दिए जलते हैं-नमक हराम १९७३
मित्रता को समर्पित ये गीत फिल्माया गया है हिन्दी सिनेमा के दो
महानायकों राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन पर। किशोर कुमार
के जितने भी गीत राजेश खन्ना पर फिल्माए गए हैं उनमे एक अलग
ही मज़ा है। ये थोड़ा दार्शनिक किस्म का गीत है इसलिए थोड़ा सुनने
में ज्यादा मज़ा देता है। राजेश खन्ना की मुस्कान शानदार है, इसमे
कोई संदेह नहीं। इस गीत के रचनाकार हैं आनंद बक्षी और संगीतकार
हैं आर डी बर्मन। ये हिन्दी सिनेमा के सर्वकालीन लोकप्रिय गीतों में
से एक है।
गाने के बोल:
दिए जलते हैं, फूल खिलते हैं
बड़ी मुश्किल से मगर दुनिया में
दोस्त मिलते हैं
जब जिस वक्त किसी का प्यार जुदा होता है
कुछ न पूछो यारों दिल का हाल बुरा होता है
जब जिस वक्त किसी का प्यार जुदा होता है
कुछ न पूछो यारों दिल का हाल बुरा होता है
दिल पे यादों के जैसे तीर चलते हैं
दिए जलते हैं, फूल खिलते हैं
दिए जलते हैं
दौलत और जवानी एक दिन खो जाती है
सच कहता हूँ सारी दुनिया
दुश्मन हो जाती है
दौलत और जवानी एक दिन खो जाती है
सच कहता हूँ सारी दुनिया
दुश्मन हो जाती है
उम्र भर दोस्त लेकिन साथ चलते हैं
दिए जलते हैं, फूल खिलते हैं
बड़ी मुश्किल से मगर दुनिया में
दोस्त मिलते हैं
दिए जलते हैं, फूल खिलते हैं
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