दिल का साथी है जब दिल-सलाम मेमसाब १९७९
शानदार अभिनेत्रियों को देखा है. सिनेमा जगत उसे याद
रखता है जो चर्चा में हो मगर ढेरों ऐसे दर्शक हैं जो अच्छे
कलाकारों को याद रखते हैं, दौर कोई भी हो.
हमने आपको १० साल पहले असरानी निर्देशित एक फिल्म
सलाम मेमसाब से एक लता का गाया गीत सुनवाया था.
आज सुनते हैं उस गीत का खुशनुमा तर्ज़ुमा जिसे गाया
है किशोर कुमार ने. गीत असरानी और ज़रीना वहाब पर
फिल्माया गया है. गीत में एक लाईन लगता है भूपेंद्र की
आवाज़ में है. बाकी कोरस है.
आज नायिका ज़रीना वहाब का जन्मदिन है जिसकी उन्हें
ढेरों शुभकामनाएं. ज़रीना वहाब की पहली हिंदी फिल्म है
देव आनंद निर्देशित इश्क इश्क इश्क. बतौर प्रमुख नायिका
वे १९७६ की बासु चटर्जी निर्देशित हिट फिल्म चितचोर में
दिखाई दीं. उसके बाद एक लंबा सफल कैरियर है उनका
जिसमें हिंदी, तमिल, तेलुगु और मलयालम भाषा की फ़िल्में
हैं.
पुरस्कारों से शिकायत मुझे भी है. ज़रीना वहाब को किसी
भी भाषा के सिनेमा पुरस्कारों ने पुरस्कार के लायक नहीं
समझा? फिल्म इतिहास की सबसे संजीदा अभिनेत्रियों में
से एक ज़रीना वहाब अभिनय के मामले में समकालीनों से
काफी आगे दिखलाई देती हैं.
सुनते हैं गीत जिसे मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखा है.
गीत के बोल:
दिल का साथी है जब दिल
कैसा रास्ता क्या मंजिल
याद आया, गाओ मेमसाब
दिल का साथी है जब दिल
कैसा रास्ता क्या मंजिल
चल पडो तो रास्ता है
ठहर जाओ तो मंजिल
रंग ये नजारों का रूप ये दिलदारों का
जो नज़ारा है देखो चूम लेने के काबिल
हो ओ आओ लुटे मज़े शाम है बहार की
क्या हो थोडा सा, हाँ
क्या हो थोडा सा हमें भी अगर देख लो
ओ जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
अरे सोचिये मत गाइए गाइए
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
ये बात हुई ना, वंडरफुल
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
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Dil ka sathi hai jab dil-Salaam memsaab 1979
Artists: Asrani, Zarina Wahab
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