सावन का महीना आ गया-नहले पे देहला १९७६
इस गीत को गाया है किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने.
कुछ विचित्र सी भावनाएं हैं इस गाने में जो फ़िल्म देखे बिना
समझना मुश्किल है। इस गाने की धुन तबियत से बनाई गई है,
इसलिए बोलों पर गौर न भी किया जाए तो ये अच्छा लगता है।
गाने की तुकबंदी को समझने के लिए दिमागी कसरत की जरूरत है ।
सुनील दत्त और सायरा बानो पर ये गाना फिल्माया गया है। इसको हम
आसानी से सावन का गीत कह सकते हैं। संगीतकार हैं आर. डी. बर्मन।
गाने के बोल:
सावन का महीना आ गया, हो
सावन का महीना आ गया
सावन का महीना आ गया, हो
जीना नहीं आता था जिन लोगों को
उन लोगों को जीना आ गया
सावन का महीना आ गया, हो
हो, पीना नहीं आता था जिन लोगों को
उन लोगों को पीना आ गया है,
सावन का महीना आ गया
कितने बरस तरसे,
अबके बरस बरसे
कितने बरस तरसे,
अबके बरस बरसे
अम्बर पे बादल,
धरती पे प्रेमी पागल
कितने बरस तरसे
हो रब जाने क्या बात हुई
कैसे ये बरसात हुई
तूने अंगडाई जो ली तो
कलियों को,
कलियों को पसीना आ गया है
सावन का महीना आ गया
पानी नहीं बरसा
हाय, बरसी है आग पिया
पानी नहीं बरसा
हाय, बरसी है आग पिया
कहते हैं सब के बैरन बरखा में
अबके, पानी नहीं बरसा
हो, आग तो फ़िर बुझ जाती है
प्यास बहुत तडपती है
काहे तुम प्यासे मौजों में, इस दिल का
इस दिल का तपीना आ गया , हो
सावन का महीना आ गया
जीना नहीं आता था जिन लोगों को
उन लोगों को जीना आ गया , हो
सावन का महीना आ गया
सावन का महीना आ गया है
सावन का महीना आ गया
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Sawan ka mahina aa gaya-Nehle pe dehla 1976
Artists: Saira Bano, Sunil Dutt
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