नदिया से दरिया-नमक हराम १९७३
एक और चर्चित गीत। फ़िल्म का नाम है नमक हराम और
ये गीत होली के अवसर पर गाया जा रहा है। ये बात अलग है
कि भांग पीने के बाद जो गीत है उसमे जाम का जिक्र है। हम
मान लेते हैं कि कोई भी नशीली चीज़ जो तरल अवस्था में हो
उसको जाम कहा जा सकता है। बोल आनंद बक्षी के हैं और संगीत
राहुल देव बर्मन का।
गाने के बोल:
नदिया से दरिया, दरिया से सागर
सागर से गहरा जाम
सागर से गहरा जाम
हो हो हो, जाम में डूब गयी यारों मेरे, जीवन की हर शाम
नदिया से दरिया, दरिया से सागर
सागर से गहरा जाम
सागर से गहरा जाम
हो हो हो, जाम में डूब गयी यारों मेरे, जीवन की हर शाम
जो ना पिये वो क्या जाने, पीते है क्यों हम दीवाने यार आ हा
जब से हमने पीना सीखा, जीना सीखा मरना सीखा यार आ हा
जो ना पिये वो क्या जाने, पीते है क्यों हम दीवाने यार आ हा
जब से हमने पीना सीखा, जीना सीखा मरना सीखा यार आ हा
ओ हम जब यूँ नशे में डगमगाने लग गये
हो हो हो, दिल की बेचैनी को आया थोड़ा सा आराम
नदिया से दरिया ........
मेरा क्या मैं ग़म का मारा, नशे में आलम है सारा यार, आ हा
किसी को दौलत का नशा, कहीं मुहब्बत का नशा यार, आ हा
मेरा क्या मैं ग़म का मारा, नशे में आलम है सारा यार, आ हा
किसी को दौलत का नशा, कहीं मुहब्बत का नशा यार, आ हा
हो ,कहकर ऐ शराबी सब पुकारें अब मुझे
हो हो हो, और कोई था, ये तो नहीं था, पहले मेरा नाम
नदिया से दरिया, दरिया से सागर
सागर से गहरा जाम
सागर से गहरा जाम
हो हो हो, जाम में डूब गयी यारों मेरे, जीवन की हर शाम
जाम में डूब गयी यारों मेरे, जीवन की ....
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Nadiya se dariya-Namak Haram 1973
Artists-Rajesh Khanna, Asrani, Rekha
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