उत्तर आई अखाड़े में-चमेली की शादी १९८६
मेहनत कर के अपना पेट पाल सके. चलाना कैसे है उसके लिए
दिमाग दिया हुआ है. कभी कभी हाथ अपनी रक्षा और कुछ
विशेष हासिल करने के लिए भी चलाने पड़ते हैं.
फिल्म चमेली की शादी में नायक को नायिका आसानी से नहीं
मिलती. तरह तरह के दांव पेच, कुश्ती, ढिशुम ढिशुम, गायन,
नृत्य इत्यादि के बाद उसे मन का मीत प्राप्त होता है. अखाड़े
में नायिका जैसे दृश्य हमने डब्लू डब्लू एफ के महिला संस्करण
में ही देखे और वो भी ९० के बाद, जहाँ तक मेरा अनुमान ठीक
है. पुरुष प्रधान फ़िल्मी कथानकों में ऐसा देखने को मिला नहीं.
बहुत से लोगों का ऐसा मानना है कि वे मनुष्य योनि में पैदा
हो गये तो दो वक्त की रोटी और अन्य सुविधाओं पर उनका
जन्मसिद्ध अधिकार हो गया. वे हाथ पैर मारें या ना मारें उन्हें
भोजन मिलना चाहिए.
आसानी से मिलने वाली चीज़ों में प्रकृति द्वारा प्रदान वस्तुएं
जैसे पेड़ से स्वतः गिरे बेर, पक्षियों के खाए बेर ही मिला करते
हैं. इनमें आपके पास चॉईस नहीं होती. ताजा कोई चीज़ खानी
है तो पेड़ पर चढ़िये या तोड़ने का कोई जुगाड कीजिये तभी
प्राप्त होगा.
सहज कॉमेडी की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए निर्देशक ने इसमें
अपनी पिछली फिल्मों की तुलना में कुछ अनूठे प्रयोग किये हैं.
अनूठा मैं इसलिए कह रहा हूँ क्यूंकि ऐसे कुछ प्रयोग श्वेत श्याम
युग की कुछ फिल्मों में भी हैं मगर समय की धूल भरी आंधी
में कई चीज़ें दब चुकी हैं बॉलीवुड की. कोशिश जारी है उन पर
से धूल हटाने की मगर पिछले दशकों में इतना कुछ सामने आ
चुका है कि ये प्रयत्न अपर्याप्त या यूँ कहें ऊँट के मुंह में जीरे
के समान लगता है. उसके अलावा स्वयं बॉलीवुड पुराने माल
को सहजने के प्रति गंभीर नहीं है.
सुनते हैं ये गीत मेल-फीमेल कुश्ती वाला जो अनजान का लिखा
हुआ है. कल्याणजी आनंदजी के संगीत निर्देशन में इसे गाया है
आशा भोंसले ने.
गीत के बोल:
अरे आ आ
उतर आई अखाड़े में
तेरे सपनों की रानी
उतर आई अखाड़े में
तेरे सपनों की रानी
अरे दम है तो
अरे दम है तो आ कर ले
प्यार में पहलवानी
उतर आई अखाड़े में
तेरे सपनों की रानी
हो पंजा लड़ा की ना मारूं रे तुझको
नैना मिला के मैं मारूं
रसिया रे नैना मिला के मैं मारूं
प्यार का ऐसा दांव लगाऊँ
दंगल का भूत उतारूं
सर से दंगल का भूत उतारूं
मिल जायेगी
ओ मिल जाएगी मिटटी में
यहाँ तेरी जवानी
उतर आई अखाड़े में
तेरे सपनों की रानी
हो पी के यहाँ भांग आ संग मेरे
तूफां में तू भी उतर जा
रसिया रे तूफां में तू भी उतर जा
ये इश्क शोलों का दरिया है तो क्या
आ डूब के पार कर जा
प्यारे आ डूब के पार कर जा
पार तुझको
ऐ पार तुझको लगा देगी
तेरी प्रेम दीवानी
उतर आई अखाड़े में
तेरे सपनों की रानी
हो सजना ओ सजना
मैंने यहाँ सेज फूलों की सजना
तेरे लिए हैं सजाई
हो ओ ओ सारे ज़माने को ठोकर लगा के
तुझसे लगन है लगाई
मैंने तुझसे लगन है लगाई
आ भी जा
अरे आ भी जा बाहों में
छोड़ दे आनाकानी
उतर आई अखाड़े में
तेरे सपनों की रानी
अरे दम हैं तो आ
कर ले प्यार में पहलवानी
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Utar aayi akhade mein-Chameli ki shadi 1986
Artists: Anil Kapoor, Amrita Singh
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