हम नहीं झूमते हैं-जानी दोस्त १९८३
आज सुनते हैं जानी दोस्त से एक गीत. इन्दीवर की
खूबसूरत रचना को आकर्षक धुन में बाँधा है बप्पी लहरी
ने.
कोई भी चीज़ हो समय गुजरने के बाद क्लासिक कहलाई
जाती है. रेट्रो या विंटेज जैसे शब्द भी प्रयोग होते हैं ऐसे
सामान को बयान करने के लिए.
प्रस्तुत गीत आशा भोंसले और किशोर कुमार ने गाया है.
ब्लॉग पर ये फिल्म का तीसरा गीत है.
गीत के बोल:
हम नहीं झूमते हैं झूमता है सारा जहां
आ हा ओ आ हा ओ आ हा
अरे हम नहीं झूमते हैं झूमता है सारा जहां
हम नहीं झूमते हैं झूमता है सारा जहां
आ हा ओ आ हा ओ आ हा
झूमते झूमते घर आ जाएगा तो हम चले जाएंगे
कैसे जाएंगे
तू रु ता रा तू रु ता रा तू रु ता रा
हम नहीं झूमते हैं झूमता है सारा जहां
आ हा ओ आ हा ओ आ हा
झूम के तुम मुझको अजी देख रहे हो क्यूँ
कभी तू ज़ीनत कभी तू रेखा
कभी तू ज़ीनत कभी तू रेखा
मैने तुझमें क्या क्या देखा
रंग बदले कैसा कैसा
देखे बहुत से जवां तुझसा कोई कहाँ
तरह तरह के तुझमें हैं फन
नाचे जब तू है कमल हासन
गुस्से में अमिताभ जैसा
लड़ाई बन्द करो घर चलो
घर अरे किधर है घर
झूमते झूमते घर आ जाएगा तो हम चले जाएंगे
कैसे जाएंगे
तू रु ता रा तू रु ता रा तू रु ता रा
हम नहीं झूमते हैं झूमता है सारा जहां
आ हा ओ आ हा ओ आ हा
घर को हम भूले या हमें घर भूला
रात कहां पर हम काटेंगे क्या खाएंगे क्या पियेंगे
सोयेंगे हम कहां जा कर
बाहों का तकिया बना
ज़ुल्फ़ों की चादर बिछा
आओ हम तुम प्यार निभाने
प्यार ही पी लें प्यार ही खा लें
सपनें देखें मिल कर
यहीं ये सड़क पर
नहीं नहीं नहीं
झूमते झूमते घर आ जाएगा तो हम चले जाएंगे
कैसे जाएंगे
तू रु ता रा तू रु ता रा तू रु ता रा
हम नहीं झूमते हैं झूमता है सारा जहां
आ हा ओ आ हा ओ आ हा
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Ham nahin jhoomte hain-Jaani dost 1983
Artists-Jeetendra, Sridevi
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