सावन की आई है बहार -अनजान १९५६
हेमंत कुमार के लिए राजेंद्र कृष्ण ने बहुत से गीत लिखे।
इनकी जोड़ी सौम्य और कर्णप्रिय गीतों के लिए जानी जाती
रही। हेमंत कुमार ने बहुत से गुमनाम फिल्मों में संगीत दिया
और फिल्म अनजान भी उन्ही में से एक फिल्म है। प्रदीप
कुमार और वैजयंतीमाला की जोड़ी की फिल्म नागिन में
सफल होता देख कर शायद निर्देशक एम् सादिक या फिल्म के
निर्माता ने सोचा होगा कि १९५४ की फिल्म नागिन की तरह ही
इस फिल्म को भी सफलता मिलेगी, सो संगीत निर्देशक भी
हेमंत कुमार को बना दिया गया। ऐसा हुआ नहीं और फिल्म
प्रसिद्धि से अनजान रह गयी। फिल्म नागिन का निर्देशन
नदलाल जसवंतलाल ने किया था। फिल्म अनजान का संगीत
जरूर सुनने लायक है। ये गीत सुनिए लता मंगेशकर का गाया हुआ।
गुइयाँ शब्द वाला एक गीत राजेंद्र कृष्ण की कलम से। आगे मिलेंगे
कुछ और गीत गुइयाँ वाले।
गीत के बोल:
हो हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ हो हो
हो हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ हो हो
सावन की आई है बहार
झूले पे मेरा प्यार सखी
झूलना झुलाए जा, ओ ओ ओ ओ
सावन की आई है बहार
सावन की आई है बहार
झूले पे मेरा प्यार सखी
झूलना झुलाए जा, हो ओ ओ ओ
हो सावन की आई है बहार
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
झूलना में झूलूँ गियाँ सब कुछ भूल के
झूलना में झूलूँ गियाँ सब कुछ भूल के
कभी गोरी देख ज़रा पिया संग झूल के
कभी गोरी देख ज़रा पिया संग झूल के
पिया संग झूल के, ओ ओ ओ
नैनों में आएगा खुमार
झूलूँगी सौ सौ बार सखी
झूलना झुलाए जा, ओ ओ ओ ओ
सावन की आई है बहार
झूले पे मेरा प्यार सखी
झूलना झुलाए जा, ओ ओ ओ ओ
हो सावन की आई है बहार
आ आ आ आ आ, आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ, आ आ आ आ आ
गोरी गोरी बैयों का झूलना बनाऊं मैं
गोरी गोरी बैयों का झूलना बनाऊं मैं
नज़रों की डोर डालूँ सैयां को झुलाऊँ मैं
नज़रों की डोर डालूँ सैयां को झुलाऊँ मैं
सैयां को झुलाऊं मैं, ओ ओ ओ ओ
मिलजुल के गायेंगे मल्हार
झूमेगा मेरा प्यार सखी
झुलना झुलाए जा, ओ ओ ओ ओ
सावन की आई है बहार
झूले पे मेरा प्यार सखी
झूलना झुलाये जा, ओ ओ ओ ओ
सावन की आई है बहार
झूले पे मेरा प्यार सखी
झुलना झुलाए जा, ओ ओ ओ ओ
सावन की आई है बहार
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