तेरा मेरा साथ रहे -सौदागर १९७३
इस फ़िल्म से रवीन्द्र जैन ने हिन्दी फ़िल्म संगीत के क्षेत्र
में आगमन का बिगुल बजाया था। बॉलीवुड की सबसे सुंदर और
प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में शामिल नूतन अपनी हर फ़िल्म में विशिष्ट
छाप छोड़ने में सफल रही हैं। उनकी भावाभिव्यक्ति का जोड़ नहीं।
इस गाने में कहीं से भी आभास नहीं होता की उनकी ढलती आयु से
उनके अभिनय कौशल पर जरा भी प्रभाव पड़ा हो। रवीन्द्र जैन ने
लता मंगेशकर से जितने भी गीत गवाए हैं वो सुनने लायक हैं। बीच
करियर में उन्होंने "हेम"- लता से ज्यादा गाने गवाए। उसमे से कितने
लोकप्रिय हुए कितने नहीं श्रोता बखूबी जानते हैं। ये गीत उन गीतों में से
एक है जिसको हम अंग्रेज़ी में "डिवाईन " कहते हैं यानि कि
अलौकिक धुन। कितना स्वाभाविक लगता है ये गीत। इसमे
आप भूल जायेंगे कि लता मंगेशकर ऊंची पट्टी पर गा रही हैं।
गाने के बोल:
तेरा मेरा साथ रहे
तेरा मेरा साथ रहे
तेरा मेरा साथ रहे
तेरा मेरा साथ रहे
धूप हो, छाया हो, दिन हो कि रात रहे
तेरा मेरा साथ रहे
हो, तेरा मेरा साथ रहे
दर्द की शाम हो, या सुख का सवेरा हो
सब गवारा है मुझे, साथ बस तेरा हो
साथ बस तेरा हो
साथ बस तेरा हो
जीते जी, मर के भी, हाथ में हाथ रहे
तेरा मेरा साथ रहे
तेरा मेरा साथ रहे
कोई वादा न करे, कभी खाये न कसम
जब कहे बस यह कहे, मिलके बिछडेंगे न हम
मिलके बिछडेंगे न हम
मिलके बिछडेंगे न हम
प्यार की, प्रीत की, यूँही बरसात रहे
तेरा मेरा साथ रहे
तेरा मेरा साथ रहे
हो, हो हो, हो हो.....
बीच हम दोनों के, कोई दीवार न हो
तू कभी मेरे खुदा, मुझसे बेज़ार न हो
बीच हम दोनों के, कोई दीवार न हो
तू कभी मेरे खुदा, मुझसे बेज़ार न हो
मुझसे बेज़ार न हो
मुझसे बेज़ार न हो
सबके, होठों पे, अपनी ही बात रहे
तेरा मेरा साथ रहे
तेरा मेरा साथ रहे
धूप हो, छाया हो, दिन हो कि रात रहे
तेरा मेरा साथ रहे
हो, तेरा मेरा साथ रहे
तेरा मेरा साथ रहे
तेरा मेरा साथ रहे
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