गूँजी सी है सारी फ़िज़ा-क्यूँ हो गया ना २००४
उसके बाद तो मेलोडी बहुत कुछ हो गयी और उसका मेल
वर्ज़न मेलोडा भी आ गया.
कहा जाता है जिंदगी हसीं है. वो तो है, मगर किसकी है ये
स्पेसिफाई नहीं किया गया है. अपनी नहीं है तो हिंदी फिल्मों
के पर्दों की जिंदगियों को देख के खुश हो लो. ये तो कर ही
सकते हो. है ना जी, हंजी हंजी.
ये मधुर गीत है सन २००४ का. फिल्म क्यूँ हो गया ना से
जिसमें आप विवेक ओबेरॉय और ऐश्वर्य राय को देख सकते
हैं. इस फिल्म में दोनों की केमिस्ट्री अच्छी है इस गीत से
समझ आता है.
फॉक्सवेगन की बीटल पहाड़ी एरिया में धोई जा रही है. ये
मॉडल आपने शायद ही देखा हो अपनी देसी सड़कों पर.
कुछ सालों से फिल्मों में दृश्यवाली सुन्दर हो चली है मगर
एक बात अखरती है वो कम्प्यूटर के स्क्रीन सेवर की तरह
चलती है, उसमें कहीं कंही कंटीन्यूटी गायब मिलती है और
वो एक फोटो शो की तरह दिखने लगती है.
गीत जावेद अख्तर का है और धुन शंकर एहसान लॉय की.
साधना सरगम और उदित नारायण ने इसे गाया है.
गीत के बोल:
गूँजी सी है सारी फ़िज़ा जैसे बजती हों शहनाईयां
लहराती है महकी हवा गुनगुनाती हैं तन्हाईयां
सब गाते हैं सब ही मदहोश हैं
हम तुम क्यों ख़ामोश हैं
साज़े दिल छेड़ो ना चुप हो क्यों गाओ ना
आओ ना आओ ना आओ ना आओ ना
तन मन में क्यों ऐसी दहकी हुई
ठंडी सी इक आग है
हो साँसों में है कैसी ये रागिनी
धड़कन में क्या राग है
ये हुआ क्या हमें हमको समझाओ ना
ये हुआ क्या हमें हमको समझाओ ना
सब गाते हैं सब ही मदहोश हैं
हम तुम क्यों ख़ामोश हैं
दिल में जो बातें हैं होंठों पे लाओ ना
आओ ना आओ ना आओ ना आओ ना
अब कोई दूरी न उलझन कोई
बस एक इक़रार है
अब हम कहीं ना तुम हो कहीं
बस प्यार ही प्यार है
सुन सको धड़कनें इतने पास आओ ना
सब गाते हैं सब ही मदहोश हैं
हम तुम क्यों ख़ामोश हैं
अब मेरे सपनों पे तुम ही तुम छाओ ना
आओ ना आओ ना आओ ना आओ ना
गूँजी सी है सारी फ़िज़ा जैसे बजती हों शहनाईयां
हे लहराती है महकी हवा गुनगुनाती हैं तन्हाईयां
सब गाते हैं सब ही मदहोश हैं
हम तुम क्यों ख़ामोश हैं
साज़े दिल छेड़ो ना चुप हो क्यों गाओ ना
आओ ना आओ ना आओ ना आओ ना
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Goonji si hai saari fiza-Kyun ho gaya na 2004
Artists: Aishwarya Rai, Vivek Oberoi
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