मेर सुंदर सपना बीत गया-दो भाई १९४८
गीता दत्त के शुरूआती गीतों में सबसे ज्यादा बजा ये गीत। ये उस ज़माने का
गीत है जब फिल्मों के लिए गाने दो बार रिकॉर्ड किए जाते। रिकॉर्ड वाले
संस्करण से ये थोड़ा अलग है और मुझे तो कम से कम ज्यादा सहज और
मधुर लगता है। विडियो का प्रिंट थोड़ा ख़राब है। गीत राजा मेहँदी अली खान
का लिखा हुआ है और इसकी धुन बनाई है एस डी बर्मन ने। फ़िल्म दो भाई
सन १९४७ में आई थी। इस गीत को बने ६१ साल हो गए हैं.
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गाने के बोल:
मेरा सुन्दर सपना बीत गया
मैं प्रेम में सब कुछ हार गयी
बेदर्द ज़माना जीत गया
मेरा सुन्दर सपना बीत गया
क्यों काली बदरिया छाई है
क्यों कली कली मुस्कायी है
मेरी प्रेम कहानी खत्म हुई
मेरे जीवन का संगीत गया
मेरा सुन्दर सपना बीत गया
ओ, छोड़ के जाने वाले आ
दिल तोड़ के जाने वाले आ
आँखें असुवन में डूब गयीं, डूब गयीं
आँखें असुवन में डूब गयीं
हँसने का ज़माना बीत गया
मेरा सुन्दर सपना बीत गया
हर रात मेरी दिवाली थी
मैं पिया की होने वाली थी
इस जीवन को अब आग लगे, आग लगे
इस जीवन को अब आग लगे
मुझे छोडके जीवन मीत गया
मेरा सुन्दर सपना बीत गया
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