निर्माता साजिद नाडियाडवाला हैं.

फिल्म में कुछ कर्णप्रिय गीत है. गीत लिखे हैं गुलज़ार ने और
फिल्म में संगीत है अन्नू मलिक का. सीली सीली सी हवा के
रचयिता ने इधर सूखी-सूखी सी हवा का जिक्र परोसा है.



गीत के बोल:


सौ दर्द हैं, सौ राहतें
सब मिला दिलनशीं
एक तू ही नहीं

रूखी रूखी सी ये हवा
और सूखे पत्ते की तरह
शहर की सड़कों पे मैं
लावारिस उड़ता हुआ
सौ रास्ते पर तेरी राह नहीं
सौ दर्द हैं, सौ राहतें
सब मिला दिलनशीं
एक तू ही नहीं

बहता है पानी बहने दे
वक़्त को यूँही रहने दे
दरिया ने करवट ली है तो
साहिलों को सहने दे
सौ हसरतें पर तेरा ग़म नहीं
सौ दर्द हैं, सौ राहतें
सब मिला दिलनशीं
एक तू ही नहीं
..............................................
Sau dard hain-Jaan-e-man 2006

Artist: Salman Khan

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Feb 3, 2016

सजन घर आना था-आर्यन अनब्रेकेबल २००६

फिल्म मोहब्बतें में शाहरुख खान के किरदार का नाम था-
राज आर्यन. उसके बाद आर्यन शब्द काफी पॉपुलर हुआ.
आर्यन नाम से फिल्म भी बनी सन २००६ में. उसी फिल्म
से एक गीत आज आपको सुनवाते हैं. किरदार के नाम का
चयन निर्देशक और पटकथा अनुसार होता है और ये मुद्दा
नायक के बस में नहीं होता.

श्रेया घोषाल और सोनू निगम के गाये इस गीत का संगीत
तैयार किया है आनंद राज आनंद ने. इस गीत के बोल लिखे
हैं आनंद राज आनंद ने. जैसा कि विवरण मिला है जगह
जगह, उस अनुसार गीतकार और संगीतकार एक ही हैं गाने
के.

आर्यन एक ऐसे युवक की कहानी है जो अपने कैरियर और
परिवार में से किसका चुनाव करे इस द्वन्द में फंसा है. इस
रोल को निभाया है सोहेल खान ने. फिल्म में उनके साथ
नायिका हैं स्नेह उलुल.




गीत के बोल:

सजन घर आना था
सजन घर आये हैं
पिया मन भाना था
पिया मन भाये है
हर खुशी है अब तुम्हारी
मुझे दे दो गम
जानेमन जानेमन

ज़िन्दगी में आये तुम चाहतों के रस्ते
काश ये रस्ते सनम कट जाये हँसते हँसते
सोने दिलदारा तेरे प्यार तो मैं वारियाँ
मेरियां दुआवां तैनू लग जावे सारियाँ
चांद हो तुम चाँदनी से भीगा जाये मन
जानेमन जानेमन

ख्वाबों के इस घर की खैर करियो रब्बा
दूर तरै कलेश और बैर करियो रब्बा
नाजों से बड़ी मैंने करी है तैयारियाँ
दिन रात प्यार दियां नाजरां उतारियाँ
ये मोहब्बत, है इबादत कभी हो ना कम
जानेमन जानेमन

आ आगोश में मेरी ज़ुल्फ सवारूँ तेरी
चाहत के रंगों से मैं मांग सजा दूँ तेरी
माहिया वे आज मैनू ऐवें क्यों वे लगदा
आशिक जे सच्चा होवे रूप होंदा रब दा
हम यहाँ हैं, तुम यहाँ हो, होने दो मिलन
जानेमन जानेमन
...........................................................................
Sajan ghar aana tha-Aryan 2006

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Dec 4, 2015

मितवा-कभी अलविदा ना कहना २००६

कई बार सोचा इस गीत को आपको सुनवाऊं मगर ये रह ही
जाता था पोस्ट करने के लिए. आज सुना इसे तो याद रखा
कि इसे ब्लॉग के पाठक और मित्रों को भी सुनवाना है.

पहले पहल इस गीत को सुना था कहीं तो ऐसा लगा था कि
इसको या तो के-के ने गाया है या शंकर महादेवन ने. फिर
एक दिन इसे ध्यान से सुना तो गायक अलग सा लगा और
आवाज़ कुछ ज्यादा सधी सी सुनाई पड़ी. विवरण देखने पर
मालूम पड़ा कि इसे शफ़कत अमानत अली ने गाया है. अच्छा
गीत है, इसे जावेद अख्तर ने लिखा है और शंकर-एहसान-लॉय
की तिकड़ी ने इसे संगीतबद्ध किया है. शफ़कत अमानत अली
पटियाला घराना के गायक हैं और पाकिस्तानी मूल के हैं.

किशोर कुमार का एक गीत है ‘चलते चलते’ फिल्म से जिसकी
पंक्तियाँ हैं-कभी अलविदा ना कहना. इसी नाम से फिल्म बन
गयी २००६ में.

उनके बॉलीवुड में आगमन की कहनी भी दिलचस्प है . शंकर
महादेवन ने रेडियो पर उनका एक गीत ‘आँखों के सागर’ सुना
उसके बाद उन्होंने शफकत का नंबर ढूंढ निकला और उसके बाद 
कभी अलविदा ना कहना के गीत के लिए शफ़कत की सेवाएं
ली गईं. ये गीत अपने अवतरण के साथ ही प्रसिद्धि के चरम
पर पहुँच गया. आइये सुनें यही गीत.



गीत के बोल:

मेरे मन ये बता दे तू, किस ओर चला है तू
क्या पाया नहीं तुने, क्या ढूँढ रहा है तू
जो है अनकही, जो है अनसुनी
वो बात क्या है बता
मितवा
कहे धड़कने तुझसे क्या
मितवा
ये खुद से तो ना तू छुपा

जीवन डगर में, प्रेम नगर में
आया नज़र में जब से कोई हैं
तू सोचता है, तू पूछता हैं
जिसकी कमी थी क्या ये वही है
हाँ ये वही है, हाँ ये वही है
तू एक प्यासा और ये नदी हैं
काहे नहीं इसको तू खुलके बताये
जो है अनकही, जो है अनसुनी
वो बात क्या है बता
मितवा
कहे धड़कने तुझसे क्या

तेरी निगाहें, पा गयी राहें
पर तू ये सोचे, जाऊं ना जाऊं
ये ज़िन्दगी जो, है नाचती तो
क्यूँ बेड़ियों में है तेरे पाँव
प्रीत की धुन पर, नाच ले पागल
उड़ता अगर है, उड़ने दे आँचल
काहे कोई अपने को ऐसे तरसाए
जो है अनकही, जो है अनसुनी
वो बात क्या है बता
मितवा
कहे धड़कने तुझसे क्या
......................................................................................
Mitwa-Kabhi alvida na kehna 2006

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Dec 9, 2010

आगे पीछे डोलते हो-गोलमाल २००६

रंगीन युग में श्वेत श्याम के ज़माने का मज़ा ला दिया
इस गीत ने। इस फिल्म में विशाल शेखर का संगीत है।
गीत फिल्माया गया है परेश रावल पर और जासूसी
धारावाहिक करमचंद की किट्टी यानि सुष्मिता मुखर्जी
पर। सुष्मिता मुखर्जी बहुत अरसे के बाद दिखाई दीं
परदे पर। धीमा और कर्णप्रिय गीत है ये और इसमें
शोरगुल की नाम मात्र मिलावट है। इस गीत को गाया है
स्नेहा पन्त और शेखर ने। शेखर ने इस गीत को लिखा
भी है ।

गौर फरमाएं ग्रामीण माहौल को दिखाने के लिए भैंस
का होना कितना ज़रूरी है। कोई मनचला फिल्म निर्देशक
होता तो गीत में उसकी आवाज़ भी डलवाता।



गीत के बोल:

क्यूँ आगे पीछे डोलते हो भंवरों की तरह
क्यूँ देखते हो मुझको यूँ बेसब्रों की तरह
क्यूँ आगे पीछे डोलते हो भंवरों की तरह
क्यूँ देखते हो मुझको यूँ बेसब्रों की तरह

क्या मेरे दीवाने हो, नहीं नहीं
क्या कोई परवाने हो, नहीं नहीं
क्या मेरे दीवाने हो
क्या कोई परवाने हो
काम क्या है मुझसे इतना कह दो जी ज़रा

कोरस: बोल दे प्यार है खामोश क्यों है खड़ा
हम अगर होते तो बोल दिया होता

क्यूँ आगे पीछे डोलते हो भंवरों की तरह
क्यूँ देखते हो मुझको यूँ बेसब्रों की तरह

खिड़की पे मेरी क्यूँ रखते हो अँखियाँ
करते हो क्यों तुम मेरी ही बतियाँ
खिड़की पे मेरी क्यूँ रखते हो अँखियाँ
करते हो क्यों तुम मेरी ही बतियाँ
मेरे लिए आते हो
नहीं तो
गीत गुनगुनाते हो
ना ना
मेरे लिए आते हो
गीत गुनगुनाते हो

बात क्या है दिल में तुम्हारे तुमको ही पता

कोरस:छोड़ दे यह शर्म तू पास उसको बुला
हम अगर होते तोह बुला लिया होता

क्यूँ आगे पीछे डोलते हो भंवरों की तरह
क्यूँ देखते हो मुझको यूँ बेसब्रों की तरह

हाथों में क्यों है यह सोने का कंगना
तुमको पह्नाके ले जाऊँगा अंगना
सजनी बनाओगे,
हाँ जी हाँ जी हाँ
जान भी लुटाओगे
अरे हाँ जी हाँ जी हाँ
सजनी बनाओगे जान भी लुताओगे
आज हम कहते हैं तुमसे प्यार हो गया

कोरस:हाथ यह थाम कर कहाँ पे तू है चला
अपना भी शुक्रिया कर दिया होता

हम आगे पीछे डोलते है भंवरों की तरह
हम देखते है तुमको यूँ बेसब्रों की तरह
क्या मेरे दीवाने
हाँ जी हाँ जी हाँ
क्या कोई परवाने
अरे हाँ जी हाँ जी हाँ
क्या मेरे दीवाने हो क्या कोई परवाने हो
आज हम कहते है तुमसे प्यार हो गया
...........................................................................................................
Kyun aage Peechhe Dolte Ho-Golmaal(Fun Unlimited) 2006

Artists: Sushmita Mukherji, Paresh Rawal

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Apr 7, 2009

गुदगुदी-जस्ट मैरिड २००६

कभी कभार कुछ अनजान सी, या आ के तुरंत चल पड़ी फिल्मों में
कुछ अच्छे गाने होते हैं जो हम देख नहीं पाते, देखने को नहीं मिलते
या सुनाई नहीं देते। ऐसी फिल्में पहले भी आई, अभी भी आ रही हैं
और आगे भी आती रहेंगी। इस फ़िल्म का नाम वैसे तो जरूर सुनाई
दिया था-जस्ट मैरिड। नाम सुनाई देने के पीछे प्रमुख कारण था इस
फिल्म की निर्देशिका-मेघना गुलज़ार जो गुलज़ार की सुपुत्री हैं।

इसमें फरदीन खान और ईशा देओल मुख्य कलाकार हैं। नई गायिका
सुनिधि चौहान की आवाज़ में ये एक धीमा और कर्णप्रिय नगमा है।
इसके बोल लिखे हैं गुलज़ार ने और धुन बनाई है प्रीतम चक्रवर्ती ने।
प्रीतम आजकल काफ़ी फिल्मों में संगीत दे रहे हैं। वे अपने संगीत के
लिए कम और दूसरे कारणों, (जिनके लिए कभी अन्नू मलिक विख्यात
थे) , के लिए ज्यादा जाने जाते हैं।



गाने के बोल:

जब भी ज़रा तुमने छुआ
ज़िन्दगी हलकी सी गुदगुदी कर गई
जब भी ज़रा तुमने छुआ
ज़िन्दगी हलकी सी गुदगुदी कर गई

छलकी हुई थी पहले से में
थोडी से और भी भर गई
और भी भर गई
गुदगुदी कर गई
गुदगुदी कर गई

सोचा था तुमसे मिले तो
पाँव ज़मीन पे पड़ेंगे
यह क्या पता था के फिर से
ख़्वाबों में उड़ने लगेंगे
सोचा था तुमसे मिले तो
पाँव ज़मीन पे पड़ेंगे
यह क्या पता था के फिर से
ख़्वाबों में उड़ने लगेंगे

डर तो रही थी पहले से मैं
थोडी सी और भी डर गई
और भी भर गई
गुदगुदी कर गई
गुदगुदी कर गई

अनजान लोगों का मिलना
पहले भी होते रहा है
पढ़ के बताओ सितारे
यह रिश्ता कहाँ पे लिखा है
अनजान लोगों का मिलाना
पहले भी होते रहा है
पढ़ के बताओ सितारे
यह रिश्ता कहाँ पे लिखा है

मरने लगी थी पहेले से मैं
थोडी सी और भी मर गई
और भी भर गई
गुदगुदी कर गई
गुदगुदी कर गई

जब भी ज़रा तुमने छुआ
ज़िन्दगी हलकी सी गुदगुदी कर गई
जब भी ज़रा तुमने छुआ
ज़िन्दगी हलकी सी गुदगुदी कर गई

छलकी हुई थी पहले से में
थोडी से और भी भर गई
और भी भर गई
गुदगुदी कर गई
गुदगुदी कर गई
गुदगुदी कर गई
..........................................................
Gudgudi-Just married 2006

Artists: Fardeen Khan, Isha Deol

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