बलमा खुली हवा में-कश्मीर की कली १९६४
पर गा रही हैं आशा भोंसले शर्मिला टेगोर के लिए फ़िल्म
काश्मीर की कली में। इस गीत का विडियो मुझे नहीं
मिला यू ट्यूब पर, अतः इतने विवरण से ही काम चला
लीजिये ।
ज़रूरी नहीं है हर गीत का वीडियो यू-ट्यूब पर होना । ये
तो एक सुविधा मिली हुई ही हमें कि हम गाने अब देख
भी पाते हैं आसानी से अन्यथा टी वी के चैनलों पर निर्भर
थे हम सालों से, उसके पहले केवल सिनेमा हॉल में ही
देख पाते था ।
गीत के बोल:
बलमा खुली हवा में महकी हुई फ़िज़ा में
दिल चाहता है मेरा बहकना इधर उधर
पग पग चलूँ बलखाती
खुद भी न जानूँ कहाँ
कहता है ये दिल मतवाला
आज अपना है सारा जहाँ
हो हो हो हो
बलमा खुली हवा में
छुन छुन बोले मोरी पायल
आजा कहे साजना
आजा के ये सारे नज़ारे
सैंया फीके हैं तेरे बिना
हो हो ही ही
बलमा खुली हवा में महकी हुई फ़िज़ा में
दिल चाहता है मेरा बहकना इधर उधर
बलमा खुली हवा में
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Balma khuli hawa mein-Kashmir ki kali 1964
Artist-Sharmila Tagore
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