पत्थर के सनम, तुझे हमने-पत्थर के सनम १९६७
पत्थर का हो गया है इस गीत में। सर्वाधिक लोकप्रिय गीतों
में से एक है हमारा आज का गीत फ़िल्म पत्थर के सनम से।
प्यानो पर बैठ के नायक अपनी नायिका की ओर मुखातिब है ।
प्रेम त्रिकोण में उलझी जिंदगियां क्या कर रही हैं आइये देखें इस
गीत में। गीत के बोल मजरूह सुल्तानपुरी के हैं और इसका संगीत
लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल ने तैयार किया है। ये एक सदाबहार गीत
है और आज भी प्रासंगिक है. इसके बोल इतने शानदार हैं कि
इन्हें किसी भी मौसम किसी भी मौके पर इस्तेमाल किया जा
सकता है. आज के प्रेमियों में भी ये गीत लोकप्रिय है, हाँ उतना
नहीं जितना आज से बीस साल पहले था.
गाने के बोल:
पत्थर के सनम, तुझे हमने, मुहब्बत का ख़ुदा जाना
बड़ी भूल हुई, अरे हमने, ये क्या समझा ये क्या जाना
चेहरा तेरा दिल में लिये, चलते चले अंगारों पे
तू हो कहीं, सजदे किये, हमने तेरे रुख़सारों पे
हम सा न हो, कोई दीवाना,
पत्थर के सनम...
सोचा न था बढ़ जाएंगी, तनहाइयां जब रातों की
रस्ता हमें दिखलाएंगी, शमा-ए-वफ़ा इन आँखों की
ठोकर लगी, फिर पहचाना,
पत्थर के सनम...
ऐ काश के, होती ख़बर, तूने किसे ठुकराया है
शीशा नहीं, सागर नहीं, मंदिर-सा इक दिल ढाया है
सारा जहाँ , है वीराना,
पत्थर के सनम...
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Patthar ke sanam(title)-Patthar ke sanam 1967
Artists: Manoj Kumar, Waheeda Rehman, Mumtaz,
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