हम भूल गये रे हर बात-सौतन की बेटी १९८९
किया था. फिल्म का नाम है नौनिहाल. इसके बाद सन १९७१
की मीना कुमारी अभिनीत फिल्म गोमती के किनारे से उनका
निर्देशन का कैरियर प्रारंभ हुआ.
सावन कुमार बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी हैं जहाँ तक
फिल्म के भिन्न भिन्न पहलुओं का सवाल है. उनके लिखे
हुए कई गीत बेहद लोकप्रिय हुए.
पुरस्कार उनसे दूर ही रहे. जाने क्यूँ पुरस्कारों को कई लोगों
से एलर्जी होती है. वैसे भी ले दे के वही काली औरत वाले
अवार्ड चले आये फिल्म उद्योग में ९० के दशक तक. उसके
बाद काफी सारे पुरस्कारों का आविष्कार हुआ. सूरत फिर भी
बहुत ज्यादा नहीं बदली और नए आविष्कारों से भी जनता
को शिकायत रहने लगी. वो नेपोटिस्म और पोटाइस्म इतना
ज्यादा हावी है यहाँ कि उससे अक्सर जनता को समझौता
ही करना पड़ता है.
सुनते हैं सौतन की बेटी से एक गाना जिसका संगीत तैयार
किया है वेदपाल वर्मा ने. इसे लता मंगेशकर ने गाया है.
ये गाना हालांकि एक पडोसी देश के गाने से प्रेरित है, यूँ
कहें काफी दोस्ताना है दोनों गानों में, जहाँ तक मुखड़े का
सवाल है. उसके बाद धुनें जुदा सी लगती हैं.
गीत के बोल:
हम भूल गये रे हर बात मगर तेरा प्यार नहीं भूले
हम भूल गये रे हर बात मगर तेरा प्यार नहीं भूले
क्या क्या हुआ दिल के साथ
क्या क्या हुआ दिल के साथ मगर तेरा प्यार नहीं भूले
हम भूल गये रे हर बात मगर तेरा प्यार नहीं भूले
.
.
.
.
…………………………………………………………………
Ham bhool gaye re har baat-Souten ki beti 1989
Artist: Rekha
0 comments:
Post a Comment