दुल्हन बनूंगी- वो जो हसीना १९८३
बॉलीवुड में कभी कभार ऐसे गीत बनते हैं जो भावनाओं से भरपूर होते हैं।
ऐसा नहीं है कि अधिकांश गीत भावनामुक्त होते हैं । यहाँ भावना का
सहज उपजी भावनाओं से है। मिथुन और रंजीता की स्क्रीन केमिस्ट्री
तारीफ़- ए- काबिल रही है। एक गाना है फ़िल्म वो जो हसीना का
"दुल्हन बनूंगी" फ़िल्म ज्यादा पॉपुलर नहीं हुई इसलिए ये गाना भी
नेपथ्य में चला गया। इस गाने को लता और मन्ना डे ने गया है।
मेरी पसंद के युगल गीतों में से एक है। इस गाने को जब मैंने
पहली बार सुना था तभी से इसका विडियो देखने की इच्छा मेरे मन में थी।
एक कुतूहल था मन में कि इसका पिक्चराईजेशन कैसा होगा ? राम ळक्ष्मण
ने जितना भी संगीत दिया है अधिकतर कर्णप्रिय और लोकप्रिय रहा है।
गाने के बोल :
दुल्हन बनूंगी डोली चढूँगी
बोले हमारा कंगना
दूल्हा बनूँगा घोडी चढूँगा
आऊँगा तेरे अंगना
ओ मेरी जान तुझपे सदके
कुर्बान मैं तुझपे यारा
जन्मों का है नाता हमारा
सदियों का है याराना
ये रिश्ता पुराना है अपना
हमने तो है ये जाना
हम धारा, किनारा तुम
जीने का सहारा तुम
मारे खुशी के मर ही न जाऊं,
मुझको संभालो सजना
कल तक जो अधूरा था
वो आज पूरा हुआ है सपना
ओ मेरी जान तुझपे सदके
कुर्बान मैं तुझपे यारा
जय हो माताजी , जय हो माताजी (कोरस )
शेरा वाली माता ने हमें तुमसे मिलाया है
जय हो जोतावाली माता की,
वरदान ये आया है
अब जान रहे या जाए
कोई यारी छुडा न पाये
तूफ़ान आए अंधी डराए,
दीपक जलाये रखना
दुनिया से प्यारी दुनिया हमारी
सजनी सजाये रखना
ओ मेरी जान तुझपे सदके
कुर्बान मैं तुझपे यारा ........
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