टुकड़े हैं मेरे दिल के-मेरे सनम १९६५
थोड़ा गंभीर किस्म का गाना है ये। धैर्य चाहिए ऐसे गाने
सुनने के लिए । इसमे विश्वजीत और आशा पारेख नायक
नायिका हैं। मजरूह सुल्तानपुरी के लिखे बोलों को उतने ही
जतन से संगीत पहनाया है ओ पी नय्यर ने। गायक स्वर है
मोहम्मद रफी का।
गाने के बोल:
टुकड़े हैं मेरे दिल के, ऐ यार तेरे आँसू
देखे नहीं जाते हैं, दिलदार तेरे आँसू
टुकड़े हैं मेरे दिल के, ऐ यार तेरे आँसू
देखे नहीं जाते हैं, दिलदार तेरे आँसू
टुकड़े हैं मेरे दिल के, ऐ यार तेरे आँसू
कतरे नहीं छलके ये, आँखों के प्यालों से
मोती हैं मुहोब्बत के, इन फूल से गालों पे,
इन फूल से गालों पे
बहने नहीं दूंगा मैं बेकार तेरे आँसू
देखे नहीं जाते हैं, दिलदार तेरे आँसू
टुकड़े हैं मेरे दिल के, ऐ यार तेरे आँसू
अश्कों से भरा देखूँ, कैसे तेरी आँखों को
ऐ जाँ ये सुलगता ग़म, दे दे मेरी आँखों को,
दे दे मेरी आँखों को
पलकों पे उठा लूंगा, सौ बार तेरे आँसू
देखे नहीं जाते हैं, दिलदार तेरे आँसू
टुकड़े हैं मेरे दिल के, ऐ यार तेरे आँसू
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