ज़िन्दगी, ज़िन्दगी मेरे घर आना-दूरियां १९७९
शर्मिला टैगोर पर फिल्माया गया है। गायक कलाकार हैं भूपेंद्र
और अनुराधा पौडवाल । सुदर्शन फाकिर के बोलों को सुरों में पिरोया
है संगीतकार जयदेव ने।
जयदेव अपने सॉफ्ट किस्म के संगीत के लिए जाने जाते हैं। १९७९ में
ये लीक से हट कर बनी फिल्म आई थी जिसका निर्देशन भीमसेन ने
किया था।
जयदेव ने कई गायक प्रतिभाओं को अवसर दिए अपने संगीत में।
इस गीत में अनुराधा पौडवाल की आवाज़ है। अनुराधा पौडवाल
किसी समय लता के गानों के लिए डबिंग आर्टिस्ट भी रह चुकी हैं।
गाने के बोल:
ज़िंदगी ज़िंदगी मेरे घर आना
आना ज़िंदगी
ज़िंदगी ज़िंदगी मेरे घर आना
आना ज़िंदगी
ज़िंदगी , ओ ज़िंदगी मेरे घर आना, आना
मेरे घर आना
ज़िंदगी ज़िंदगी मेरे घर आना
आना ज़िंदगी
ज़िंदगी ज़िंदगी
मेरे घर का सीधा सा इतना पता है
ये घर जो है चारों तरफ़ से खुला है
न दस्तक ज़रूरी, ना आवाज़ देना
मेरे घर का दरवाज़ा कोई नहीं है
हैं दीवारें गुम और छत भी नहीं है
बड़ी धूप है दोस्त
खड़ी धूप है दोस्त
तेरे आंचल का साया चुरा के जीना, है जीना
जीना ज़िंदगी, ज़िंदगी
ओ ज़िंदगी मेरे घर आना
आना ज़िंदगी
ज़िंदगी मेरे घर आना
मेरे घर का सीधा सा इतना पता है
मेरे घर के आगे मुहब्बत लिखा है
न दस्तक ज़रूरी, न आवाज़ देना
मैं सांसों की रफ़्तार से जान लूंगी
हवाओं की खुशबू से पहचान लूंगी
तेरा फूल हूँ दोस्त
तेरी भूल हूँ दोस्त
तेरे हाथों में चेहरा छुपा के जीना है, जीना
जीना ज़िंदगी, ज़िंदगी
ओ ज़िंदगी मेरे घर आना
आना ज़िंदगी
ज़िंदगी मेरे घर आना
मगर अब जो आना तो धीरे से आना
ज़माने की शहज़ादी सोई हुई है
ये परियों के सपनों में खोई हुई है
बहुत ख़ूब है ये, तेरा रूप है ये
तेरे आँचल में तेरे दामन में
तेरे आँखों में तेरी पल्कों में
तेरे कदमों इसको बिठाके जीना है, जीना
जीना ज़िंदगी, ज़िंदगी
ओ ज़िंदगी मेरे घर आना
आना ज़िंदगी
ज़िंदगी मेरे घर आना
.............................................................
Zindagi zindagi mere ghar aana-Dooriyan 1979
Artists: Uttam Kumar, Sharmila Tagore
0 comments:
Post a Comment