एक अजनबी हसीना से यूँ मुलाक़ात-अजनबी १९७३
रोमांटिक गीत सबसे ज्यादा ७० के दशक में सुनने को मिले।
इनमे से अधिकतर राजेश खन्ना के हिस्से में आए। उनमे से
भी अधिकतर का संगीत राहुल देव बर्मन द्वारा तैयार किया गया।
ये संयोग हो सकता है। जो भी हो, इस गीत का आनंद उठायें।
फ़िल्म का नाम अजनबी है और ये फ़िल्म का शीर्षक गीत है।
पार्टी का माहौल है और इसमें चित-परिचित खेल खेला जा
रहा है रुमाल वाला. इस बहाने से नायक जनता को बतलाने
वाला है कि उसकी प्रेमिका कौन है.
गाने के बोल:
एक अजनबी, हसीना से, यूँ मुलाकात, हो गई
फिर क्या हुआ, ये ना पूछो, कुछ ऐसी बात, हो गई
एक अजनबी ...
वो अचानक आ गई, यूँ नज़र के सामने
जैसे निकल आया घटा से चाँद
चेहरे पे ज़ुल्फ़ें, बिखरी हुई थीं
दिन में रात हो गई
एक अजनबी ...
जान-ए-मन जान-ए-जिगर, होता मैं शायर अगर
कहता ग़ज़ल तेरी अदाओं पर
मैंने ये कहा तो, मुझसे ख़फ़ा वो
जान-ए-हयात हो गई
एक अजनबी ...
खूबसूरत बात ये, चार पल का साथ ये
सारी उमर मुझको रहेगा याद
मैं अकेला था मगर, बन गई वो हमसफ़र
वो मेरे साथ हो गई
एक अजनबी, हसीना से, यूँ मुलाकात, हो गई
फिर क्या हुआ, ये ना पूछो, कुछ ऐसी बात, हो गई
एक अजनबी, हसीना से, यूँ मुलाकात, हो गई
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Ek ajnabi haseena se-Ajnabi 1973
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