Aug 13, 2017

एक रुपया दोगे-शेरनी १९८८

सन १९८८ की फिल्म शेरनी से एक गीत सुनते हैं. आपने कई
हिंदी गीतों में छप्पन छुरी शब्द सुने होंगे. ये ना तो पचपन
हुई ना ही चौवन. गिनती हमेश से फिक्स रही है इन शब्दों में.
सुनने में अटपटे ज़रूर लगते हैं ये शब्द मगर चलन में हैं.

वर्मा मलिक के गीत को अनुराधा पौडवाल ने गाया है और इस
गीत कि तर्ज़ बनाई है कल्याणजी आनंदजी ने.



गीत के बोल:

आ गई आ गई आ गई
अरे छप्पन छुरी छम छम छम करत आ गई
हाँ तो क्या करेगी
अरे गायेगी नाचेगी झूमेगी और सबका दिल बहलाएगी
हाँ तो भाई जान मेहरबान कद्रदान कुछ क़दर कीजिए
याने सिर्फ़ एक रुपया दीजिए
मेरे भैया एक रुपया

एक रुपया
एक रुपया दोगे दो दो काम करूँगी
एक रुपया दोगे दो दो काम करूँगी
ओ पहले गाना गाऊँगी
पहले गाना गाऊँगी फिर सलाम करूँगी
एक रुपया
एक रुपया दोगे दो दो काम करूँगी
हो दो दो काम करूँगी

ज़रा चढ़ती जवानी के नज़ारे देखना
अरे जलवे ये जलवे कंवारे देखना
मैं तो अँखियों में भर दूँगी मीठे सपने
जो कुछ हैं तुम्हारे कुछ मेरे अपने
अरे जो भी करूंगी
हाँ हाँ जो भी करूँगी खुले आम करूँगी

एक रुपया
एक रुपया दोगे दो दो काम करूँगी
हो दो दो काम करूँगी

मेरे गालों पे ज़ुल्फ़ जो मचल जाएगी
मेरे गालों पे ज़ुल्फ़ जो मचल जाएगी
अरे कईयों की नीयत बदल जाएगी
मेरी पतली कमर में जो लोच आएगी
दीवाने दिलों को ये तड़पाएगी
हो मैं तो रातों की निंदिया
मैं तो रातों की निंदिया हराम करूँगी

एक रुपया
एक रुपया दोगे दो दो काम करूँगी
एक रुपया दोगे दो दो काम करूँगी
हो पहले गाना गाऊँगी
पहले गाना गाऊँगी फिर सलाम करूँगी
एक रुपया
एक रुपया दोगे दो दो काम करूँगी
हो दो दो काम करूँगी
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Ek rupya doge-Sherni 1988

Artist: Sridevi

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