तेरा खिलौना टूटा बालक -अनमोल घड़ी १९४६
६३ साल पुरानी फिल्म अनमोल घडी से एक गीत । ये फिल्म
नूरजहाँ सुरेन्द्र जीनत बेगम और शमशाद के गाये गीतों के
लिए जानी जाती है। इसमें एक गीत रफ़ी का गाया हुआ भी है। ये
कम सुना हुआ गीत है जिसको लिखा है तनवीर नकवी ने और धुन
बनायीं है नौशाद ने। नौशाद के कैरियर में मील का पत्थर साबित हुई इस
फिल्म के लगभग सभी गीत चर्चित हैं । एक खिलौने बेचने वाला गीत
गा रहा है परदे पर। पञ्च लाइन है गाने की-दो कौड़ी में बिकता है इंसान।
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गाने के बोल:
तेरा खिलौना टूटा बालक
तेरा खिलौना टूटा
हैं क़िस्मत ने लूटा तुझको
हैं क़िस्मत ने लूटा
तेरा खिलौना टूटा
गगन पे बैठकर खेल निराली
खेले खेलनहार
देखो लोगों कठपुतली का
नाटक हैं संसार
हम तुम हैं सब खेल खिलौने
मीठे कड़वे और सलोने
खेलो बच्चों, ले लो बच्चों
दो कौड़ी में, बिकता है इनसान
ले लो भोला सा भगवान
ले लो भूखा हिंदुस्तान
ले लो ये मेड इन जापान
ये है लल्लू ये है ज्ञान
ये है कल्लू ये है प्राण
तू क्यूँ रोता चंदरभान
माँ ने पीटा मेरी जान
न हो रो रो के हलकान
तू है भारत की संतान
ले ले तू ये तीर कमान
मेरे प्यारे पहलवान
बचाले अपने घर की शान
पी ले बीड़ी खा ले पान
मेरे खिलौने दो दो आने
खेलो बच्चों ले लो बच्चों
लाया हूँ कागज़ का गुलबूटा
तेरा खिलौना टूटा
तेरा खिलौना टूटा बालक
तेरा खिलौना टूटा
हैं क़िस्मत ने लूटा तुझको
हैं क़िस्मत ने लूटा
तेरा खिलौना टूटा
गगन पे बैठकर खेल निराली
खेले खेलनहार
देखो लोगों कठ्पुतली का
नाटक हैं संसार
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