मुझे छू रही हैं-स्वयंवर १९८०
वाकया भी है। एक बार हमारे मोहल्ले का एक कुत्ता बड़ी लय में 'वूँ,
व्हाऊँ " 'की ध्वनियाँ निकाल रहा था । उस रात उसने अपनी गायन
क्षमता का परिचय करा दिया। दूसरे दिन रेडियो पर ये गीत सुनाई
दिया जिसके शुरुआत में उस कुकुर देव के क्रंदन से मिलता जुलता
संगीत का टुकड़ा है ।
वो दिन है और आज का दिन, ये गीत जब भी कोई कुकुर देव अपना
क्रंदन शुरू करते हैं, दिमाग में बिजली की तरह कौंध जाता है। वो संगीत
एक बार गीत के अंत में भी सुनाई देता है।
शशि कपूर और मौसमी चटर्जी पर ये गीत फिल्माया गया है और गीत
की खासियत मौसमी की उँगलियों में पड़ी मोटी मोटी अंगूठियाँ हैं।
गीत के बोल:
मुझे छू रही है, तेरी गर्म साँसें,
मेरे रात और दिन महकने लगे है
तेरी नर्म साँसों ने ऐसे छुआ है,
के मेरे तो पांव , बहकने लगे है
लबों से अगर तुम, बुला ना सको तो
निगाहों से तुम नाम, लेकर बुला लो
तुम्हारी निगाहें बहुत बोलती है
ज़रा अपनी आँखों पे , पलकें गिरा दो
मुझे छू रही है, तेरी गर्म साँसें,
मेरे रात और दिन महकने लगे है
पता चल गया है के, मंजिल कहाँ है
चलो दिल के लम्बे, सफ़र पे चलेंगे
सफ़र ख़त्म कर देंगे हम तो वही पर
जहाँ तक तुम्हारे, कदम ले चलेंगे
मुझे छू रही है, तेरी गर्म साँसें,
मेरे रात और दिन महक ने लगे है...
तेरी नर्म साँसों ने ऐसे छुआ है,
के मेरे तो पांव, बहकने लगे हैं
..................................................................................
Mujhe chhoo rahi hain-Swayamwar 1980
0 comments:
Post a Comment