देवता माना और पूजा तेरी तस्वीर को १-अलबेला १९७१
आई थी और इसको पहली बार मैंने रेडियो पे सुना था। ये गीत मुझे हर
तीसरे चौथे दिन सुनने को मिल जाता था। इसमें लता मंगेशकर ने जो
"हाय" शब्द गाया है वो अंदाज़ आज तक वैसे ही याद है। धीरे धीरे जब
मैंने शंकर जयकिशन के संगीत पे थोड़ा दिमाग लगाना शुरू किया तो
पाया कि उनके गीतों में लता मंगेशकर "हाय" शब्द को बड़े ही अलग
अंदाज़ से गाती थीं।
गीत हसरत जयपुरी की कलम से निकला था। जिसका पता मुझे १९७६
में चला जब इसका एल. पी. एक संगीत प्रेमी के घर में देखने को मिला ।
इस गीत का फ़िल्म में बेहतर इस्तेमाल हो सकता था। निर्देशक की
कल्पनाशीलता शायद सीमित थी इसलिए ये फ़िल्म ज्यादा चली नहीं।
महमूद के अभिनय और कुछ गीतों के अलावा इस फ़िल्म में सर खपाने
के लिए कुछ सामान मौजूद नहीं है।
गीत के बोल:
देवता माना और पूजा तेरी तस्वीर को
देवता माना और पूजा तेरी तस्वीर को
तुम न मिल पाये हाय क्या करूं तकदीर को
देवता माना और पूजा तेरी तस्वीर को
तेरे चरणों तक न पहुँची और प्यासी रह गई
तेरे चरणों तक न पहुँची और प्यासी रह गई
चुप हुयी शहनाइयां मन में उदासी रह गई
मिट गई सारी खुशी
मिट गई सारी खुशी, रोना पड़ा तदबीर को
देवता माना और पूजा तेरी तस्वीर को
देवता माना और पूजा तेरी तस्वीर को
गर मेरी डोली गई तो तेरे घर पे जायेगी
गर मेरी डोली गई तो तेरे घर पे जायेगी
कह उठी जिंदगानी वो घड़ी भी आएगी
कौन लूटेगा भला
कौन लूटेगा भला, इस प्यार की जागीर को
देवता माना और पूजा तेरी तस्वीर को
देवता माना और पूजा तेरी तस्वीर को
तुम न मिल पाये हाय क्या करूं तकदीर को
देवता माना और पूजा तेरी तस्वीर को
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Devta maana aur pooja teri tasveer ko 1-Albela
Artist: Namrata
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