Apr 26, 2009

मैं प्यार का राही हूँ-एक मुसाफिर एक हसीना १९६२

म्यूजिकल एक्स्ट्रावेगेंज़ा एक मुसाफिर एक हसीना से अगला गीत
सुनते हैं रफ़ी और आशा का गाया हुआ. एक आकर्षक धुन पर
तैरता ये गीत राजा मेहँदी अली खान का लिखा हुआ है. फिल्म
में दो गीतकारों के गीत हैं, दूसरे गीतकार हैं एस एच बिहारी.

परदे पर जो कलाकार हैं उनके नाम हैं जॉय मुखर्जी और साधना.
फिल्म के इस गीत को वीडियो नदारद रहा यू ट्यूब से लंबे समय
तक. यकायक फिर से उभर आया है जैसे बरसात में ज़मीन पर
घास उग आती है. आनंद उठायें.




गीत के बोल:

मैं प्यार का राही हूँ  तेरी ज़ुल्फ के साए में
कुछ देर ठहर जाऊँ
तुम एक मुसाफिर हो  कब छोड़ के चल दोगे
ये सोच के घबराऊँ
मैं प्यार का राही हूँ

तेरे बीन जी लगे ना अकेले
हो सके तो मुझे साथ ले ले
नाज़नीन तू नहीं जा सकेगी
छोड़ कर जिन्दगी के झमेले
नाज़नीन
नाज़नीन तू नहीं जा सकेगी
छोड़ कर जिन्दगी के झमेले
जब भी छाये घटा  याद करना ज़रा
सात रंगों की हूँ मैं कहानी

मैं प्यार का राही हूँ  तेरी ज़ुल्फ के साए में
कुछ देर ठहर जाऊँ
तुम एक मुसाफिर हो  कब छोड़ के चल दोगे
ये सोच के घबराऊँ
मैं प्यार का राही हूँ

प्यार की बिजलियाँ मुस्कुरायें
देखिये आप पर गिर ना जाएँ
दिल कहे देखता ही रहूँ मैं
सामने बैठकर ये अदाएं
हाय दिल कहे
दिल कहे देखता ही रहूँ मैं
सामने बैठकर ये अदाएं
ना मैं हूँ नाज़नीन  ना मैं हूँ माहजबीं
आप ही की नजर हैं दीवानी

मैं प्यार का राही हूँ  तेरी ज़ुल्फ के साए में
कुछ देर ठहर जाऊँ
तुम एक मुसाफिर हो  कब छोड़ के चल दोगे
ये सोच के घबराऊँ
मैं प्यार का राही हूँ
………………………………………………….
Main pyar ka raahi hoon-Ek musafir ek haseena 1962

Artists: Joy Mukherji, Sadhana

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP