काँटा लगा-समाधि १९७२
सिनेमा हाल में देखा वो झूम उठे थे इसको सुनके। फिल्म अलबत्ता ज्यादा
नहीं चली और जैसा कि इसका नाम है-समाधि, ये भी फ्लॉप होकर समाधि
की ओर अग्रसर हो गयी। धुन समय से आगे की धुन थी इसलिए ये गीत
रेडियो पर नियमित रूप से बजता रहा। लता मंगेशकर के गाये लोकप्रिय गीतों
में इसका अच्छा स्थान है। इसके संगीतकार राहुल देव बर्मन की विडम्बना ये
रही कि उनके गीतों के सबसे ज्यादा रीमिक्स बनाये गए। इस गीत का सबसे
ज्यादा चर्चित रीमिक्स शेफाली ज़रीवाला का गाया हुआ है। उसके बाद तो बाढ़
सी आ गयी। जब ये रीमिक्स २००० के आसपास आया तो कोई इसको यूँ गाता
-चांटा लगा और कोई यूँ-टांका लगा । रीमिक्स देख के लगता है सही शब्द होते
-ठप्पा लगा । मज़ेदार बात ये है कि इसमें आर डी बर्मन के ही एक और गीत
का संगीत डाला गया है-महबूबा महबूबा-शोले फिल्म के गीत से। इस गीत का
मीटर अजीब सा है उसके बावजूद ये गीत सुनने में आनंद देता है।
इसका रीमिक्स नीचे है:
गीत के बोल:
बंगले के पीछे तेरी, बेरी के नीचे
हाय रे पिया, आ हा रे आ हा रे, आ हा रे पिया
काँटा लगा, हाय लगा
हा आ जा हा राजा
बंगले के पीछे तेरी बेरी के नीचे
हाय रे पिया, आ हा रे आ हा रे, आ हा रे पिया
काँटा लगा, हाय लगा
हा राजा हा राजा
बंगले के पीछे तेरी बेरी के नीचे
हाय रे पिया
बिंदिया छिपाये रे लाली चुनर ओड़ के मूंद के मुखड़ा अपना
निकली अंधेरे में दुनिया के डर से मैं सजना
बिंदिया छिपाये रे लाली चुनर ओड़ के मूंद के मुखड़ा अपना
निकली अंधेरे में दुनिया के डर से मैं सजना
रात बैरन हुई ओ रे साथिया
देख हालत मेरी, आ लेकर जिया
हाय रे,बंगले के पीछे तेरी बेरी के नीचे
हाय रे पिया, आ हा रे आ हा रे, आ हा रे पिया
काँटा लगा, हाय लगा
हा आ जा हा राजा
बंगले के पीछे तेरी बेरी के नीचे
हाय रे पिया
आई मुसीबत तो अब सोचती हूँ मैं क्यूँ रह सकी ना तेरे बिन
सच ही तो कहती थीं सखियाँ फँसेगी तू एक दिन
आई मुसीबत तो अब सोचती हूँ मैं क्यूँ रह सकी ना तेरे बिन
सच ही तो कहती थीं सखियाँ फँसेगी तू एक दिन
भूल तो हो गई, जो किया सो किया
तू बचा ले बलम, आज मेरा जिया
हाय रे, बंगले के पीछे तेरी बेरी के नीचे
हाय रे पिया, आ हा रे आ हा रे, आ हा रे पिया
काँटा लगा, हाय लगा
हा आ जा हा राजा
बंगले के पीछे तेरी बेरी के नीचे
हाय रे पिया
सबको पुकारे अनाड़ी न समझे ये मिलने का सारा जतन है
कैसे बताऊँ ये चाहत की सैयाँ चुभन है
सबको पुकारे अनाड़ी न समझे ये मिलने का सारा जतन है
कैसे बताऊँ ये चाहत की सैयाँ चुभन है
ये वो काँटा सजन, जाये लेकर जिया
नैन सुईं लगे, तो निकले पिया
हाय रे, बंगले के पीछे तेरी बेरी के नीचे
हाय रे पिया, आ हा रे आ हा रे, आ हा रे पिया
काँटा लगा, हाय लगा
हा आजा हा राजा
बंगले के पीछे तेरी बेरी के नीचे
हाय रे पिया, हाय रे पिया
हाय रे
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Kaanta laga-Samadhi 1972
5 comments:
माइलस्टोन सोंग
हाँ माईलस्टोन-रॉक-माउंटेन सब कुछ है ये तो.
:)
इसे आज ही सुना है एक बार फिर से
हम तो इसे हफ्ते में एक बार सुन ही लेते हैं.
एक दिन ये गाना हमारे कलेक्शन में से बचाओ
चिल्लाता हुआ भागेगा.
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