Aug 9, 2009

दीवाने हैं दीवानों को न घर चाहिए-ज़ंजीर

दीवाने हैं दीवानों को घर चाहिए, दर चाहिए
मोहब्बत भरी एक नज़र चाहिए

वाह जी वाह, क्या खूब कहा है गुलशन बावरा जी ने।

गुलशन बावरा जी का एक्टिंग का अपना सरल अंदाज़ था जो
कि सारी फिल्मों में, जिनमे उन्होंने अभिनय किया है, स्पष्ट है।
लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी के गाये फ़िल्म ज़ंजीर के इस
युगल गीत के साथ ही पुराने ज़माने के सिनेमा हॉल की यादें ताजा
हो आई हैं। इस फ़िल्म को मैंने उस वक्त देखा था जब यह फ़िल्म
सिल्वर जुबिली नहीं बनी थी।

इस गाने से जुडा हुआ एक वाकया है कि गायक रफ़ी रिकॉर्डिंग
के सत्र में किसी वजह से रुष्ट होकर स्टूडियो से बहार जाने लगे ।
तब गुलशन बावरा दौड़ के उनके पास गए और बोले -गुरु ये गाना
मुझपर ही फिल्माया जाने वाला है। ये सुनकर रफी का मूड थोड़ा
बदला और ये कहते हुए कि-पहले बतलाना था , वापस रिकॉर्डिंग के
लिए उपलब्ध हो गए। उसके बाद जिस मस्ताना अंदाज़ में रफ़ी ने
गाना गया वो गाने कि लोकप्रियता से पता चलता है। इस गाने को
कुछ लोग अमिताभ बच्चन का गाना मानते हैं। शायद महानायक
की महा-छबि से प्रभावित जनता उनके महिमा मंडन में इतनी
व्यस्त हो जाती है कि फ़िल्म इंडस्ट्री के बाकी के कलाकार उनको
दिखलाई नहीं देते हैं। उल्लेखनीय बात ये है कि इस गाने में
अमिताभ बच्चन का चेहरा भावहीन ज्यादा नज़र आता है। एक्टिंग
की बाजी इस गाने में जया भादुडी, गुलशन बावरा और उनके साथ
नाच रही अभिनेत्री ले जाते है। गौर कीजिये कितने स्वाभाविक
अंदाज़ में उस छोटे बालक ने ढोलक बजायी है। कल्याणजी आनंदजी
भाई को फुल मार्क्स गुलशन बावरा के बोलों को एक आकर्षक धुन
में पिरोने के लिए।



गीत के बोल:

आपके दिल में जो थोड़ी सी जगह मिल जाये
अपने अरमानों की बेताब कली खिल जाये

दीवाने हैं दीवानों को न घर चाहिए ना दर चाहिए
मुहब्बत भरी इक नज़र चाहिए
नज़र चाहिए
जवानी में जवानी के सहारे हो जवाँ मेरे मेहरबाँ
मुझे तू ही तू हमसफ़र चाहिए
हमसफ़र चाहिए

दीवाने हैं दीवानों को न घर चाहिए ना दर चाहिए
मुहब्बत भरी इक नज़र चाहिए
नज़र चाहिए

है सर पे हमारे खुला आसमाँ
खुला आसमाँ
है सर पे हमारे खुला आसमाँ
खुला आसमाँ
हमारे लिए है यही आशियाँ
यही आशियाँ
बिना प्यार के ज़िन्दगी कुछ नहीं
बिना प्यार के ज़िन्दगी कुछ नहीं
जहाँ प्यार है हर ख़ुशी है वहीं
हो फूलों भरी चाहे चाहे काँटों भरी
हाँ काँटों भरी
चले जिसपे तू वो डगर चाहिए
डगर चाहिए

दीवाने हैं दीवानों को न घर चाहिए ना दर चाहिए
मुहब्बत भरी इक नज़र चाहिए
नज़र चाहिए

निगाहों में ऐसे इशारे हुए
इशारे हुए
निगाहों में ऐसे इशारे हुए
इशारे हुए
के दिल ने कहा हम तुम्हारे हुए
तुम्हारे हुए
नज़र बन गई है ज़ुबाँ प्यार में
मज़ा आ गया जीत का हार में
मिलेगा वही माँगोगे जो दिलदार से
मगर प्यार से
दुआओं में अपनी असर चाहिए
असर चाहिए

दीवाने हैं दीवानों को न घर चाहिए ना दर चाहिए
मुहब्बत भरी इक नज़र चाहिए
नज़र चाहिए
जवानी में जवानी के सहारे हो जवाँ मेरे मेहरबाँ
मुझे तू ही तू हमसफ़र चाहिए
हमसफ़र चाहिए
……………………………………………….
Artists: Gulshan Bawra, ???, Amitabh Bachchan, Jaya Bhaduri, Unknown kid

2 comments:

प्रणव झा,  November 16, 2019 at 5:44 PM  

बोल तो दे दो गुरु

Geetsangeet November 18, 2019 at 8:42 PM  

१० साल बाद किसी ने मांगे हैं तो देना ही पड़ेगा !!!

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