आज सोचा तो आंसू भर आए-हँसते ज़ख्म १९७३
ऐसे गाने जिनके साथ कहानियाँ और किस्से जुड़े हैं आपने
जरूर सुने होंगे। एक ऐसा ही गीत है फ़िल्म हँसते ज़ख्म का
जिसका शुमार लता मंगेशकर के गाये सर्वश्रेष्ठ दर्द भरे गीतों
में किया जाता , वो है-"आज सोचा तो आंसू भर आए "
इस गाने से जुड़ा हुआ वाक्या यूँ है कि लता मंगेशकर इस गाने की
रिकॉर्डिंग करते वक्त इतनी ज्यादा दुखी हों गयीं कि उनकी स्वयं
की आँखों में से आंसू निकलने लगे। संगीतकार मदन मोहन ने
रिकॉर्डिंग रुकवाई। गाने की रिकॉर्डिंग बाद में की गई। इसके बोल
लिखे हैं कैफी आज़मी ने। फ़िल्म में गीत प्रिया राजवंश पर फिल्माया
गया है। देखने में ये उतना दुखी नहीं करता है जितना सुनने में।
गाने के बोल :
आज सोचा तो आंसू भर आए
मुद्दतें हों गई मुस्कुराये
हर कदम पर उधर मुड़कर देखा
हर कदम पर उधर मुड़कर देखा
उनकी महफिल से हम उठ तो आए
आज सोचा तो आंसू भर आए....
रह गई ज़िन्दगी दर्द बन के
दर्द दिल में हैं छुपाये छुपाये
आज सोचा तो आंसू भर आए.....
दिल की नाज़ुक रगें टूटती हैं
याद इतना भी कोई न आए
आज सोचा तो आंसू भर आए
मुद्दतें हों गई मुस्कुराये
आज सोचा तो आंसू भर आए
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