Oct 29, 2009

बलमा जा बलमा जा-आराम १९५१

युवा लता की आवाज़ का जादू कैसा सर चढ़ के बोला ये
जिनके बाल सफ़ेद हो चुके हैं, उनसे पूछिए। फ़िल्म आराम
का ही एक और गीत आगे पेश है। इसमे सब कुछ है -आवाज़ की
सारी बाजीगरी। जो लोग दूसरी गायिकाओं से लता मंगेशकर की
तुलना करते हैं और कुछ विशेष गुण ढूंढते हैं उनको जरूर एक बार
इस गीत को सुनना चाहिए। अब उनको कौन समझाए कि, सर्वश्रेष्ठ
लता के लिए ही सुरक्षित रखा था ईश्वर ने, तो इसमें आदमी की क्या
हिम्मत, कि प्रारब्ध को बदल सके। मेरा इशारा उन संगीत भक्तों की
तरफ़ है जो एक अंग्रेज़ी का शब्द अक्सर इस्तेमाल करते हैं -
Versatility. वरसेटिलिटी का इससे अच्छा उदाहरण क्या मिलेगा कि
नर्गिस से लेकर प्रिटी जिन्टा पर लता की आवाज़ फिट बैठ जाती है ।
हेलन के लिए भी उन्होंने कई गीत गाये या यूँ कहिये उनसे गवाए गए ।



गाने के बोल:

बालमवा , नादान
बालमवा , नादान
समझाए न समझे
दिल की बतियाँ

बालमवा , नादान
बालमवा , नादान
हो नादान, हो नादान

बलमा जा जा जा
बलमा जा जा जा
अब कौन तुझे समझाए,
ओ, बलमा जा जा जा
बलमा जा

मैं चन्दा की चांदनी हूँ
मैं तारों की रानी
मैं चन्दा की चांदनी हूँ
मैं तारों की रानी

मेरे मतवाले नैनों से
छलके मस्त जवानी
मेरे मतवाले नैनों से
छलके मस्त जवानी

इन नैनों की बलमा तूने
कोई कदर न जानी

ओ, बलमा जा जा जा
बलमा जा जा जा
अब कौन तुझे समझाए
ओ बलमा जा

एक रात की ये महफिल है ये
झूम ले ओ मस्ताने
एक रात की ये महफिल है ये
झूम ले ओ मस्ताने

देख शमा पर आकर
कैसे मरते हैं परवाने
देख शमा पर आकर
कैसे मरते हैं परवाने

जी के मरना, मर के जीना,
पगले तू क्या जाने

ओ, बलमा जा जा जा
बलमा जा जा जा
अब कौन तुझे समझाए
ओ बलमा जा

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP