Showing posts with label Anmol Ghadi. Show all posts
Showing posts with label Anmol Ghadi. Show all posts

Aug 26, 2018

आवाज़ दे कहाँ है-अनमोल घडी १९४६

इस शब्द में कितनी कशिश है, कितना दम है. इस को
ले कर बने मुखड़े अधिकाँश हिट साबित हुए हैं-आवाज़.

इस गाने की तारीफ में आप ना जाने कितने पन्ने और
किताबें पढ़ चुके हैं, वो सब कम हैं क्या जो और विवरण
की तलाश में हैं.





गीत के बोल:

आवाज़ दे कहाँ है दुनिया मेरी जवाँ है
आबाद मेरे दिल में उम्मीद का जहाँ है
दुनिया मेरी जवाँ है
आवाज़ दे कहाँ है

आ रात जा रही है यूं जैसे चाँदनी की बारात जा रही है
आ रात जा रही है यूं जैसे चाँदनी की बारात जा रही है

चलने को अब फ़लक से तारों का कारवाँ है
चलने को अब फ़लक से तारों का कारवाँ है
ऐसे में तू कहाँ है
दुनिया मेरी जवाँ है
आवाज़ दे कहाँ है

किस्मत पे छा रही है क्यों रात की सियाही
किस्मत पे छा रही है क्यों रात की सियाही
वीराँ है मेरी नींदें तारों से ले गवाही
वीराँ है मेरी नींदें तारों से ले गवाही
बरबाद मैं यहाँ हूँ आबाद तू कहाँ है
बरबाद मैं यहाँ हूँ आबाद तू कहाँ है
बेदर्द आसमाँ है
दुनिया मेरी जवाँ है

आवाज़ दे कहाँ है
आवाज़ दे कहाँ है
…………………………………………………..
Aawaz de kahan hai-Anmol ghadi 1946

Artist: Noorjahan

Read more...

Feb 16, 2017

सोचा था क्या क्या हो गया-अनमोल घडी १९४६

सदा जवान गीत वे होते हैं जो कभी भी कहीं भी सुनो जवान
ही सुनाई देते हैं. पेश है ऐसा ही एक गीत सुरैया का गाया
हुआ जो फिल्म अनमोल घडी का है. फिल्म “प्रेशियस वाच’
का ये गीत तो वाकई प्रेशियस है.

आपको गर याद हो इस गीत की एक झलक श्रीदेवी वाली फिल्म
चालबाज़ के एक पैरोडीनुमा गीत में सुनाई दी थी. प्रस्तुत गीत
तनवीर नकवी का लिखा हुआ है और इसकी धुन बनाई है
नौशाद ने.



गीत के बोल:

सोचा था क्या क्या हो गया
क्या हो गया
अपना जिसे समझे थे हम
अफ़सोस वो अपना ना था
सोचा था क्या क्या हो गया
क्या हो गया

गैरो की इसमे क्या ख़ता
करते हैं अपनो से गिला
क्या हो गया क्या हो गया
सोचा था क्या क्या हो गया
क्या हो गया

ऐ दिल ना रो
ऐ दिल ना रो हैरान ना हो
होना था जो वो हो गया
रोने से अब क्या फ़ायदा
क्या हो गया क्या हो गया
सोचा था क्या क्या हो गया
क्या हो गया

जो कुछ भी देखा ख्वाब था
इस ख्वाब को अब भूल जा
भूल जा
क्या हो गया क्या हो गया
सोचा था क्या क्या हो गया
क्या हो गया
अपना जिसे समझे थे हम
अफ़सोस वो अपना ना था
सोचा था क्या क्या हो गया
क्या हो गया
………………………………………………………….
Socha tha kya kya ho gaya-Anmol ghadi 1946

Artist: Suraiya

Read more...

Feb 15, 2017

आ जा मेरी बरबाद मोहब्बत-अनमोल घडी १९४६

आ जा-इन शब्दों से काफी लोकप्रिय गीत बने हैं. उन गीतों
में कुछ ज्यादा ही लोकप्रिय हैं. एक ऐसा ही गीत सुनेंगे हम
अनमोल घडी फिल्म से. नूरजहाँ का गाया ये गीत आज भी
आपको किसी रेडियो चैनल पर सुनाई देगा.

तनवीर नकवी के बोल हैं और नौशाद का संगीत है. फिल्म में
दो गायिका-नायिकायें मौजूद हैं अपने समय की. नूरजहाँ और
सुरैया. दोनों कलाकार फिल्म संगीत के इतिहास में ऊंचा स्थान
रखते हैं. नूरजहाँ ने पडोसी देश में वो मुकाम हासिल किया
जो हमारे यहाँ लता मंगेशकर को हासिल है. नूरजहाँ गायन
के क्षेत्र में लता मंगेशकर से पहले आयीं.




गीत के बोल:

आ जा आ जा
आ जा मेरी बरबाद मोहब्बत के सहारे
है कौन जो बिगड़ी हुई तक़दीर संवारे
आ जा मेरी बरबाद मोहब्बत के सहारे
है कौन जो बिगड़ी हुई तक़दीर संवारे

आये भी ना थे खुश्क हुए आँखों में आँसू
हाय आँखों में आँसू
आये भी ना थे खुश्क हुए आँखों में आँसू
हाय आँखों में आँसू
निकले भी ना थे लुट गये अरमान बेचारे
है कौन जो बिगड़ी हुई तक़दीर संवारे

अंजाम-ए-मोहब्बत हमें मालूम है लेकिन
हमें मालूम है लेकिन
अंजाम-ए-मोहब्बत हमें मालूम है लेकिन
हमें मालूम है लेकिन
लेते हैं तेरे ग़म में उम्मीदों के सहारे
है कौन जो बिगड़ी हुई तक़दीर संवारे

था दिल को फ़कत तेरी मोहब्बत का सहारा
मोहब्बत का सहारा
हमने इसी उम्मीद पे दिन अपने गुज़ारे
है कौन जो बिगड़ी हुई तक़दीर संवारे

आ जा आ जा
आ जा मेरी बरबाद मोहब्बत के सहारे
है कौन जो बिगड़ी हुई तक़दीर संवारे
...........................................................................
Aa ja meri barbad mohabbat-Anmol ghadi 1946

Artist: Noorjahan

Read more...

Dec 27, 2016

क्यों याद आ रहे हैं-अनमोल घडी १९४६

फिल्म अनमोल घडी के गीत बने हुए कम से कम ७०
साल तो हो ही चुके हैं. फिल्म रिलीज़ हुई थी १९४६ में
तो हम मान लेते हैं इसके गीत १९४५ में बनना शुरू
हुए होंगे. ये पुराने संगीत का दम ही है जो हम इतने
पुराने गीत भी आज सुनते हैं.

तनवीर नकवी का लिखा, नौशाद द्वारा संगीतबद्ध और
सुरेन्द्र का गाया एक गीत सुनते हैं इसी फिल्म से. पूर्व
में हम आपको ३ गीत इस फिल्म से सुनवा चुके हैं



गीत के बोल:

क्यों याद आ रहे हैं
गुज़रे हुए ज़माने
ये दुःख भरे फ़साने
रोते हुए तराने
किसको सुना रहे हैं
क्यों याद रहे हैं

यूँ मुस्कुरा रहे हैं
देखो अगर तो समझो
आँसू बहा रहे हैं
यूँ मुस्कुरा रहे हैं
देखो अगर तो समझो
आँसू बहा रहे हैं

क्यों याद आ रहे हैं
गुज़रे हुए ज़माने

क्या बात है ना जाने
क्यों हिचकियों की लय पे
गाते हैं ग़म के गाने
क्या बात है ना जाने
क्यों हिचकियों की लय पे
गाते हैं ग़म के गाने
हम भोर के दिये हैं
हम भोर के दिये हैं
बुझते ही गा रहे हैं

क्यों याद आ रहे हैं
गुज़रे हुए ज़माने
......................................................................
Kyon yaad aa rahe hain-Anmol Ghadi 1946

Artist: Surendra

Read more...

May 27, 2016

उड़ान खटोले पे उड़ जाऊँ–अनमोल घडी १९४६

खाट का मतलब आप सभी जानते हैं जिसे चारपाई
भी कहा जाता है. खटोला मतलब छोटी खाट. खाट
खड़ी भी हो सकती है आडी भी हो सकती है. जैसे
चाहे रख लो इसे और जैसे चाहे इस पर पसर जाओ.

उड़न खटोला मतलब वो खटोला जो उड़ रहा हो या
उड़ता हो. हो सकता है इसका अर्थ हवाई जहाज़ से
हो या फिर हवा में उडती हुई कोई बग्घी. खटोला
अक्सर बैठने के काम ही आता है. इस पर केवल छोटे
बच्चे पसर सकते हैं. कुर्सी नाम की चीज़ बाद में
अस्तित्व में आई. उसको आप खटोले का एक्सटेंशन
कह सकते हैं. उड़ने वाली कोई चीज़ जिसपर बैठा जा
सके वो उड़न खटोला. फिल्म की नायिका कुछ इच्छा
कर रही है फिल्म अनमोल घडी के गाने में. बोल
लिखे हैं तनवीर नकवी ने और इसकी धुन बनाई है
नौशाद ने. ये गीत प्रसिद्ध और प्रचलित गीत है.




गीत के बोल:

उड़ान खटोले पे उड़ जाऊँ  तेरे हाथ ना आऊँ
हाँ आ आ आ  तेरे हाथ ना आऊँ
उड़ान खटोले पे उड़ जाऊँ  तेरे हाथ ना आऊँ
हाँ आ आ आ  तेरे हाथ ना आऊँ
दूर दूर से करूँ इशारे  और तुझको तरसाऊँ
चंदा की खिड़की से झाकूँ
झाकूँ और छुप जाऊँ

उड़ान खटोले पे उड़ जाऊँ  तेरे हाथ ना आऊँ
हाँ आ आ आ  तेरे हाथ ना आऊँ

हो ओ ओ ओ ओ ओ  ओ ओ ओ
ये और गुज़रती जाए  लंबी उँची नीची रहे
गलियाँ और बाज़ार  हा आ आ
गलियाँ और बाज़ार
मेरा पहिया
मेरा पहिया ऐसे भागे  जैसे मोटर कार
भागे सब संसार  भागे सब संसार
सूरज भागे चंदा भागे  अंधियारा उजियारा भागे
धरती दौड़े पीछे को मैं आगे बढ़ती जाऊँ
तेरा हाथ पकड़ के तुझको दूर कही ले जाऊँ
मैं फिर भी हाथ ना आऊँ फिर भी हाथ ना आऊँ
उड़ान खटोले पे उड़ जाऊँ  तेरे हाथ ना आऊँ
.......................................................................
Udan khatole pe uda jaaoon-Anmol Ghadi 1946

Read more...

Nov 17, 2010

जवां है मोहब्बत-अनमोल घडी १९४६

हर दौर के कुछ प्रतिनिधि गीत होते हैं। उन गीतों से उस
समय के चलन का अंदाजा होता है। हर एक दशक में थोड़े
बदलाव आ जाते हैं। एक ऐसा ही प्रतिनिधि गीत है ४० के
उत्तरार्ध का। अनमोल घडी एक सफल फिल्म थी और इसके
गीत खूब बजे थे। बजे थे क्या यूँ कहिये आज भी चाव से सुने
जाते हैं। अंकल जी, आंटी जी , दादाजी और दादीजी सुना करते
हैं। चुन्नू-मुन्नू तो रीमिक्स सुनते हैं ना !

ये एक सदाबहार गीत है और आज भी युवा लगता है।
गौर फरमाएं भारी आवाज़ वाली गायिकाएं फिर से हिंदी
फिल्म संगीत में पैर ज़माने लगी हैं। बस फर्क उस दौर
और आज के दौर में ये है कि गाने की पट्टी थोड़ी ऊंची हो
गई है और शोरगुल ज्यादा हो गया है। जो हमें शोर लगता
है वही आज की पीढ़ी को झकास म्यूजिक लगता है।

अनमोल घडी के इस गीत को लिखा है तनवीर नकवी ने और
धुन बनाई है नौशाद ने। परदे पर और उसके पीछे दोनों जगह
नूरजहाँ ही इस गीत को गा रही हैं। नूरजहाँ के करियर में यह
गीत एक मील का पत्थर है। पिछला गीत आपने सुना था
सुरिंदर कौर का, उससे इस गीत की तुलना करिए और दोनों
गायिकाओं की आवाज़ में अंतर पता लगाइए तब तक मैं एक
और पोस्ट का मसाला बनाता हूँ।




गीत के बोल:

जवां है मोहब्बत हसीं है ज़माना
लुटाया है दिल ने ख़ुशी का खज़ाना

जवां है मोहब्बत हसीं है ज़माना
लुटाया है दिल ने ख़ुशी का खज़ाना

मोहब्बत करे खुश रहे मुस्कुराये
खुश रहे मुस्कुराये
मोहब्बत करे खुश रहे मुस्कुराये
खुश रहे मुस्कुराये

ना सोचे हमें क्या कहेगा ज़माना
क्या कहेगा ज़माना

जवां है मोहब्बत हसीं है ज़माना
लुटाया है दिल ने ख़ुशी का खज़ाना

अभी तक मुझे याद है वो कहानी
याद है वो कहानी
अभी तक मुझे याद है वो कहानी
याद है वो कहानी

ना भूलेगा बचपन का रंगीन ज़माना
हाँ रंगीन ज़माना

जवां है मोहब्बत हसीं है ज़माना
लुटाया है दिल ने ख़ुशी का खज़ाना

यहाँ आँखों आँखों में बात हुई है
यहाँ आँखों आँखों में बात हुई है

किसी ने ना देखा किसी ने ना जाना
हाँ किसी ने ना जाना

जवां है मोहब्बत हसीं है ज़माना
लुटाया है दिल ने ख़ुशी का खज़ाना

तुम आये के बचपन मेरा लौट आया
लौट आया
तुम आये के बचपन मेरा लौट आया
लौट आया

मिला है मुझे ज़िन्दगी का बहाना
ज़िन्दगी का बहाना

जवां है मोहब्बत हसीं है ज़माना
लुटाया है दिल ने ख़ुशी का खज़ाना

Read more...

Sep 8, 2009

तेरा खिलौना टूटा बालक -अनमोल घड़ी १९४६

६३ साल पुरानी फिल्म अनमोल घडी से एक गीत । ये फिल्म
नूरजहाँ सुरेन्द्र जीनत बेगम और शमशाद के गाये गीतों के
लिए जानी जाती है। इसमें एक गीत रफ़ी का गाया हुआ भी है। ये
कम सुना हुआ गीत है जिसको लिखा है तनवीर नकवी ने और धुन
बनायीं है नौशाद ने। नौशाद के कैरियर में मील का पत्थर साबित हुई इस
फिल्म के लगभग सभी गीत चर्चित हैं । एक खिलौने बेचने वाला गीत
गा रहा है परदे पर। पञ्च लाइन है गाने की-दो कौड़ी में बिकता है इंसान।
............



गाने के बोल:

तेरा खिलौना टूटा बालक
तेरा खिलौना टूटा
हैं क़िस्मत ने लूटा तुझको
हैं क़िस्मत ने लूटा
तेरा खिलौना टूटा

गगन पे बैठकर खेल निराली
खेले खेलनहार
देखो लोगों कठपुतली का
नाटक हैं संसार
हम तुम हैं सब खेल खिलौने
मीठे कड़वे और सलोने
खेलो बच्चों, ले लो बच्चों
दो कौड़ी में, बिकता है इनसान

ले लो भोला सा भगवान
ले लो भूखा हिंदुस्तान
ले लो ये मेड इन जापान
ये है लल्लू ये है ज्ञान
ये है कल्लू ये है प्राण
तू क्यूँ रोता चंदरभान
माँ ने पीटा मेरी जान
न हो रो रो के हलकान
तू है भारत की संतान
ले ले तू ये तीर कमान
मेरे प्यारे पहलवान
बचाले अपने घर की शान
पी ले बीड़ी खा ले पान

मेरे खिलौने दो दो आने
खेलो बच्चों ले लो बच्चों
लाया हूँ कागज़ का गुलबूटा
तेरा खिलौना टूटा

तेरा खिलौना टूटा बालक
तेरा खिलौना टूटा
हैं क़िस्मत ने लूटा तुझको
हैं क़िस्मत ने लूटा
तेरा खिलौना टूटा
गगन पे बैठकर खेल निराली
खेले खेलनहार
देखो लोगों कठ्पुतली का
नाटक हैं संसार

Read more...
© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP