तेरे द्वार खड़ा भगवान-वामन अवतार १९५५
इसके रचयिता और गायक गीतकार प्रदीप हैं।
संगीत है अविनाश व्यास का जो गुजराती मूल के
प्रतिभाशाली संगीतकार हैं। ये एक प्रेरणादायक गीत है
और अक्सर इसको धार्मिक स्थलों पर या धार्मिक आयोजनों
पर सुना जा सकता है। आकाशवाणी के कार्यक्रम जो भक्ति
संगीत पर आधारित होते हैं उनमे ये अक्सर बजा करता है।
गाने के बोल:
तेरे द्वार खड़ा भगवान, हो
तेरे द्वार खड़ा भगवान भगत भर दे रे झोली
तेरे द्वार खड़ा भगवान भगत भर दे रे झोली
तेरा होगा बड़ा एहसान
कि जुग-जुग तेरी रहेगी शान
भगत भर दे रे झोली
तेरे द्वार खड़ा भगवान भगत भर दे रे झोली
ओ, भगत भर दे रे झोली
डोल उठी है सारी धरती देख रे, डोला गगन है सारा
डोल उठी है सारी धरती देख रे, डोला गगन है सारा
भीख माँगने आया तेरे घर, जगत का पालनहारा रे
जगत का पालनहारा
मैं आज तेरा मेहमान,
कर ले रे मुझसे ज़रा पहचान
भगत भर दे रे झोली
तेरे द्वार खड़ा भगवान भगत भर दे रे झोली
ओ, भगत भर दे रे झोली
आज लुटा दे रे सरबस अपना मान ले कहना मेरा
आज लुटा दे रे सरबस अपना मान ले कहना मेरा
मिट जायेगा पल में तेरा जनम-जनम का फेरा रे
जनम-जनम का फेरा
तू छोड़ सकल अभिमान,
अमर कर ले रे तू अपना दान
भगत भर दे रे झोली
तेरे द्वार खड़ा भगवान भगत भर दे रे झोली
ओ भगत भर दे रे झोली
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