तुम आ गए हो नूर आ गया-आंधी १९७५
संजीव कुमार और सुचित्रा सेन अभिनीत चर्चित फ़िल्म
आंधी का एक और अच्छा गीत। ये भी युगल गीत है , लता
और किशोर का गाया हुआ। अपने बाकी के दो जोडीदारों की
तरह ये उतना लोकप्रिय नहीं, मगर है सुनने लायक। गीत
गुलज़ार का लिखा हुआ है और संगीतबद्ध किया है आर डी बर्मन ने।
कार्डिगन की स्टाइल का स्वेटर लोकप्रिय करने में संजीव कुमार का
खासा योगदान रहा है। गुलज़ार की बनाई फिल्मों में विशेषकर
उन्होंने ये पहने हैं , इसका दूसरा उदाहरण है फ़िल्म-मौसम।
खैर हम तो संजीव कुमार की अभिनय प्रतिभा के कायल हैं,
स्वेटर से हमें क्या लेना ।
गाने के बोल:
किशोर: तुम आ गए हो नूर आ गया है
तुम आ गए हो नूर आ गया है
नहीं तो चराग़ों से लौ जा रही थी
लता: जीने कि तुमसे वजह मिल गई है
बड़ी बेवजह ज़िंदगी जा रही थी
किशोर: तुम आ गए हो नूर आ गया है
किशोर: कहाँ से चले कहाँ के लिये
ये खबर नहीं थी मगर
कोइ भी सिरा जहाँ जा मिला
वहीं तुम मिलोगे
के हम तक तुम्हारी दुआ आ रही थी
तुम आ गये हो नूर आ गया हैं
लता: नहीं तो चराग़ों से लौ जा रही थी
तुम आ गए हो नूर आ गया हैं
लता: दिन डूबा नहीं रात डूबी नहीं
जाने कैसा है सफ़र
ख़्वाबों के दिये आँखों में लिये
वहीं आ रहे थे
जहाँ से तुम्हारी सदा आ रही थी
तुम आ गये हो नूर आ गया हैं
नहीं तो चरागों से लौ जा रही थी
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