चले जाना ज़रा ठहरो-अराउंड द वर्ल्ड १९६७
दमे की दवा हो. प्रस्तुत गीत का अगर कोई डॉक्टर अर्थ बताएगा
तो ऐसा ही बताएगा.
फिल्म अराउंड द वर्ल्ड के इस गीत को लिखा है शैलेन्द्र ने और
गीत की धुन शंकर जयकिशन की देन है. मुकेश और शारदा इसे
गा रहे हैं राज कपूर और राजश्री के लिए.
बड़े गीत सुनने के लिए भी धैर्य चाहिए. सुनने वाले का दम निकल
जाता है.
गीत के बोल:
चले जाना ज़रा ठहरो
किसी का दम निकलता है
ये मंज़र देखकर जाना
चले जाना ज़रा ठहरो
किसी का दम निकलता है
ये मंज़र देखकर जाना
चले जाना ज़रा ठहरो
किसी का दम निकलता है
ये मंज़र देखकर जाना
अभी आए हो बैठो तो
ये मौसम भी सुहाना है
अभी आए हो बैठो तो
ये मौसम भी सुहाना है
अभी तो हाल-ए-दिल तुमको
निगाहों से सुनाना है
नज़र प्यासी ये दिल प्यासा
किसी का दम निकलता है
ये मंज़र देखकर जाना
चले जाना
हसीं झरनों के साये में
अकेला छोड़ जाते हो
हसीं झरनों के साये में
अकेला छोड़ जाते हो
हमारे दिल को आख़िर किसलिए
तुम तोड़ जाते हो
ज़रा दम लो कहा मानो
किसी का दम निकलता है
ये मंज़र देखकर जाना
चले जाना
हमारी जान हो तुम भी
अगर चल दीं तो फ़िर क्या है
हमारी जान हो तुम भी,
अगर चल दीं तो फ़िर क्या है
तुम्हारे बिन बहारों में
ख़ुशी क्या है मज़ा क्या है
ओ जान-ए-मन न जाओ तुम
किसी का दम निकलता है
ये मंज़र देखकर जाना
किसी का दम निकलता है
ये मंज़र देखकर जाना
चले जाना
क़सम खाती हूँ मैं अपनी
तुम्हें अब ना सताऊँगी
क़सम खाती हूँ मैं अपनी
तुम्हें अब ना सताऊँगी
तुम्हारी बात जो भी हो
वही मैं मान जाऊँगी
भरी आँखें रुकी सासें
किसी का दम निकलता है
ये मंज़र देखकर जाना
चले जाना ज़रा ठहरो
किसी का दम निकलता है
ये मंज़र देखकर जाना
चले जाना ज़रा ठहरो
किसी का दम निकलता है
ये मंज़र देखकर जाना
चले जाना
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Chale jaana zara thehro-Around the world 1967
Artists: Raj Kapoor, Rajshri
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