Jun 29, 2020

देखो वीर जवानों-आक्रमण १९७५

हम आप कितने सुरक्षित हैं और चैन की नींद सोते हैं ये
सीमा पर तैनात हमारे जांबाज़ सैनिक सुनिश्चित करते हैं.
हम आप तय नहीं कर सकते और ना ही हमें ये प्रिविलेज
है. ये एक शाश्वत सत्य है जिसे देश के हर एक नागरिक
को स्वीकारना चाहिए. धर्म, पैसे, उंच-नीच का इससे कोई
लेना देना नहीं है.

जो बचकाने लोग आजकल सोशल मीडिया पर रक्षा जैसे
मामलों पर सवाल खड़े करते हैं उन्हें अपने स्कूल-कॉलेज
के विषयों के बारे में ढंग से नहीं मालूम होगा, मगर बोलेंगे
ज़रूर. देखा देखी. कुछ मूर्खों और वाचालों द्वारा ये ट्रेंड शुरू
किया गया और उसे अंधाधुंध लोगों ने क्षण भर की प्रसिद्धि
के लिए और लाईक्स के लिए आँख मूँद कर अपना लिया.

संवेदनशील मसलों पर कुछ पूछने से पहले अपने आप की
औकात का आकलन बहुत आवश्यक है. अगर आप इस देश
के जिम्मेदार नागरिक हैं, देश के संसाधनों का सम्मान करते
हैं, सरकार द्वारा समय समय पर किये गए आवश्यक निवेदनों
और निर्देशों को समझ कर सहयोग करते हैं, व्यवस्था बनाये
रखते हैं, अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रह कर कुछ सार्थक
करते हैं, अपने अधिकारों की बात कर्तव्यों के बाद सोचते हैं,
दूसरों को अनावश्यक कष्ट नहीं देते हैं तो आपको अपने देश
के रक्षकों में पूर्ण विश्वास है.

बाकी लोगों की बात करना व्यर्थ है जो अपने मूर्खतापूर्ण प्रश्न
के जवाब में उम्मीद लगाये बैठे रहते हैं. सरकार आएगी और
उन्हें बतलायेगी कि उनकी छत पर चिड़िया ने बीट क्यूँ की.
कुछ काम नहीं है अगर तो सोशल मीडिया पर हगने से बेहतर
है घर में झाड़ू पोंछा ही लगा लो. मोबाइल ना हुआ बन्दर के
हाथ में उस्तरे जैसा हो गया. जिसे देखो वो अपना ऑनियन
जैसा ओपिनियान देने बैठा हुआ है.

कई युवाओं को देखा है फ्लर्ट और रोमांस के लिए सोशल
मीडिया पर अवतरित होते हैं और जबरन दूसरे मसलों में
कूद पड़ते हैं बिना विषय की जानकारी के. ये केवल अपनी
उपस्थिति दर्ज कराने के लिए होता है. जागरुकता का अर्थ
सिर्फ इतना नहीं है कि अपनी भां भां की, गुड मॉर्निंग और
गुड नाईट बोला और हो लिए फुर्र. जागरूकता केवल भाषण
देने का नाम भी नहीं है. आपके सार्थक विचारों और कार्यों
से कोई बदलाव आ रहा है तो वो है जागरूकता.

एक गीत सुनते हैं फिल्म आक्रमण से जो देश में रह रहे
नागरिकों को संबोधित है. आनंद बक्षी रचित ये गीत गाया
है किशोर कुमार ने और धुन तैयार की है लक्ष्मी प्यारे ने.




गीत के बोल:

इसे सुन लें बोल तो हम
आपको दे ही देंगे.
…………………………………………….
Dekho veer jawanon-Aakraman 1975

Artists: Rajesh Khanna, Sanjeev Kumar

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